इसे कहते हैं 'नानी मां' शब्द का सार्थक होना
एक मां ने अपनी बेटी के लिए वो किया है जो शायद कि कोई मां कर पाती है. वो जिसे नानी बनना था, वो अब नानी भी है और मां भी. अमेरिका की 55 साल की महिला ने अपनी 31 वर्षीय बेटी के बच्चे को जन्म देकर अपनी बेटी को दुनिया का सबसे खूबसूरत तोहफा दिया है.
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बच्चे के लिए मां और मां की ममता को शब्दों में बयां कर पाना तो बहुत मुश्किल है. लेकिन इसे एक वाक्य में समझ सकते हैं कि- ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां बनाई. लेकिन बहुत सी महिलाएं ऐसी भी हैं जो मां नहीं बन सकतीं. सोचिए उन महिलाओं की मांओं के दिल पर क्या गुजरती होगी जिनकी बेटियां मां बनने का सुख नहीं ले पातीं.
लेकिन एक मां ने अपनी बेटी के लिए वो किया है जो शायद कि कोई मां कर पाती है. वो जिसे नानी बनना था, वो अब नानी भी है और मां भी. कुछ रिश्ते पहेली लगते हैं, लेकिन आज के जमाने में कुछ भी असंभव नहीं है और एक मां के लिए तो बिल्कुल भी नहीं. अमेरिका की 55 साल की एमा माइल्स ने अपनी 31 वर्षीय बेटी ट्रेसी स्मिथ के बच्चे को जन्म देकर अपनी बेटी को दुनिया का सबसे खूबसूरत तोहफा दिया है.
55 साल की उम्र में नानी बनी मां
ट्रेसी जब 16 साल की थीं तब उनमें MRKH सिंड्रोम का पता चला था- ये एक ऐसी स्थिति होती है जिसके कारण योनि और गर्भाशय अविकसित या अनुपस्थित होते हैं, जबकि बाहरी जननांग एकदम सामान्य होते हैं. 5000 महिलाओं में से कोई एक महिला इस विकृति से प्रभावित होती है और ये लाइलाज है. डॉक्टरों ने ट्रेसी को कह दिया था कि वो कभी भी अपने बच्चे को जन्म नहीं दे पाएंगी. वो या तो बच्चा गोद ले सकती थीं या फिर उन्हें अपने बच्चे को जन्म देने के लिए किराए की कोख यानी सैरोगेट मदर की जरूरत थी.
ट्रेसी इस सच से टूट चुकी थीं कि वो मां नहीं बन सकतीं. लेकिन एक मां कभी अपने बच्चे को दुखी नहीं देख सकती. और इसलिए एमा ने अपनी बेटी के बच्चे के लिए सेरोगेट मदर बनने का फैसला किया.
एमा 55 साल की हैं और उनका गर्भाशय भी सही था. IVF के जरिए ट्रेसी और उनके पति से बने शुक्राणु को एमा के गर्भ में रखा गया. एमा मेनोपॉज़ से गुजर रही थीं फिर भी वो बच्चे को अपने गर्भ में रखने में सफल रहीं क्योंकि उनका गर्भाशय स्वस्थ था. गर्भावस्था के लिए आदर्श वजन भी जरूरी था. इसके लिए एमा ने अपना 38 किलो वजन भी कम किया. और उन्हें कुछ हार्मोन्स भी लेने पड़े जिसकी जरूरत गर्भावस्था के दौरान होती है.
ट्रेसी कभी भी अपने बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थीं
ज्यादा उम्र में मां बनना किसी भी महिला के लिए मुश्किल होता है, खासकर 35 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं की गर्भावस्था में ज्यादा परेशानियां आती है और गर्भपात का ज्यादा खतरा होता है. लेकिन ये मां अपनी बेटी को मातृत्व सुख देने के लिए सभी परेशानियों से लड़ गई. और 55 की उम्र में भी मां बन गई, जिस उम्र में महिलाएं अपने नाती पोतों को खिलाती हैं.
एमा ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया, जो नॉर्मल नहीं ऑपरेशन से हुई, क्योंकि प्राकृतिक जन्म के लिए एमा की उम्र ज्यादा थी. एमा कहती हैं- 'मेरी बेटी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती, ये बात मुझे खाए जा रही थी. वो मुझसे कभी ये नहीं कह सकती थी इसलिए मैंने उससे खुद कहा कि अगर उसे मेरी जरूरत हो तो मैं हूं. उम्र की वजह से बच्चे को जन्म देने की फिक्र मुझे नहीं थी. मैं तो बस अपनी बेटी के लिए ये करना चाहती थी. अपनी बच्ची को मां बनाने के लिए मैं दोबारा मां बनी. भविष्य में भी अगर उन्हें इस बच्ची का भाई या बहन चाहिए होगा तो भी मैं तैयार रहूंगी'
अपनी मां का दिया हुआ ये तोहफा हर बेटी को नहीं मिलता
ट्रेसी के पास शब्द नहीं हैं अपनी मां को शुक्रिया कहने के. भावनाएं आंखों के आंसू के रूप में दिखाई दे रही हैं. अब ट्रेसी के साथ-साथ बच्ची की नानी भी 'नानी मां' बन गई. ज्यादा उम्र में मां बनना किसी के लिए भी आसान नहीं होता. शरीर साथ दे न दे, लेकिन महिलाएं शर्म की वजह से भी ये फैसला नहीं कर पातीं. लेकिन ये कहानी तमाम माओं के लिए उदाहरण है जो अपनी बेटियों के लिए कुछ करना तो चाहती हैं लेकिन कर नहीं पातीं. 'नानी मां' शब्द को सार्थक करने वाली ये कहानी बेहद प्रभावित करती है. और इस बात को एक बार फिर सिद्ध करती है कि मां ईश्वर का ही रूप होती है. ऐसी माओं को सलाम.
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