राममंदिर पर बयान देकर दिग्विजय ने भाजपा के लिए फसल बो दी है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार और लम्बे समय से चुप दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण पर विवादित बयान देकर अपनी वापसी तो कर ली. मगर कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को एक बड़ी मुसीबत में डाल दिया है.
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समय-समय पर अपने बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में माहिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह चर्चा में हैं. वजह बना है उनका एक बयान. दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर निशाना साधते हुए कहा है कि. 'भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादास्पद स्थल पर उनका मंदिर बने. एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि अजीब बात है, जब चुनाव आता है भगवान राम के मंदिर निर्माण की बात सामने आती है. भगवान राम का मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं है. हम सब चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादास्पद स्थल पर उनका मंदिर बने.
राममंदिर निर्माण पर बेतुका बयान देकर दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिया है
सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी दिग्विजय सिंह जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि, ये भी आश्चर्य की बात है कि सरकार कहती है कि अदालत का फैसला मानेंगे. उत्तर प्रदेश सीएम कहते हैं, राम जी की इच्छा होगी तो मंदिर बनेगा और सरकार के कर्ता-धर्ता कहते हैं कि अध्यादेश निकालिए. केवल भगवान राम के मंदिर को विवादास्पद बनाना इन लोगों का लक्ष्य है.
Ajeeb baat hai jab chunaav aata hai Bhagwan Ram ke mandir nirmaan ki baat saamne aati hai. Bhagwan Ram ka mandir bane ismein kisi ko aitraaz nahi hai, hum sab chahte hain, lekin Bhagwan Ram bhi nahi chahenge ki kisi vivadaspad sthal par Ram ka mandir bane: Digvijaya Singh (14.11) pic.twitter.com/nhnFoxJ6X9
— ANI (@ANI) November 14, 2018
बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना बेहद जरूरी है ली दिग्विजय सिंह यह बात कहा और किस संदर्भ में कही अभी इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. मगर उनके इस बयान के बाद एक बार फिर आलोचकों और समीक्षकों को उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है. माना जा रहा है कि राम मंदिर पर बयान देकर न सिर्फ दिग्विजय सिंह ने सेल्फ गोल किया है. बल्कि एक ऐसे समय में जब पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी अपने को 'हिन्दू' साबित करने के लिए तमाम मठों और मंदिरों के दर्शन कर रहे हों, पार्टी को भी मुसीबत में लाकर खड़ा कर दिया है.
Ye bhi aashcharya ki baat hai ki sarkar kehti hai adalat ka faisla manenge, UP CM kehte hain Ram ji ki ikchha hogi to banega aur sarkar ke karta-dharta kehte hain adhyadesh nikaliye. Keval Bhagwan Ram ke mandir ko vivadasapd banana in logon ka lakshya hai: Digvijaya Singh (14.11) pic.twitter.com/cm89ElCLyL
— ANI (@ANI) November 14, 2018
गौरतलब है कि राम मंदिर का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट है और जनवरी माह में इसपर दोबारा से सुनवाई शुरू होने वाली है. ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार दिग्विजय सिंह का ये बयान हर सूरत में भाजपा को फायदा पहुंचाता नजर आ रहा है. ज्ञात हो कि चाहे गौ रक्षा से जुड़ा मुद्दा हो या फिर हिंदुत्व और राममंदिर. कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं तक कोई भी इसपर बात करे मगर जब फसल काटने की बात आएगी, तो खलिहान भाजपा के ही भरेंगे.
वर्तमान में भले ही भगवान राम बीजेपी के चुनावी मेनिफेस्टो में हों. मगर जब बात अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की आती है, तो केंद्र से लेकर उन तमाम राज्यों में, जहां-जहां भी भाजपा की सरकार है. तमाम नेता राम मंदिर निर्माण के विषय पर चुप्पी साधे बैठे हैं और सही समय पर दाव खेलने का इंतजार कर रहे हैं.
विषय जब अयोध्या और राम मंदिर निर्माण हो तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता. योगी आदित्यनाथ आज भले ही छत्तीसगढ़ में पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचार करते हुए कह रहे हों कि ' जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं.' मगर जब यही योगी वापस उत्तर प्रदेश आते हैं और इनसे राम मंदिर पर सवाल होता है तो ये बगले झांकते या फिर इधर उधर की बात करते नजर आते हैं.
ध्यान रहे कि भले ही आज पार्टी राम मंदिर की बात कर रही हो मगर पार्टी में कोई ऐसा नहीं है जो इसपर खुल कर बोल रहा हो. पार्टी के पुराने नेता जैसे विनय कटिहार, उमा भारती, लाल कृष्ण आडवाणी जो एक जमाने में राम मंदिर निर्माण के पुरोधा थे आज या तो पूरी तरह चुप हैं या फिर खुसुर फुसुर करते पाए जा रहे हैं.
एक तरफ जहां शिवसेना से लेकर, संघ, विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल तक सब राम मंदिर निर्माण पर खुलकर बात कर रहे हों भाजपा की इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी ये साफ बता देती है कि पार्टी ने श्री राम को केवल अपने मेनिफेस्टो तक सीमित कर दिया है. साथ ही पार्टी ये बात भी जान चुकी है कि जब तक राम का नाम रहेगा राजनीतिक रोटियां बदस्तूर सेकी जाएंगी.
बहरहाल, अब जबकि काफी दिनों से सक्रिय राजनीति से नदारद दिग्विजय सिंह राम मंदिर निर्माण के विरोध में उतार आए हैं तो हमारे लिए ये देखना दिलचस्प रहेगा कि 2019 के आम चुनाव में इसका कितना फायदा भाजपा को मिलता है. साथ ही हमारे लिए ये भी देखना दिलचस्प रहेगा कि पार्टी के मेनिफेस्टो से निकलकर भगवान श्री राम कब अयोध्या में स्थापित हो पाएंगे.
कुछ सवाल वक्त पर छोड़ दिए जाते हैं. हमने भी इन सवालों को वक़्त के हवाले कर दिया है और हमें पूरा यकीन हैं हमें हमारे सवालों का जवाब वक़्त जल्द ही देगा.
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