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सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
प्रकाश कुमार जैन
सख्त कानून कायदों का क्या मतलब यदि कानून की आंखों की पट्टी सरक गई हो
कहने को कहा जाता है कानून सबके लिए समान होता है या क़ानून की नजरों में सब समान है. हकीकत में क्या स्थिति इतनी आदर्श है ? कम से कम भारत में तो नहीं है. यहाँ तो गणमान्यों व नेताओं के लिए नियम, कायदे कानून बने ही हैं 'सारे नियम तोड़ दो' के लिए !
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
Seema-Sachin Love Story: सीमा की प्रेमकथा में उलझी जांच एजेंसियां
अगर सीमा हैदर पाकिस्तान की जासूस निकली तो इसके पीछे भारतीय खूफिया तंत्र की घोर लापरवाही मानी जाएगी. खूफिया एजेंसियों को छोड़ो, स्थानीय पुलिस और राज्य सरकार को भी भनक नहीं हुई. जैसे हाल हैं यूपी पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों, लोकल इंटेलिजेंस और पुलिसिंग बीट के लिए सीमा की कहानी किसी भंयकर सिर दर्द से कम नहीं है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
शीर्ष सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अप्रासंगिक टिप्पणियां क्यों कर देते हैं?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अभद्र भाषा की घटनाओं के खिलाफ कदम उठाने की मांग करने वाली दलीलों के एक समूह की सुनवाई के दौरान संबंधित न्यायमूर्ति जोसेफ के सेलेक्टिव रवैये पर घोर आपत्ति जताते हुए तीखी बहस की थी.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
चट मंगनी पट ब्याह और अब झट तलाक भी...
'सुप्रीम' निर्णय से प्रेरणा पाकर 'चट मंगनी पट ब्याह और अब झट तलाक' शीर्षक तो दे दिया, लेकिन ये 'भानुमती का पिटारा' खोलने जा रहा है. तलाक की कार्यवाही को पूरा होने में जितना समय लगता है, बड़ी संख्या तलाक चाहने वालों की सुप्रीम कोर्ट का रुख जो करेगी...
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
उच्च न्यायालय के जज से सुप्रीम नाराजगी कितनी जायज?
माननीय शीर्ष अदालत ने तब स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लिया था जब जज ने साक्षात्कार दिया था ? और जब तब नहीं लिया तो आज बनर्जी द्वारा ग्राउंड बनाये जाने पर उस साक्षात्कार पर आपत्ति क्यों ?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
बाबा साहेब के व्यक्तित्व में दिखता है बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का बचपन अत्यंत संस्कारी एवं धार्मिक वातावरण में बीता. उनके परिवार के तीन सदस्यों ने संन्यास आश्रम को चुना.पिताजी ने कालान्तर में कबीरपंथ की दीक्षा ली. उनके घर में रामायण, पाण्डव प्रताप, ज्ञानेश्वरी एवं संत साहित्य का नित्य पाठ होता था.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ट्विटर पर कांग्रेसी नेताओं को बेनकाब कर ललित मोदी ने राहुल के नहले पर दहला जड़ दिया है!
बीते कुछ वक़्त से कांग्रेस और राहुल गांधी ललित मोदी पर हमलावर हैं. ऐसे में अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों से नाराज ललित मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने न केवल राहुल को जमकर लताड़ लगाई बल्कि कांग्रेस के भी कई राज खोले हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
यूपी का आरिफ बेवजह बलि का बकरा बना, असली हंटर तो सारस है...
सारस का बार बार आरिफ के घर आना और उसके साथ रहना स्वतः इस बात की पुष्टि कर देता है कि दोष किसी भी एंगल से आरिफ का है ही नहीं। दोस्ती के नाम पर सारस ने उसके साथ धोखा किया और उसे ठगा. क्या सारस अब इस बात का जवाब दे पाएगा कि उसने फॉरेस्ट डिपाटमेंट को धोखे में रखकर आरिफ की लंका किस रणनीति के तहत लगाई?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
रेप वाले उटपटांग - शर्मनाक राग अलापने के पीछे कुत्सित राजनीतिक मकसद था रागा का!
रेप वाली टिप्पणी पर पुलिस द्वारा संज्ञान लिया जाना पॉलिटिकल क्लास को रास नहीं आया और तर्क कम कुतर्क ज्यादा के सहारे केस अगेंस्ट पुलिस बनते देर नहीं लगी कि बेचारे राहुल गांधी को ही परेशान किया जा रहा है.