'हरकती' धोबी को गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त धोने और इस्त्री करने की सजा!
छेड़खानी और दुष्कर्म करने की कोशिश करने वाले एक आरोपी को कोर्ट ने ऐसी सजा सुना डाली जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी. इस आरोपी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इसकी जिंदगी आने वाले 6 महीने में बद से बदतर हो जाएगी. भाई साहब, सजा ही कुछ ऐसी है कि यह आरोपी कभी जिंदगी में किसी महिला को छेड़ने की कोशिश नहीं करेगा...
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कुछ लोगों पर इश्क का ऐसा भूत सवार होता है कि वे लड़कियों या महिलाओं का जीना हराम कर देते हैं. इश्क में सनके लोगों को ये तक समझ नहीं आता कि इससे लड़कियों या महिलाओं को मानसिक तौर पर कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे मनचलों को सबक सिखाने के लिए कोर्ट ने एक ऐसी सजा सुनाई जिसे जानकर इश्क का भूत एक झटके में उतर जाएगा.
छेड़खानी और दुष्कर्म करने की कोशिश करने वाले एक आरोपी को कोर्ट ने ऐसी सजा सुना डाली जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी. इस आरोपी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इसकी जिंदगी आने वाले 6 महीने में बद से बदतर हो जाएगी. भाई साहब, सजा ही कुछ ऐसी है कि यह आरोपी कभी जिंदगी में किसी महिला को छेड़ने की कोशिश नहीं करेगा और इस खबर को पढ़ने वाले लोग महिला के साथ गंदी हरकत करने से पहले सौ बार सोचेंगे.
6 महीने तक कपड़े धोकर शायद सुधर जाए आरोपी
हम जिस मामले की बात कर रहे हैं यह बिहार के मधुबनी जिले का है. यहां एक आदमी पर आरोप लगा है कि उसने एक महिला के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने की कोशिश की. बात जब एडीजे कोर्ट तक पहुंची तो दुष्कर्म के आरोपी को एक अनोखी सजा सुनाई गई. आरोपी को कोर्ट ने आदेश दिया कि वह 6 महीने तक गांव की महिलाओं के फ्री में कपड़े धोएगा, साथ ही कपड़ों पर प्रेस (आयरन) भी करेगा. साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए के दो जमानतदार भी देने को कहा.
झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने आरोपी को इसी शर्त पर जमानत पर रिहा किया. 20 साल के इस आरोपी का नाम ललन कुमार है जो कि पेशे से धोबी है. आरोपी पर 17 अप्रैल को एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म की कोशिश का आरोप है. 19 अप्रैल को इसे गिरफ्तार किया गया. जब मामला कोर्ट तक पहुंचा तो सजा सुनकर आरोपी हैरान रह गया. साथ ही जब यह खबर आम लोगों तक पहुंची तो वायरल हो गई.
कोर्ट ने 6 महीने बाद आरोपी को मुखिया या सरपंच या सरकारी अधिकारी से अपनी शर्त का पालन करते हुए फ्री सेवा का प्रमाण पत्र भी सौंपने का आदेश दिया. आरोपी युवक फ्री में सेवा दे रहा है या नहीं, इस पर नजर रखने के लिए जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजे जाने की बात कही. आपको बता दें कि एडीजे अविनाश कुमार अपने अनोखे फैसलों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं. इससे पहले भी वे कई आरोपियों को ऐसी सजा दे चुके हैं जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है.
फिलहाल, बिना लबर-लबर किए वह 6 महीने तक गांव की महिलाओं के कपड़े धोएगा, सुखाएगा और फिर इस्तरी भी करेगा, वह भी बिलकुल मुफ्त...
मामला कोर्ट में आया तो उस व्यक्ति ने न सिर्फ अपनी गलती मान ली, बल्कि महिला से माफी भी मांगी. लिहाजा, कोर्ट ने उसे जमानत देते हुए यह फैसला सुनाया...चलो अपनी किए गलती का इस इंसान को एहसास तो हुआ और अफसोस नहीं भी होगा तो 6 महीने कपड़े धोकर हो ही जाएगा, क्योंकि जब भी वह महिलाओं के कपड़े धोएगा तो उसे याद आएगा कि उसे आखिर ये सजा क्यों मिली?
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