(कहानी) जब अमर-अकबर और ब्रूनो की बदौलत पुलिस ने किडनैपर्स की खटिया खड़ी की
क्या क्रिकेट खेलते हुए छोटे बच्चे, शहर के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आज़ाद करा पाते हैं? क्या किडनैपिंग की बात बताने थाने पहुंचे बच्चों की बातों को इन्स्पेक्टर अंकल सीरियसली लेते हैं? पढ़िये इस कहानी को. सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
-
Total Shares
अमर और अकबर दोनों 9 क्लास में पढ़ते थे. दोनों रोज शाम में क्रिकेट खेलने जाते थे. एक दिन जब अकबर मैदान के बाउंड्रीवाल के पास फ्ल्डिंग कर रहा था तो उसे बाउंड्रीवाल के उस पार से कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी जिसमें 'लड़की का किडनैप' शब्द सुन कर वो चौक गया. उसे लगा मामला कुछ गड़बड़ है. वह बाउंड्रीवाल से सट कर ध्यान से उनकी बात सुनने लगा. उनकी बातों से अकबर को समझ आया कि इन बदमाशों ने शहर के राजेश वर्मा नाम के किसी व्यक्ति की बेटी का अपहरण किया है और उनसे फिरौती मांगने वाले हैं, उसी की प्लानिग कर रहे हैं कि कैसे और कहां फिरौती की रकम लेकर आने को कहें. अकबर उनकी प्लानिग सुन पाता इससे पहले ही बैट्समेन ने इतनी जोरदार शाट मारा कि बॉल हवा में उड़ती हुई तेजी से उन अपहरणकर्ताओं के ऊपर जा गिरी. अकबर तुरंत बाउंड्रीवाल पर चढ़ कर दूसरी तरफ झांक कर बोला 'सॉरी अंकल, हम मैदान में क्रिकेट खेल रहे है तो गलती से बॉल आप लोगों को लग गयी.' अकबर उन लोगों से बात जरुर कर रहा था लेकिन बहुत ध्यान से उन अपहरणकर्ताओं के चेहरों को देख लेना चाहता था. अपहरणकर्ताओं ने गुस्से से अकबर को देखा और बॉल उसकी तरफ उछाल कर सभी ने आखों ही आखों में इशारा किया और वहां से चले गए.
जब बच्चों की सूझबूझ और एक कुत्ते की समझदारी ने बस कमाल ही कर के रख दिया
अकबर तुरंत अमर के पास गया और अपहरणकर्ताओं से सुनी बात बताई. अमर ने कहा 'हमें जल्दी ही पुलिस थाने चलना चाहिए.' वहां पहुंच कर इंस्पेक्टर अंकल को पूरी बात बताई. इंस्पेक्टर अंकल ने कहा 'तुम दोनों ने ये सब बता कर बहुत अच्छा किया. अकबर बेटा ये बताओ कि तुमने तो उन अपहरणकर्ताओं को देखा है, तो क्या तुम्हें उनमें से किसी का चेहरा याद है ताकि हम उनका स्कैच बना कर उन्हें पकड़ने की कोशिश करेगें.
तबतक मैं पता करता हूं कि राजीव वर्मा कौन है और क्या सच में उनकी बेटी का अपहरण हुआ है. अंकल वो 5 लोग थे लेकिन मुझे सब का चेहरा तो याद नहीं है पर दो लोगों का चेहरा मैं कभी भूल नहीं सकता हूं. अकबर ने चित्रकार को बताया कि एक व्यक्ति के माथे पर एक लम्बा निशान है जबकि दूसरे आदमी के बाए हाथ में मगरमच्छ का टेटू था और उसके सारे बाल एकदम सफ़ेद थे.
इंस्पेक्टर अंकल ने हैडआफिस से पता किया तो उन्हें जानकारी मिली कि शहर के बिजनेसमैन राजीव वर्मा की बेटी का अपहरण हुआ है और अपहरणकर्ताओं ने फिरौती में एक करोड़ रूपए मांगें हैं जो उन्हें 5 दिन के अन्दर देने हैं. इंस्पेक्टर अंकल ने दोनों अपहरणकर्ताओं के स्कैच को शहर के सभी थानों में भेज दिया. इंस्पेक्टर अंकल ने अकबर से कहा 'बेटा तुम मुझे उस जगह ले चलो जहां तुमने अपहरणकर्ताओं को बात करते हुये सुना था.'
अकबर ने इंस्पेक्टर अंकल वो जगह दिखायी. इंस्पेक्टर अंकल ने दोनों बच्चों से कहा 'तुम दोनों घर चले जाओ, आगे की खोजबीन हम करेगें.' पुलिस अपने साथ उनका ट्रेंड किया हुआ खोजी कुत्ता लेकर आई थी. खोजी कुत्ते ब्रूनो ने जगह को सूंघा और पास की बस्ती की और चल पड़ा. फिर एक बंद मकान के पास जा कर ब्रूनो रुक गया. पुलिस ने घर की खुली खिड़की से अंदर झांक कर देखा तो लगा कि वहां कोई रहता है.
इंस्पेक्टर अंकल ने सादी वर्दी में कुछ पुलिस वालों को उस घर के आसपास निगरानी रखने को कहा. उसी दिन रात को एक व्यक्ति उस घर में आया. आसपास तैनात पुलिस ने उसे पकड़ लिया. इस व्यक्ति का चेहरा दोनों स्कैच में से एक अपहरणकर्ता के चेहरे से बिलकुल मिल रहा था. इसके भी माथे पर एक लम्बा निशान था. उस व्यक्ति को लेकर पुलिस थाने आ गयी. जब इंस्पेक्टर अंकल ने उससे पूछताछ की तो उस व्यक्ति ने कबूल किया कि उसने और उसके साथियों ने मिल कर बिजनेसमैन राजीव वर्मा की बच्ची का अपहरण किया है और उनसे 1 करोड़ की फिरौती मांगी है.
फिर उस अपहरणकर्ता ने उस जगह का पता भी बता दिया जहां बच्ची को रखा गया था. बाद में पुलिस ने बाकी अपहरणकर्ताओं को भी पकड़ लिया और बच्ची को छुड़ा कर उनके मां -पापा को सौप दिया. इंस्पेक्टर अंकल ने अमर और अकबर को थाने बुला कर बहादुर बच्चों का ख़िताब दिया, वही बिजनेसमैन राजीव वर्मा ने बच्चों को बहुत सारी किताबें और एक-एक साइकिल गिफ्ट की.
आपकी राय