दहेज लोभियों को क्या व्यंग्य समझ में आता है
लड़कों की पढ़ाई लिखाई, नौकरी, वेतन और रंगरूप के आधार पर दहेज का रेट बताने वाली वेबसाइट विवादों में आ गई है. लेकिन आपत्ति जताने वाले लोगों की बात कितनी सही है और कितनी गलत इसका फैसला आपको ही करना है.
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भारत में दहेज लेना और देना कानून अपराध है. लेकिन बिना दहेज के आज भी शादियां नहीं होतीं. आए दिन बेटियों को ससुराल में दहेज के लिए परेशान किए जाने की खबरें हम पढ़ते ही हैं.
करीब 7 साल पहले दहेज को लेकर www.dowrycalculator.com नाम की एक वेबसाइट बनाई गई थी, जिसमें वो लड़कों की पढ़ाई लिखाई, नौकरी, वेतन और रंगरूप के आधार पर दहेज का रेट बताती है.
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को ट्वीट करके इस वेबसाइट पर कार्रवाई करने की बात कही थी.
Someone just brought this site to my attention. Absolutely shameful! Let me remind the developers that giving or taking dowry is illegal in India. I urge the @MinistryWCD, @PMOIndia to take immediate action against this.https://t.co/KQWBxQtd7J
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) May 28, 2018
इसके बाद माहिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी हरकत में आईं और उन्होंने ने आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद से इस वेबसाइट को ब्लॉक करने और इसे बनाने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.
इस वेबसाइट का मकसद आखिर है क्या
जैसा की नाम से जाहिर है, dowry calculator लोगों को उनकी जानकारी के हिसाब से उनका रेट बताता है कि व्यक्ति कितना दहेज लेने के योग्य है. लेकिन एक बात जिसे हर कोई नजरंदाज कर रहा है वो है एक लाइन जो वेबसाइट खोलने के बाद सामने ही लिखी दिखती है. वो है *Dedicated to all the match making aunties of India. यानी ये भारत की जोड़े बनाने वाली आंटियों को समर्पित है.
असल में ये वेबसाइट महज एक व्यंग है, जिसे सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने या उन्हें ज्ञान देने के लिए बनाया गया है. जिस भी शख्स को इंटरनेट पर ये जानने की जिज्ञासा होगी कि उसे कितना दहेज मिलना चाहिए तो वो इस वेबसाइट पर जरूर जाएगा, और जब वो वेबसाइट में मांगी हुई जानकारी देगा तो उसे जो जवाब मिलेगा उसमें एक संदेश भी होगा. जो जानकारी के हिसाब से अलग-अलग होगा लेकिन उसका आशय यही होगा कि बेहतर है कि आप शादी अभी न करें, या फिर खुद को काबिल बनाएं.
उदाहरण के तौर पर एक बेरोजगार युवक जब वेबसाइट पर एंट्री करता है तो उसे ये जवाब मिलता है.
वेबसाइट के मालिक तनुल ठाकुर जो खुद एक वोबसाइट में फिल्म क्रिटिक हैं उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्वीट पर ये कहा भी था कि 'परेशान मत होइए, ये व्यंग है. लेकिन वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए शुक्रिया'
Calm down, it's a satire. (But thanks for directing traffic to the website.) pic.twitter.com/AfAAzl4je6
— Tanul Thakur (@Plebeian42) May 29, 2018
वेबसाइट पर गजब का ट्रैफिक आता होगा ये तो तय है, लेकिन लोगों का ध्यान सिर्फ कीमत पर जाता है, वहां दिए गए संदेश पर नहीं. और अगर लोग इस वेबसाइट की मूल भावना न समझकर सिर्फ कीमत देखने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं तो ये काफी खतरनाक है. क्योंकि एक बेरोजगार की कीमत यहां 15 लाख दिखाई जा रही है. वैसे भी हमारे समाज में सटायर या व्यंग समझने वाले लोगों का प्रतिशत काफी कम है, तो देखा जाए तो ये वेबसाइट सही होते हुे भी गलत साबित हो जाती है.
ऐसा नहीं है कि दहेज कैलकुलेट करने वाली सिर्फ यही एक वेबसाइट है. जबकि कई मैच मेकिंग बेवसाइट पर दहेज कैलकुलेट करने का ऑप्शन होता है, लेकिन उनका मकसद समाज को दहेज प्रथा के खिलाफ जागरुक करना होता है. जब आप अपना जानकारी दहेज जानने के लिए डालते हैं तो जवाब में आपको ये बताया जाता है कि साल में कितनी महिलाओं की मौत का कारण सिर्फ दहेज ही होता है.
मैच मेकिंग बेवसाइट पर दहेज कैलकुलेटर असल में दहेज के खिलाफ कैंपेन का हिस्सा हैं
यहां जानकारी देने पर इस तरह का जवाब मिलता है
दहेज एक कुप्रथा है और इसके लिए चलाए जाने वाले सभी अभियान स्वागत योग्य होने चाहिए बशर्ते वो अपने मकसद में कामयाब हों. यहां जब बड़े-बड़े लोग ही इस वेबसाइट का नाम देखकर चक्कर में आ गए तो सोचिए हमारे देश में दहेजलोभियों की तो कोई कमी है ही नहीं. इसमें लोगों का भले ही नुकसान हो रहा हो, लेकिन इस वेबसाइट का तो फायदा ही है, उसे दहेज तो नहीं मिल रहा लेकिन वोबसाइट से आमदनी खूब हो रही होगी.
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