गांजे के 'आनंद' का बखान भी, और चेतावनी भी!
दिल्ली पुलिस ने नए साल की अपनी उपलब्धि बताने के लिए एक प्रेस रिलीज जारी की है और उस प्रेस रिलीज में पुलिस गांजे की बुराई बताने की जगह उसकी बढ़ाई कर बैठी.
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नया साल शुरू हो गया है और लगता है कि नए साल में कुछ ज्यादा बदलने वाला नहीं है. इसके कई कारण हैं. साल के पहले ही दिन से राजनीति वैसी ही चल रही है. कांग्रेस और भाजपा संग्राम के बीच हमारे देश की भोली पुलिस भी अपने काम में लगी हुई है. जब बात गांजे और शराब की आती है तो वैसे भी हमारी संस्कारी पुलिस के पास ज्यादा कुछ कहने और करने को नहीं होता. कभी दीमक तो कभी चूहे शराब भी पी जाते हैं और ड्रग्स भी खा जाते हैं. पुलिस को क्या पता कि उन्हें कैसे रोके, लेकिन हां इतना पता है कि इंसानों के लिए ये गैरकानूनी है और इसलिए पुलिस गांजा और शराब एक्सपोर्ट या इम्पोर्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखती है. साथ ही, अन्य लोगों को इसके बारे में जानकारी भी देती है ताकि वो इससे दूर (पास) रह सकें.
कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है. नए साल के जश्न के दौरान दिल्ली पुलिस ने एक प्रशंसनीय काम किया है. उन्होंने इंटरनेशनल गांजा रैकेट का पर्दाफाश किया है. ये रैकेट अमेरिका से गांजा, गांजे का तेल और वैक्स इम्पोर्ट कर रहे थे और यहां बेच रहे थे. काम तो बेहद बहादुरी का है और दिल्ली पुलिस इतनी भोली है कि ये सब पकड़ने के बाद प्रेस रिलीज कर लोगों को ये बता रही है कि गांजा कितने प्रकार का होता है, क्या होता है उसे लेने के बाद वगैराह-वगैराह. साथ ही प्रेस रिलीज कर बाकी डिटेल्स भी दी गईं जैसे कितना गांजा पकड़ा गया है, कितना मलाना क्रीम और कितना वैक्स पकड़ा गया है.
अब अगर किसी को लगता है कि इसमें गलत क्या है तो मैं उसे बता दूं कि सोच में बिलकुल कुछ भी गलत नहीं है. यकीनन पुलिस ने बेहद अच्छे मन से ये प्रेस रिलीज लिखी होगी, लेकिन उनसे थोड़ी सी गलती हो गई. प्रेस रिलीज कुछ ऐसी चली गई जिसे पढ़कर ऐसा लग रहा है कि दिल्ली पुलिस गांजे की बुराइयां नहीं बल्कि उसके असर का प्रचार कर रही हो.
दिल्ली पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में ये टेबल जारी किया था जिसमें गांजे के असर को खुशी के तौर पर दर्शाया गया है
अलग-अलग गांजे का असर भी अलग. बुब्बा खुश से बस खुश हो जाता है इंसान, आत्म शांति के लिए पाइनेप्पल एक्सप्रेस, अपने ही जोक पर हंसने के लिए एलियन ओजी, सबसे दोस्ती करने के लिए जैक हेरियर, हमेशा साथ रहने के लिए ग्रैंडडैडी पुर.
ये प्रेस रिलीज दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर डाली गई थी. हालांकि, अब ये एक्सेस नहीं हो रही है.
दिल्ली पुलिस ने ये प्रेस रिलीज खुद लिखी भी नहीं है. प्रेस रिलीज के हिस्से शब्दश: leafly.com और cannamagazine.com से लिए गए हैं. मतलब इतने कि एक के बाद एक आप इसके शब्दों को जोड़कर देख सकते हैं और तुलना कर सकते हैं कि कैसे लिखा गया है ये. उदाहरण के तौर पर-
"Theworld of cannabis extract is expanding rapidly with no intention of slowingdown. In most legal markets concentrate sales are increasing steadily as theycontinue to grab larger shares of the market year after year. Emerging trendswithin cannabis concentrate sales have undoubtedly fueled innovation at astaggering pace as a result of high demands."
