गिर के शेरों को इंसानों का मजाक पसंद नहीं आया
गुजरात के गिर में शेर द्वारा इंसान पर पहले हमला करना फिर उसके शव को आधा खाना ये बताता है कि जंगल में शेरों को हलके में लेना ठीक नहीं है. यहां लोगों ने जंगल के शेरों के साथ फोटो खिंचवाना और वीडियो बनवाना शुरू कर दिया था.
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गुजरात के गिर में, शराब के नशे में धुत एक स्थानीय मछुआरे पर शेर ने हमला कर दिया. 37 साल का मछुआरा रामभाई चुडासमा अपने घर लौट रहा था. हमला कितना जबरदस्त था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, व्यक्ति का जो शव पुलिस ने बरामद किया है वो शेर द्वारा आधा खाया हुआ था. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो मृतक शाम को भी उसी हिस्से में घूमते पाया गया था, जहां शेर थे. रेंजर्स द्वारा कई बार उसे चेतावनी दी गई थी कि वो चला जाए मगर उसने उनकी बात नहीं मानी और उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
मरने वाले व्यक्ति को इस बात की पूरी जानकारी थी कि इलाके में खूंखार शेर हैं
गुजरात के गिर के बारे में मशहूर था कि, ये भारत का एक ऐसा स्थान है जहां लम्बे समय से शेर और इंसान प्रेम, सौहार्द और भाईचारे के साथ रह रहे हैं. कहते हैं जहां इंसान है वहां प्रॉब्लम यानी समस्या अपने आप आ जाती है. गिर में भी यही हुआ. चूंकि शेरों और इंसानों में भाईचारा था. इसका इंसान ने बुरी तरफ से फायदा उठाया और शेर जैसे जीव की हालत बकरी, मुर्गी, कुत्ते और बन्दर सरीखी कर दी. गिर के जंगलों से शेरों के साथ छेड़ छाड़ की ख़बरें आम थीं. जंगल के राजा के साथ वो सब हो रहा था, जो कभी नहीं हुआ. जब इस जलालत का घड़ा भरा तो जंगल से खौफनाक जवाब आया.
शेर तो शेर ठहरे, पहले तो उन्होंने फैसला लिया फिर मोमबत्ती जलाकर उसके ऊपर पंजा रखकर कसम खाई की इंसानों से अपने साथ हुई जिल्लत का पूरा बदला लिया जाएगा. वो दिन है और आज का दिन है. गिर के शेर मां का, बाप का, भाई का बदला ले रहे हैं और तेजी से आक्रामक हो रहे हैं. गिर में स्थिति वाकई गंभीर है. जंगल के राजा द्वारा एक आदमी पर हमला करना ये बता रहा है कि यदि इंसानों ने जानवरों के साथ मजाक करना बंद नहीं किया तो फिर खतरा जानवरों को नहीं बल्कि इंसानों को है.
जी हां, गिर के जंगलों में जानवरों के साथ घिनौना मजाक किया जा रहा है. अब तक हमारे सामने कई वीडियो ऐसे आए हैं जिन्हें यदि आदमी देख ले और उनपर गंभीरता से विचार कर ले तो उसे अपने को इंसान कहने में शर्म आए. बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया गया था. वायरल हुए इस वीडियो में दो लोग जंगल में घूमती शेरनी को बार बार जिंदा मुर्गा दिखा रहे हैं. उसे डरा रहे हैं. हमला करने पर मजबूर कर रहे हैं.
बीते कुछ दिनों से गिर में शेर द्वारा इंसान पर हमले तेज हुए हैं
जिस तरह का ये वीडियो है, जहां एक तरफ वो शर्मिंदा करने वाला है तो वहीं दूसरी तरफ वीडियो देखकर इस बात का भी एहसास हो जाता है कि सभ्य होने का दावा करने वाला इंसान आखिर कैसे इतनी बचकानी हरकत कर सकता है. गौरतलब है कि गिर का जंगल भारत का एकमात्र ऐसा जंगल है जहां कुछ दिनों पहले तक इंसानों और जानवरों में सौहार्द था और दोनों शांति के साथ अपना जीवन जी रहे थे.
बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना बेहद जरूरी है कि हालिया दिनों में गिर में शेरों द्वारा इंसानों पर हमले का पहला मामला तब सुर्ख़ियों में आया जब अभी बीते नवम्बर में शेरों ने 2 लोगों को मार डाला था उसके बाद दिसंबर के शुरूआती हफ्ते में इंसान और शेरों के संघर्ष की ख़बरें आईं.
बहरहाल जिस तरह ताजे मामले के अंतर्गत शेर ने पहले तो आदमी को मारा फिर अपना निवाला बनाया. वो ये बताने के लिए काफी है कि जंगल के कानून में सिर्फ एक्शन लिया जाता है और यहां सुनवाई या दलीलों जैसी चीजों की कोई जगह नहीं होती. गिर के मामले में जंगल में जानवर ने अपने अंदाज में फैसला किया है. यहां शेरों ने हम इंसानों को ये सबक दिया है कि, किसी की चुप्पी का इतना फायदा नहीं उठाना चाहिए की बात इस हद तक आ जाए कि, शोषित के सामने हत्या करने के अलावा कोई अन्य चारा न बचे.
शेर के साथ सेल्फी पोस्ट करने के चलते रविंद्र जडेजा को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था
गिर में शेर की स्थिति कैसी है यदि हमें इस बात को और ज्यादा गहराई से समझना हो तो हमें वो तस्वीर याद करनी चाहिए जो बीते दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. तस्वीर में मशहूर क्रिकेटर रविंद्र जडेजा थे जिन्होंने शेर के साथ सेल्फी कर सुर्खियां बटोरी थीं. पशु प्रेमियों ने जडेजा की इस हरकत की तीखी आलोचना की थी साथ ही उनपर इसके लिए जुर्माना भी लगा था.
अंत में बस इतना ही कि, पिगलेश्वर का 37 साल का रामभाई चुडासमा हम इंसानों के लिए एक ऐसा सबक है. जिसकी मौत को हमें बिल्कुल भी भूलना नहीं चाहिए और ये मान लेना चाहिए कि जैसे इज्जत पाने के तलबगार हम हैं. वैसे ही जानवर भी हमसे थोड़ी रिस्पेक्ट चाहते हैं. जब तक वो स्थिति बर्दाश्त कर पाते हैं सब कुछ ठीक रहता है और जब बात बेकाबू होती है तो नौबत ये आती है कि इंसान को अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ता है और कोई कुछ नहीं कर पाता है. फिर आप भले आदमखोर कहकर उस शेर को मार डालें, लेकिन ख्याल रखें कि पहल उसने नहीं की थी.
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