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समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
महिला को किस करके भागने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, यह मजाक नहीं है
इस वीडियो को देखने वाले स्तब्ध रह जा रहे हैं. दिमाग एकदम सन्न हो जाता है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हमारा तो इस बारे में सोच के ही दिमाग गिनगिना जाता है तो सोचिए पीड़ित महिला पर क्या बीत रही होगी?
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
भरे बाजार में आज बाबू कहकर आवाज क्या लगाई, कुछ इधर गिरे कुछ उधर
समाज की मनोदशा से रूबरू कराती एक लघू व्यंग्य कथा...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
देह के शिकारियों के लिए दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष का महिला होना काफी है
स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी हुई है और इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि आखिरकार हैं तो वे एक लड़की ही. क्योंकि छे़ड़खानी करने वालों को लगता है कि लड़की है तो छेड़ा जा सकता है...लड़की है क्या कर लेगी? लड़की है मतलब कमजोर है? लड़की है कहां जाएगी?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लड़की के फ्रेंडली होने का मतलब आपकी मर्जी में उसकी हां नहीं है
अगर लड़की मिलनसार है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों के गलत इरादों के लिए हां कहेगी. इसलिए ऐसे पुरुषों को अपनी गंदी मानसिकता अपने पास रखनी चाहिए.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कोरियाई यूट्यूबर से छेड़छाड़ करने वालों पर शर्मिंदा न हों, बहुसंख्यक तो अथर्व जैसे हीरो ही हैं
कोरियाई लड़की (Korean Girl) से छेड़छाड़ (Molest) करने वाले मोबीन और मोहम्मद की वजह से जो शर्मिंदगी महसूस की जा रही है. वो हमारे समाज के बहुसंख्यक अथर्व जैसे लोगों को नहीं महसूस करनी चाहिए. क्योंकि, अथर्व को महिलाओं का सम्मान करने के संस्कार पहले से ही मिले हुए हैं. लेकिन, मोबीन और मोहम्मद जैसे छपरियों के लिए लड़कियां सिर्फ इस्तेमाल किए जाने की चीज ही हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
ऑटो और कैब में लगा रियर व्यू मिरर लड़कियों के मन में दहशत ही पैदा करता है
मुंबई के एनजीओ वॉचडॉग फाउंडेशन ने सीएम एकनाथ शिंदे और राज्य के परिवहन अधिकारियों से ऑटो में लगे शीशे को हटाने की मांग की है. एनजीओ ने अपनी शिकायत में कहा है कि ऑटो में यात्रा करने के दौरान ड्राइवर महिलाओं खासकर लड़कियों को काफी देर तक घूरते हैं जिससे वे असहज महसूस करती हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लड़की को 'आइटम' कहना अपमानजनक है, इतनी सी बात समझ क्यों नहीं आती?
किसी लड़की को आइटम कहना असल में उसका उत्पीड़न करना ही है. एक मामले में अबरार नूर मोहम्मद खान के खिलाफ कोर्ट ने बिल्कुल सही फैसला सुनाया है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लाइगर का 'आफत' गाना, एक रोमांटिक गाने में 'रेप फैंटासी' क्यों?
लाइगर फिल्म का गाना 'आफत' बलात्कार संस्कृति को ऐसे सजा कर पेश कर रहा है, जैसे यह कितनी सामान्य सी बात है... इस गाने की एक लाइन ऐसी है जो बॉलीवुड के उस दौर में ले जाती है, जब फिल्मों में मजबूर महिला खुद को बचाने के लिए रेपिस्ट के सामने हांथ जोड़कर गुहार लगाती है कि 'भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..'
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
केरल की कोर्ट का ऐसा है कि,' तेरे पहनावे ने मुझे लुभाया फिर मैंने तुझे छेड़ दिया...!'
महिलाओं के पहनावे पर नजरें टेढ़ी करना दशकों से चला आ रहा है. लेकिन हमें और केरल की अदालत दोनों को इस बात को समझना होगा कि अगर किसी महिला ने छोटे कपड़े पहने हैं तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि वो 'अवेलेबल' या छेड़खानी को नजरअंदाज करने के लिए तैयार है.