21 बच्चों की मां, और गिनती चालू है...
ब्रिटेन के सबसे बड़े परिवार ने कुछ खुलासे किए जिससे लोगों ने परिवार की आलोचनाएं शुरू कर दीं. लेकिन जानिए 21 बच्चों के बाद भी क्यों नहीं रुक रहा है ये परिवार..
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ब्रिटेन में एक परिवार ऐसा है जिसे ब्रिटेन का सबसे बड़ा परिवार होने का गौरव प्राप्त है. नहीं, यहां बात शाही परिवार की नहीं हो रही, ये परिवार तो रॉयल्स से भी ज्यादा चर्चित हो रहा है. ये है रैडफोर्ड परिवार जिसकी पहचान हैं परिवार के 21 बच्चे. बच्चों की ये संख्या आपको भले ही परेशान करे लेकिन इनके माता-पिता को इससे कोई परेशानी नहीं है. 21 बच्चे और गितनी अब भी चालू है...
सितंबर 2018 को 21वीं संतान का जन्म हुआ
ये परिवार हाल ही में एकसाथ एक टीवी शो #21kidsandcounting पर दिखाई दिया. जिसमें कुछ ऐसे खुलासे हुए जिससे लोगों ने इस परिवार को लेकर सोशल मडिया पर बहस छेड़ दी.
लैंकेशायर के रहने वाले सू रैडफोर्ड और पति नोएल रैडफोर्ड एक दूसरे से तब मिले जब सू केवल 7 साल की थीं. दोनों में प्यार हो गया. जब सू 13 साल की थीं, वो गर्भवती हो गईं. उस वक्त नोएल 18 के थे. इतनी कम उम्र में गर्भवती होने के बावजूद भी सू और नोएल ने बच्चे को रखने का फैसला किया. इस बात के लिए लोगों ने सू और नोएल की बहुत आलोचना भी की क्योंकि 13 साल की उम्र में वो मां बन गई थीं जबकि इस उम्र में बच्चे मां बनने का मतलब भी नहीं जानते.
#21kidsandcounting she’s addicted to being pregnant. It’s wrong. You cant give all those kids the attention they need
— someone somewgeee (@AnatasiaDesign) January 3, 2019
Having 21 kids is just irresponsible. Addicted to pregnancy. Don’t believe their claim that they’re not claiming taxpayer money. Mum is always pregnant, and the Dad works in a bakery. How they afford that big house and holidays to Spain without extra cash? #21kidsandcounting
— Liam Miller (@LiamMiller78) January 3, 2019
#21kidsandcounting so he first got her pregnant when she was 13 and he was 17/18? Disgusting. Also, no way his pie shop can fund all that?
— Rebecca (@rebex91) January 3, 2019
They are lovely kids but I can’t help but feel a bit weird about the fact when he was 18 he got a 13 year old pregnant #21kidsandcounting
— Nina Marshall (@NinaThoday) January 3, 2019
13 साल की उम्र में बनी मां
क्यों 13 साल की उम्र में मां बनने का फैसला किया
उन्होंने उस उम्र में इतना बड़ा फैसला क्यों लिया वो बेहद भावुक कर देने वाला है. असल में पैदा होते ही सू और नोएल दोनों को गोद लेने के लिए छोड़ दिया गया था. यानी दोनों को परिवार का सुख नहीं मिला था. इसलिए वो अपने होने वाले बच्चे को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते थे. आखिरकार वो दो से एक परिवार बन रहे थे. 28 साल पहले दोनों ने अपने पहले बच्चे क्रिस को जन्म दिया. सू और नोएल दोनों शादी करके अपने पहले घर में शिफ्ट हो गए.
परिवार बढ़ाने की वजह
सू जब 17 साल की हुईं तो उन्होंने दूसरी बेटी सोफी को जन्म दिया. और सोफी के बाद को ये दोनों निरंतर अपना परिवार बढ़ाते गए. जब सू 9वीं बार गर्भवती हुईं तो पति ने नसबंदी करवा ली थी. लेकिन बाद में उसे हटवा दिया क्योंकि उन्होंने और बच्चे पैदा करने का निर्णय लिया. 2014 में सू ने एक बच्चे एल्फी को खो दिया, जो मृत पैदा हुआ था. लेकिन ये दोनों उसे अब भी परिवार का ही हिस्सा समझते हैं.
बड़ा परिवार अच्छा लगता है इसलिए 21 बच्चे हो गए
2016 में उनका 19वां बच्चा परिवार में आया. 2017 में 20वां और तब सू ने कहा था कि बस अब और नहीं. लेकिन वो फिर से गर्भवती हो गईं. सितंबर 2018 को बॉनी उनकी 21वीं संतान बनकर परिवार में शामिल हुई.
सू अभी 43 साल की हैं और वो नानी भी बन गई हैं. उनकी बेटी सोफी के भी तीन बच्चे हैं. 21 बच्चे पैदा करने के बाद अब सू का कहना है कि अगर इसे एडिक्शन कहेंगे तो अब ये खत्म होने वाला है. हम दोनों को ही एक बड़ा परिवार पसंद है. इसलिए हमने हर नन्हे मेहमान का स्वागत किया. अब हमारे ढ़ेर सारे पोते पोतियां होंगे.
परिवार पालने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं
नोएल रैडफोर्ड एक पाई शॉप चलाते हैं जिसमें उनकी बेटी मदद करती है. ये परिवार विक्टोरियन हाउस में रहता है जिसकी कीमत 2.4 लाख पाउंड है. पहले ये एक केयर होम था जिसे 11 साल पले इस परिवार ने खरीद लिया. इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद भी खर्चे आराम से पूरे होते हैं. उन्हें अपने परिवार को पालने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़ती. ये बड़े फक्र से कहते हैं कि परिवार किसी तरह का कोई क्रेडिट कार्ड भी इस्तेमाल नहीं करता. इतना ही नहीं हर साल एक बार ये सब विदेश में हॉलीडे भी मनाने जाते हैं. हालांकि ये सब होता कैसे होगा, ये सोचने वाली बात है.
देखिए क्रिसमस पर इनके घर की हालत क्या हुई जब 21 बच्चों के लिए ढेरों तोहफे लाए गए-
महंगाई के इस युग में जहां दो बच्चों के बाद लोग परिवार नहीं बढ़ाते, बल्कि भारत में तो आजकल एक बच्चे में ही लोग अपनी खुशियां समेट लेते हैं, वहीं एक परिवार में 21 बच्चों का होना क्या मायने रखता होगा, वो आज हर इंसान समझ सकता है. परिवार का पालन-पोषण किस तरह करते होंगे ये माता-पिता वो भी अपने आप में बड़ा संघर्ष होगा, जिसपर ये परिवार किसी की मदद नही लेता वो भी तारीफ की बात है. लेकिन वहीं ये भी है कि परिवार में इतने बच्चे हैं तो फिर हर बच्चे पर पेरेंट्स बराबर ध्यान कैसे दे पाते होंगे. कहीं न कहीं बड़े परिवार के फायदे हैं तो नुक्सान भी कम नहीं. लेकिन फिरभी इस परिवार को बनाने वालों की हिम्मत की दाद तो देनी ही होगी.
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