बेटे को तेंदुए के जबड़े से जिंदा छीन लाई एक मां, ममता को प्रणाम कीजिये...
मां ने अपनी हाथों में सिर्फ पतली सी छड़ी ली थी. वह तेंदुए से डरी नहीं और साहस के साथ उसका सामना किया. तेंदुए ने मां के ऊपर भी हमला किया. वह जख्मी हुई लेकिन उसने अपने बेटे को आखिरकार जिंदा बचा लिया. उसने बेटे को तेंदुए के पंजे से छुड़ा लिया और उसे गोदी में उठा लिया.
-
Total Shares
अभी ज़िंदा है मां मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है... शायर मुनव्वर राना की ये लाइनें इस बच्चे पर सटीक बैठती हैं, जिसकी जिंदगी उसकी मां ने तेंदुए (leopard) के जबड़े से छीन ली. हमें भी लगता है कि मां है ना, सब संभाल लेगी. मां है ना, फिर मुझे कुछ नहीं होगा. मां मेरे पास रहेगी तो मैं ठीक हो जाऊंगा. चोट लगने पर, दर्द मिलने पर या फिर कहीं गिरने पर सबसे पहला शब्द मां, मम्मा, मम्मी ही निकलता है.
हमने ना जाने मां की ममता की कितनी कहानियां सुनी होंगी? वो कभी मारकर प्यार जताती है तो गुस्से में रो देती है. ऐसी ही एक साहसी मां की सच्ची कहानी हम आपको बता रहे हैं. वैसे हम जिस मां की कहानी बता रहे हैं उनका नाम किरण बैगा है. बैगा बडी झरिया गांव की रहने वाली हैं. यह गांव मध्यप्रदेश के सिधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आता है जो भोपाल से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर है.
बेटे को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गई निहत्थी मां
दरअसल, आदिवासी मां (tribal mother) किरण बैगा अपने तीन बच्चों के साथ झोपड़ी के अंदर अलाव के पास बैठी थी. छोटा बेटा गोदी में था और बाकी दो बच्चे आस-पास थे. तभी अचनाक ने तेंदुआ आया और 6 साल के बच्चे को जबड़े में जकड़ कर जंगल की तरफ ले जाने लगा. मां ने जब यह देखा तो वह अवाक रह गई, उसे कुछ नहीं सूझा वह चिल्लाती हुई तेंदुए का पीछा करने लगी.
मां की जान तो वैसे भी उसके बच्चे में ही बसती है. करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में जाने के बाद तेंदुआ रूका. मां ने अपनी हाथों में सिर्फ पतली सी छड़ी ली थी. वह तेंदुए से डरी नहीं और साहस के साथ उसका सामना किया. तेंदुए ने महिला के ऊपर भी हमला किया. वह जख्मी हुई लेकिन अपने बेटे को आखिरकार जिंदा बचा लिया. उसने बेटे को तेंदुए के पंजे से छुड़ा लिया और गोदी में उठा लिया.
थोड़ी देर बाद गांव वाले भी पहुंच गए. इसके बाद महिला बेहोश हो गई. लोगों ने कहा कि यह मां सच में शेरनी है. जिसने अपने लाल को कुछ होने नहीं दिया. वह खुद जख्मी हो गई लेकिन बेटे को अकेला नहीं छोड़ा.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर लिखा है कि, 'काल के हाथों से बच्चे को निकाल कर नया जीवन देने वाली मां को प्रणाम. प्रदेश के सीधी जिले में तेंदुए का एक किमी दूर पीछा कर मां अपने कलेजे के टुकड़े के लिए उससे भिड़ गईं. मौत से टकराने का ये साहस ममता का ही अद्भुत स्वरूप है. मां श्रीमती किरण बैगा का प्रदेशवासियों की तरफ से अभिनंदन.'
वैसे इस मां की कहानी के बारे में आपका क्या कहना है? मां ऐसी ही होती है जो अपने आप से पहले बच्चे की परवाह करती है. मां को भले ही कुछ हो जाए लेकिन वह जाने भर में अपने बच्चे को कुछ नहीं होने देगी. ऐसी मां को हमारा सलाम है.
The woman of the village saved her little child from the leopard, this would have been the mother of real India (the land of Shivaji Maharaj)Not like today's gentle mother who is busy eating pizza burger and her lust, who shouts help me help me every time. #IndianMother pic.twitter.com/o5V0VRhvtZ
— Odd-Purush (Odd Man) (@prevaildatruth) December 1, 2021
आपकी राय