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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अनन्या पांडे के सिगरेट पीने से हम आहत क्यों न हों?
अनन्या पांडे सिगरेट पी रही हैं तो आप कह देंगे कि उनकी लाइफ है हमें क्या? मगर मान लीजिए कल को आपकी बेटी या बहन सिगरेट पीने लगे तो क्या आप यही कहेंगे कि तुम्हारी जिंदगी है तुम जानो? और फिर उन युवाओं का क्या जो अनन्या पांडे को फॉलो करते हैं. उन्हें अपना आइडियल मानते हैं.
सोशल मीडिया
| बड़ा आर्टिकल
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सोशल मीडिया स्मार्टर होता चला गया और हम स्मार्टनेस खो उसके गुलाम बन गए!
हर इंसान बस एक 'यूजर' है और दुनिया में सिर्फ दो ही धंधे हैं जिनके प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने वाले 'यूजर' कहलाते हैं. एक सोशल मीडिया और दूसरा ड्रग्स का धंधा. ड्रग्स की लत लगती है और सोशल मीडिया की भी लत लगती है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
No Smoking Day: क्विट स्मोकिंग पर किसी को क्या ही ज्ञान देना, स्मोकर्स ही सच्चे 'राष्ट्रवादी' हैं!
No Smoking Day: क्विट स्मोकिंग पर भारी भरकम ज्ञान दे तो दूं फिर कभी कभी मेरे दिन में ये ख्याल आता है कि सिगरेटची और शराबी ही तो हैं तो देश चला रहे हैं और जीडीपी को आसमान की ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
आखिरकार भगवंत मान गए, शराब बड़ी खराब है...
होली पर एक मित्र दार्शनिक हो गए. कहने लगे होली का त्योहार राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी व्यक्त करता है. राष्ट्रवादियों और समाजवादियों के क्रमशः राष्ट्रवाद और समाजवाद को राष्ट्रहित के सूत्र में बांधता है. गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और अमीर सभी बराबर मात्रा में शराब का ख़ूब टेक्स देकर सरकारों को भारी-भरकम राजस्व देते हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
Prince D
आखिर क्यों मर्दों के कारण लड़कियां होली पर सड़कों पर नहीं निकल पातीं
होली चाहे गांव-देहात की हो या मेट्रो सिटी के क्लब की. महिलाओं से अभद्रता करते शराब भांग के नशे में लड़कियों, महिलाओं को यहां वहां छूते लोग मिल ही जाएंगे. महिलाओं से कहा जायेग कि बद्तमीजी करने वाला पुरुष होश में नहीं है तो उसे बुरा नहीं मानना चाहिए.
सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
पीछा करने वाली पुलिस अगर शिकारी थी तो ई रिक्शा वाला भी हिरन निकला, फुर्र हो गया!
इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें अमृतसर में नशे में धुत ई रिक्शेवाले ने पुलिस वालों को 6 किलोमीटर तक अपने पीछे भगाया. मामले में मजेदार ये कि पुलिस राहगीरों के लाख जतन के बावजूद कोई उसे पकड़ने में कामयाब नहीं हुआ.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
एयरलाइंस में शराब परोसी जानी चाहिए या नहीं? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस...
फ्लाइट में महिला के ऊपर पेशाब किए जाने की घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर इंटरनेशल फ्लाइट में शराब परोसी ही क्यों जाती है? इंटरनेशनल फ्लाइट में आखिर शराब को लेकर कोई सख्त नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं? क्या लंबी यात्राओं में सिर्फ शराब से थकान दूर हो सकती है औऱ नींद आ सकती है?
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
Girish Anshul
क्या शराब जश्न में लगाती है सेंध या देती है भरपूर आनंद?
शराब एक ऐसा तरल पदार्थ है जिसे हम दारू, मदिरा आदि नामों से जानते हैं, या यू कहें कि एक मनोरंजन का साधन है. कैसा भी उत्सव हो शराब अगर उसमें शरीक नहीं है तो वो उत्सव फीका सा लगने लगता है. ऐसा क्या है इसमें जो लोग इसे पीने के लिए इतने उत्सुक रहते हैं?
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
शराब पीने वालों के पक्ष में जीतनराम मांझी के अतरंगी लॉजिक को हल्के में मत लीजिए
जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बयान के मद्देनजर, शराबियों के हर ग्रुप में ऐसा एक शख्स होना अनिवार्य यानी मेंडेटरी होता है. जो सिर्फ एक क्वार्टर ही पीता हो. इतना ही नहीं, संतुलित व्यवहार वाला भी हो. क्योंकि, सभी शराबियों को पता है कि एक क्वार्टर पीने वाला शख्स कभी नशे में आउट नहीं होता है. और, शराब पीकर आउट होने वालों को तो खुद शराबी अच्छी नजर से नहीं देखते हैं.