एक कैन कोल्डड्रिंक 10 मिनट के अंदर शरीर में बदल सकता है ये सब...
एक आंकड़े के मुताबिक हर दिन दुनियाभर में 1.6 बिलियन सर्विंग्स (अलग-अलग पैकेज में) कोका कोला बेची जाती है. कोका-कोला के अलावा भी कई सॉफ्टड्रिंक्स मार्केट में मौजूद हैं और अब इससे ये बात समझना मुश्किल नहीं है कि वाकई कोल्डड्रिंक की खपत दुनिया भर में काफी ज्यादा है.
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गर्मी हो या सर्दी कोल्डड्रिंक के शौकीन लोग किसी भी सीजन में इसे पीने से बाज़ नहीं आते. वैसे तो सभी को ये पता है कि कोल्डड्रिंक सेहत के लिए अच्छी नहीं होती, लेकिन आखिर इसे पीने के बाद होता क्या है?
कई बार खाने के शौकीन अपनी सेहत को लेकर खिलवाड़ कर बैठते हैं. iChowk.in अपनी खास सीरीज 'स्वाद बनाम सेहत' के चलते ऐसी कई स्टोरीज लेकर आया है जिसमें खाने और उससे होने वाले असर की जानकारी दी जाएगी. इसी कड़ी में आज बात करते हैं एक कैन कोल्डड्रिंक की वजह से शरीर पर होने वाले असर की.
एक आंकड़े के मुताबिक हर दिन दुनियाभर में 1.6 बिलियन सर्विंग्स (अलग-अलग पैकेज में) कोका कोला बेची जाती है. कोका-कोला के अलावा भी कई सॉफ्टड्रिंक्स मार्केट में मौजूद हैं और अब इससे ये बात समझना मुश्किल नहीं है कि वाकई कोल्डड्रिंक की खपत दुनिया भर में काफी ज्यादा है.
कुछ समय पहले एक फार्मासिस्ट नीरज नायक जो ने एक इन्फोग्राफिक पेश किया था. ये बताता था कि आखिर शक्कर, कैफिन और बाकी चीजें जो कोकाकोला में होती हैं वो आखिर क्या असर करती हैं शरीर पर.
नीरज नायक द्वारा बनाया गया इन्फोग्राफिक
1. पहले 10 मिनट में...
ये निर्भर करता है कि आपने कौन सी कोल्डड्रिंक पी है और कितनी, लेकिन मोटे तौर पर देखा जाए तो 6-10 चम्मच शक्कर आपके शरीर पर असर डालती है. शक्कर बहुत मीठी नहीं लगती क्योंकि इसमें फॉस्फोरिक एसिड मिला होता है. इसके अलावा बाकी फ्लेवर भी मिले होते हैं जो शक्कर को थोड़ा कम कर देता है, लेकिन इसका असर उतना ही होता है.
2. 20 मिनट बाद..
शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और इंसुलिन बढ़ा हुआ होता है. लिवर इसके लिए काम पर लग जाता है और शक्कर का लेवल कम करने के लिए वो इसे फैट में बदलने लगता है. यानि पूरी शक्कर जो आप कोल्डड्रिंक के तौर पर पीते हैं वो फैट में बदलने लगती है. ये फैट बढ़ने और दिल की बीमारियों के बढ़ने का अहम कारण होता है.
3. 40 मिनट बाद..
कोल्डड्रिंक में मिला हुआ कैफीन शरीर में घुलने लगता है. आंखों की पुतलियां फैलने लगती हैं और शरीर में बल्डप्रेशर बढ़ जाना आदि सब कोल्डड्रिंक पीने का असर होता है. ये इतना गहरा नहीं होता, लेकिन अगर कोल्डड्रिंक पीने के 40 मिनट बाद बीपी चेक किया जाए तो नॉर्मल से थोड़ा बढ़ा हुआ निकलेगा. इसके कारण लिवर खून में शक्कर घोलने लगता है. दिमाग में मौजूद एडोसीन रिसेप्टर ब्लॉक हो जाएंगे जिससे चक्कर नहीं आएगा.
4. 45 मिनट बाद...
शरीर में डोपामाइन नामक हार्मोन तेजी से बढ़ने लगेगा. ये खुश होने पर बढ़ता है. कोल्डड्रिंक या कैफाइन जैसी किसी भी ड्रिंक को पीने के बाद ये बढ़ता है और इससे हिरोइन जैसा असर होता है.
5. 60 मिनट बाद...
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए फॉस्फोरिक एसिड छोटी आंत में कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे मिनरल भेजता है. ये शरीर में शक्कर के अधिक सेवन से आए होते हैं. आर्टिफीशियल स्वीटनर जो कोल्डड्रिंक में मिले होते हैं वो भी ये करते हैं. ये सारे मिनरल अधिक मात्रा में यूरिन की शक्ल में निकल जाते हैं.
कैफीन अपना काम करने लगता है और थोड़ी देर में इंसान को यूरिन आ जाती है. जैसे ही सारे मिनरल शरीर से निकलते हैं शरीर में एकदम से शक्कर की कमी होने लगती है. इससे थोड़ा सा मूड में बदलाव होता है. थोड़ी सी चिड़चिड़ाहट होती है. अब आपके शरीर से सारे जरूरी मिनरल भी निकल चुके हैं.
ये हो सकती हैं समस्या...
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक अगर लोग दिन में 1 कैन कोल्डड्रिंक का पीते हैं तो दिल की बीमारियों की गुंजाइश 20% बढ़ जाती है. इससे टाइप 2 डायबिटीज की गुंजाइश भी बढ़ जाती है. साइंटिस्ट ने 43000 लोगों पर स्टडी कर ये निश्कर्ष निकाला था. हालांकि, थोड़ी मात्रा में अगर कोल्डड्रिंक पी जाए तो कुछ नहीं होता है. अगर इसे देखा जाए तो अति सर्वत्र वर्जयेत वाली कहावत यहां भी लागू होती है. अगर ज्यादा कोल्डड्रिंक पी गई तो दिक्कत आपको ही होनी है.
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