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सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Ashok Stambh Controversy: तुम्हारी काली मां शराब पी सकती है, हमारा शेर दहाड़ भी नहीं सकता!
अशोक स्तंभ विवाद (Ashok Stambh Controversy) को विपक्ष भरपूर राजनीतिक तूल दे रहा है. सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि अशोक स्तंभ के 'शांत और सौम्य' शेरों को आक्रामक क्यों बनाया? लेकिन, यही सवाल मां काली को अपने परसेप्शन के हिसाब से शराब पीने वाली बताने वालों से भी पूछा जाना चाहिए.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बेटे को तेंदुए के जबड़े से जिंदा छीन लाई एक मां, ममता को प्रणाम कीजिये...
मां ने अपनी हाथों में सिर्फ पतली सी छड़ी ली थी. वह तेंदुए से डरी नहीं और साहस के साथ उसका सामना किया. तेंदुए ने मां के ऊपर भी हमला किया. वह जख्मी हुई लेकिन उसने अपने बेटे को आखिरकार जिंदा बचा लिया. उसने बेटे को तेंदुए के पंजे से छुड़ा लिया और उसे गोदी में उठा लिया.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Coronavirus: इंसानों ने बाघ को भी नहीं बख्शा!
एक ऐसे वक़्त में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) का कोप भोग रही हो इंसान की मूर्खता का खामियाजा जानवरों को भुगतना पड़ रहा है. खबर है कि अमेरिका (America) के ब्रोंक्स चिड़ियाघर के किसी कर्मचारी से 4 साल के मलायन प्रजाति के बाघ (Tiger) तक कोरोना का संक्रमण पहुंचा जिससे दुनिया भर में हड़कंप मच गया है.
सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
घास खाते शेर को देखकर चौंकिए मत, ये समझिए वो घास खा क्यों रहा है
सोशल मीडिया पर गुजरात के एक शेर का ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह घास खाता दिख रहा है. जी हां... घास. शेर घास खा रहा है, इसी वजह से ये वीडियो वायरल हुआ है. सोशल मीडिया पर अब इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि शेर घास खाता है या नहीं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
भारतीय बाघों का प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र ज़रूर पढ़ना चाहिए
देश में बाघों की संख्या में हुए सुधार के मद्देनजर भले ही जश्न मनाया जा रहा हो. मगर ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनका सामना बाघ कर रहे हैं. एक ऐसे समय में जब सभी अपनी समस्याओं को बताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख रहे हैं, तो एक कोशिश बाघों की ओर से भी हुई है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
प्रभुनाथ शुक्ल
बाघ की मॉब लिंचिंग और वन्यजीव कानून
देश भर में इंसानों पर बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाएं अब जानवारों पर भी घटने लगी हैं. मॉब लिंचिंग को जाति-धर्म से जोड़ कर संसद में हंगामा करने वाले लोग बाघ की लिंचिंग पर क्यों मौन हैं. अफसोस इस बात का है कि देश में संरक्षित वन्यजीव हमारी चिंता का विषय नहीं बनते हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गिर के शेरों को इंसानों का मजाक पसंद नहीं आया
गुजरात के गिर में शेर द्वारा इंसान पर पहले हमला करना फिर उसके शव को आधा खाना ये बताता है कि जंगल में शेरों को हलके में लेना ठीक नहीं है. यहां लोगों ने जंगल के शेरों के साथ फोटो खिंचवाना और वीडियो बनवाना शुरू कर दिया था.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जानवर जंगल में हो या फिर पिंजरे में, उसे 'अंगुली' बिल्कुल पसंद नहीं होती!
चिड़ियाघर की वो कहानियां जो ये बताएंगी कि अगर जानवर को छेड़ा गया तो जानवर का उग्र और हिंसक होना लाजमी है. यदि ऐसा हो गया तो फिर इंसान का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
दुनिया के आखिरी सफेद गैंडे की मौत भारत के लिए भी खतरे की घंटी है
अवैध वन्यजीव व्यापार का बाजार हर साल 7 बिलियन डॉलर से 23 अरब डॉलर के बीच है. भारत में भी हालत कुछ अच्छी नहीं है. विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) का कहना है कि 2014 से 2016 के बीच शिकार और वन्यजीवन अपराधों में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.