ये प्रेस रिलीज का हिस्सा है और इसे लिया गया है cannamagazine.com से.
cannamagazine.com का आर्टिकल.
मतलब कुल मिलाकर दिल्ली पुलिस ने बस इसका मतलब समझाने के लिए ऐसा किया, लेकिन उसमें वो ये भूल गए कि वो गांजे का विरोध नहीं उसका प्रचार ही कर रहे हैं.
A very detailed (but riddled with typos) Delhi Police news release about a seizure of marijuana said to have been imported from the US. https://t.co/bWXwRS4Hk4 pic.twitter.com/aBlhwOlTnl
— Steve Herman (@W7VOA) January 1, 2019
इस प्रेस रिलीज के बाद कई सवाल उठ गए हैं और सबसे अहम ये है कि भारत जिसे गांजे का देश भी कहा जाता है, वहां भी गांजा अमेरिका से इम्पोर्ट करना होता है. साथ ही, इसका बहुत फैंसी नाम भी बना दिया गया है और इसे भारत में जरूरत के हिसाब से इम्पोर्ट भी किया जा रहा है. मलाना क्रीम भारत में बनती है, लेकिन भारतीय लोग ही इसे अमेरिका से इम्पोर्ट कर रहे हैं. साथ ही, गांजे का असर भी अच्छा होता है.
सोशल मीडिया पर भी दिल्ली पुलिस की इस प्रेस रिलीज की बहुत किरकिरी हो रही है.
None of these seem to have any apparent violent/destructive effects. Have never heard of accident/assault under influence of weed. However, alcohol, which has all above (and more) signs/effects is readily available!Wah re tax ka khel!!
— Sudipto Chaudhury (@cubreporter21) January 2, 2019
दिल्ली पुलिस की प्रेस रिलीज में गांजे का खराब असर बताया ही नहीं गया है.
I'm on Alien OG it seems ???? https://t.co/ZRebHNZnkO
— Abhijeet (@abhic4ever) January 1, 2019
लोग सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ा रहे हैं.
It is more like promotion of these varieties. Who wouldn't want the inner peace. https://t.co/2P81asiJue
— Ankur Parashar (@ankurgame) January 1, 2019
आत्मशांति के लिए गांजा लेने की बात लिखकर दिल्ली पुलिस अपनी ही किरकिरी करवा बैठी.
Inner Peace ☮ pic.twitter.com/EjBw42VQsB
— विशाल (@vishalcrazy00) January 1, 2019
ये प्रेस रिलीज अब कहीं ढूंढने पर भी नहीं मिल रही है और दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर प्रेस रिलीज वाला कॉलम ही नहीं खुल रहा है. हर बार कोई न कोई एरर आ रहा है.
दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर प्रेस रिलीज का कॉलम
इस प्रेस रिलीज में ये भी लिखा गया था कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उन्होंने ये डार्क वेब (इंटरनेट का ग्रे एरिया) से लिया है और उन्होंने इसके लिए बिटक्वाइन में पेमेंट की है. प्रेस रिलीज में ये भी लिखा गया है कि डार्क वेब का इस्तेमाल करके सुरक्षित तरीके से गांजा खरीदा जा सकता है. दिल्ली पुलिस ने डार्क वेब को भी UnEncrypted बताया है जब्कि इसका उल्टा है. डार्क वेब इंटरनेट का वो एरिया होता है जिसे खास सॉफ्टवेयर्स के जरिए एक्सेस किया जाता है. ये एक एनक्रिप्टेड नेटवर्क है जिसे हर कोई देख नहीं सकता. अब अगर गलतियां गिनवाने बैठेंगे तो न जाने कितनी गलतियां निकलेंगी इस प्रेस रिलीज में.
कुल मिलाकर ये सिखा गई दिल्ली पुलिस की कम से कम गांजे के असर को एकदम गलत नहीं समझा जा सकता है. किसी भी केस में प्रेस रिलीज करने से पहले अगर थोड़ा भी ध्यान रखा जाता तो शायद इतनी किरकिरी नहीं होती पुलिस की. चलिए कुछ नहीं तो कुछ नया तो जान ही गए हम.
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