पत्नी की प्रेमी से शादी कराना, इसके लिए दमदार कलेजा चाहिए बॉस
जो पंकज ने किया है उसे करने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए और दिमाग भी. पकंज ने अपनी पत्नी की शादी कराने के लिए सारे नियमों का पालन किया. खैर, आपको क्या लगता है एक आम इंसान को यह बात सुनकर कैसा लगेगा कि उसकी पत्नी किसी और से प्यार करती है?
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पति (husband) ने अपनी ही पत्नी की शादी (wife marriage) उसके प्रेमी (lover) से करवा दी. यूपी के कानपुर की यह खबर (kanpur news) जैसे ही आई सब के सब हैरत में पड़ गए. सबको बॉलीवुड की फिल्म हम दिल दे चुके सनम की याद आ गई लेकिन जहां तक हमें याद है इस फिल्म में भी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से हो नहीं पाई थी. यानी इस लड़के ने एक कदम बढ़कर काम किया है.
उस समय में अगर फिल्म में ही एक पति अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से कराता तो पता नहीं लोगों का क्या रिएक्शन होता और फिल्म हिट होती कि नहीं यह कहना मुश्किल होगा, क्योंकि लोगों को उस समय में भी फिल्म की हैपी एंडिंग ही पसंद थी.
असल में कानपुर के रहने वाले पंकज की 6 महीने पहले ही कोमल नाम की लड़की से शादी हुई थी. कोमल पहले से ही किसी और से प्यार करती थी लेकिन किसी कारणवश उसकी शादी उसके प्रेमी से हो नहीं पाई. आज के जमाने में भी लड़कियों को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार घरवाले नहीं देते हैं. इस तरह कोमल की पंकज के साथ अरेंज मैरिज कर दी गई. वह शादी के बाद ससुराल तो आ गई लेकिन प्यार वह अपने प्रेमी से ही करती थी.
पत्नी की प्रेमी से शादी कराने वाले पति को खूब वाहवाही मिली
हालांकि उसने शादी के बाद ही अपने पति पकंज से यह बात बता दी वह किसी और से प्यार करती है. हमें लगता है कि अगर वह यह बात पहले ही बता देती तो शायद यह नौबत नहीं आती. खैर, आपको क्या लगता है एक आम इंसान को यह बात सुनकर कैसा लगेगा कि उसकी पत्नी किसी और से प्यार करती है. उसे गुस्सा आएगा, उसका दिल दुखेगा, वह अपने ससुराल वालों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाएगा, वह पत्नी को टॉर्चर करेगा...लेकिन पकंज ने ऐसा कुछ नहीं किया.
जब उसे पता चला कि उसकी पत्नी उससे नहीं बल्कि अपने प्रेमी को चाहती है तो उसने कोमल को आजाद कर दिया. उसने पत्नी से तलाक ले लिया और अपने सामने ही उसकी शादी उसके प्रेमी से करा दी. इतना ही नहीं पकंज ने पत्नी की शादी के सारे इंतजाम भी खुद किए. आपको क्या लगता है क्या एक पति के लिए यह सब करना आसान होगा?
आखिर इसमें पकंज की क्या गलती थी? लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि लड़कों को दर्द नहीं होता, उन्हें कुछ महसूस नहीं होता, उन्हें किसी बात से फर्क नहीं पड़ता? हमारे देश में आज भी अरेंज मैरिज ही अधिकतर होती है. किसी भी आम लड़के की तरह पकंज से शादी की तैयारी की होगी.
अपने दोस्तों के साथ हंसी-मजाक किया होगा, डांस किया होगा, बड़ों का आशीर्वाद लिया होगा लेकिन जब उसे पता चला होगा कि उसकी पत्ती को उससे नहीं किसी औप से प्यार है तो क्या उसे तकलीफ नहीं हुई होगी? दूसरों को कुर्बानी करते देख हम खूब तालियां पीटते हैं, शाबाशी देते हैं लेकिन जब हकीकत में वही घटना हमारे साथ हो जाए तो हमारी हिम्मत नहीं होती. कलेजा चाहिए बॉस वो भी तगड़ा वाला.
जिस पर बीतती है वही समझता है, लेकिन ऐसे हालात में किया भी किया जा सकता है. अब जो हमें प्यार ही ना करे उसके साथ रहने का भी क्या फायदा? लोग कहते हैं कि शाद के बाद प्यार हो ही जाता है लेकिन अगर सामने वाला पहले से ही किसी से प्यार करता हो तो? ऐसी घटनाएं उनके साथ ज्यादा होती हैं जिनकी शादी उनकी मर्जी के खिलाफ जबरन कराई जाती है.
अब उसने पहले कोमल को तलाक देकर आजाद किया और फिर सरकारी संस्था आशा ज्योति केंद्र में उसकी शादी के लिए सारे कागजात तैयार करवाए. पकंज अपनी तरफ से वकील भी वे खुद ही लेकर पहुंचा. शादी कराने वालों को भी इस पर यकीन नहीं हो रहा था. उन्हें अजीब लग रहा था लेकिन जब पूरे परिवार को देखा तो उन्होंने शादी करवाई.
हां थोड़ी तारीफ कोमल के प्रेमी की भी बनती है. जिसने अपनी प्रेमिका को पति के साथ 6 महीने रहने के बाद भी अपना लिया. वरना यहां तो एक्स लड़कियों को जीने नहीं देते. इसे कहते हैं प्यार का विश्वास लेकिन सबसे बड़ी तकलीफ को पति पकंज की ही है. आपको क्या लगता है क्या सभी लोगों ने उसे शाबीशी दी होगी? जी नहीं बहुत से लोगों ने मजाक बनाया होगा, बहुत से रिश्तेदारों ने ताने दिए होंगे, वह भविष्य में बारे में क्या सोच रहा होगा, उसके मन में कितने उथल-पुथल मची होगी…
आसान नहीं है यह किसी भी इंसान के लिए करना...पत्नी भले ही पहले से आपकी प्रेमिका ना हो लेकिन उससे शादी करने के बाद थोड़ा ही सही लगाव तो होगा ही. सिंदूर, मंगलसूत्र, अग्नि के सात और ये समाज का बोझ...सफर में किसी के साथ जाकर खाली हाथ लौटना आसान नहीं होता मेरे दोस्त. हालांकि पकंज ने जो किया किया है उससे समाज के कई लोगों की आंखें खुल जाएंगी.
माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की जबरन शादी ना कराएं ताकि दोबारा किसी पंकज और कोमल के साथ ऐसा ना हो सके. पकंज की समझदारी से 4 जिंदगियां तबाह होने से बच गईं, लेकिन याद रखिए हर इंसान पंकज नहीं हो सकता. वैसे सिर्फ तारीफ ही नहीं हमें तो पकंज को सलान करना चाहिए. इस इंसान ने समाज के नियमों को चुनौती देते हुए वह फैसला लिया जो किसी के लिए भी आसान नहीं है...
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