एक कुत्ता भी बतख के बच्चों का पिता हो सकता है !
अकेलापन हर किसी को खलता है. एक कुत्ता भी इस बात को समझता है कि मां के बिना बच्चों की क्या हालत होती है, तो फिर हम इंसान क्यों नहीं समझ पाते.
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जिंदगी की उधेड़बुन में कुछ छोटी-छोटी चीजें बड़ी सुकून देने वाली होती हैं. आप थोड़ी देर के लिए पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को किनारे करके इन तस्वीरों पर ध्यान देंगे तो आपके दिन बन जाएगा.
बतख के बच्चों के साथ आपने कभी कुत्ता देखा था?
ये तस्वीरें सिर्फ देखने में ही खूबसूरत नहीं हैं बल्कि जो संदेश देती हैं, वो अहम है. हम इंसानियत के किस्से सुनते हैं तो दिल भर आता है. लेकिन इसे क्या कहेंगे, यहां दिल जीतने वाला कोई इंसान नहीं बल्कि एक कुत्ता है.
दिल तो इसी एक लाइन ने छू लिया था, जब बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि 'एक कुत्ते ने बतख के 9 अनाथ बच्चों को गोद लिया'. अगर एक जानवर किसी दूसरी नस्ल के जानवर के साथ प्यार जताता है तो आश्चर्य भी होता है और खुशी भी. और यही एक बात ये भी बताती है कि इंसानों की तरह ही जानवारों के पास भी दिल होता है.
फ्रेड अब 9 बतखों के बच्चों का पिता है
लंदन की एक टूरिस्ट लोकेशन Mountfitchet Castle में फ्रेड नाम का लैब्राडोर कुत्ता रहता है, जिसकी उम्र 10 साल है. ये किला बचाए गए जानवरों का घर है. और अब फ्रेड भी यहां के जिम्मेदार नागरिक की तरह नई भूमिका में आ गया है, जो कि एक पिता की है.
बतख के बच्चों को जब बेसुध और इधर-उधर भटकते देखा गया तो किले के कर्मचारियों ने उनकी मां को खोजा, लेकिन वो कहीं नहीं मिली. वो चिंतित थे कि बिना मां के इन बच्चों का क्या होगा तो वो उन्हें किले में ले आए. लेकिन तभी फ्रेड एक संरक्षक की तरह उनके पास आया और उनके साथ खेलने लगा. फ्रेड के पंख तो नहीं थे, लेकिन उसने इन 9 बच्चों के अपने पैरों के बीच सहेज कर रखा.
this is a very good boy pic.twitter.com/SMMQH2AAXO
— Alan White (@aljwhite) May 22, 2018
अब ये बतख के बच्चे फ्रेड के साथ ही सोते हैं और उसी के पीछे-पीछे चलते हैं, जैसे वही उनकी मां हो. फ्रेड भी उन्हें अपने ही बच्चों की तरह प्यार करता है और उनकी देखभाल करता है. बच्चे भी फ्रेड के साथ मस्ती और शरारत करते हैं, वो उसकी पीठ पर बैठ जाते हैं उसके सिर पर चढ़कर बैठ जाते हैं.
फ्रेड के पंख तो नहीं हैं,लेकिन वो अपने पैरों के बीच सहेज कर रखता है बच्चों को
अब फ्रेड इन अनाथ बच्चों का पिता भी है और मां भी. लेकिन किले के लोगों का कहना है कि कुछ दिन और शायद फ्रेड इन बच्चों के साथ रहे, जब तक वो इस काबिल नहीं हो जाते कि वो अपना ध्यान खुद रख सके, उसके बाद अगर वो किले से जाना चाहे तो जा सकते हैं. लेकिन कुत्ते और बतख के बच्चों की बॉन्डिंग देखकर लगता नहीं कि ये बच्चे बड़े होकर भी कहीं और जाएंगे. ये प्यार इन्हें कहां जाने देगा.
देखिए वीडियो :
मनोवैज्ञानिक और किताब 'Why Does My Dog Act That Way?' के लेखक डॉ स्टेनली कोरन का कहना है कि- एक जानवर का दूसरे जानवर को गोद लेना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसके बारे में कोई सोच नहीं पाता. अक्सर ये मादा कुत्तों के साथ होता है कि वो अकेले छोटे जानवरों के बीच रिश्ता बना लेती हैं, लेकिन नर कुत्तों के साथ कम होता है. कुत्तों को अलग या अकेला होने पर बहुत असहज महसूस होता है, इसलिए यह साथ उनके लिए काफी महत्वपूर्ण होता है.
एक जानवर का किसी और जानवर को गोद लेना, शायद हमारी कल्पना से भी परे की चीज है. और जो हम सोचते भी नहीं वो हकीकत बन जाए तो निश्चित तौर पर आश्चर्य तो होता ही है. ये तस्वीरें देखने के बाद एक बात पर यकीन जरूर बढ़ गया है कि दुनिया चाहे जानवरों की हो या इंसानों की, प्यार और अपनापन सबसे बड़ी ताकत होता है. साथ ही ये भी बताता है कि अकेलापन हर किसी को खलता है. एक कुत्ता भी इस बात को समझता है कि मां के बिना बच्चों की क्या हालत होती है, तो फिर हम इंसान क्यों नहीं समझ पाते. काश अगर अकेलेपन को एक जानवर की तरह भी महसूस कर लें तो इंसान बन जाएंगे हम.
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