कानपुर में आखिरकार गाय की बदौलत पिटबुल और रॉटविलर को अपनी 'औकात' पता चल ही गयी!
अभी बीते दिनों एक गाय पर हमला करने वाले पिटबुल कुत्ते का एक वीडियो वायरल हुआ है. जैसा मामला है कानपुर नगर निगम के कान खड़े हो गए हैं.सरकारी आदेश है कि अब कोई पिटबुल, रॉटविलर जैसे खूंखार कुत्ते नहीं पाल सकता. अगर किसी की ऐसी ब्रीड के कुत्ते पालने की हिम्मत हुई तो उसपर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा और कुत्ता कानपुर नगर निगम द्वारा जब्त किया जाएगा.
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ग्रेटर नॉएडा की रेसिडेंशियल सोसाइटी की लिफ्ट में पालतू कुत्ते द्वारा बच्चे को काटा जाना भर था. इस बीच शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो, जब इस तरह की ख़बरें न आई हों. मामला कानपुर से भी आया है लेकिन कानपुर में कुत्ते ने किसी इंसान को नहीं, बल्कि गाय को काटा. यूपी जैसे राज्य में गाय के साथ हुई इस घटना के बाद जिला प्रशासन भी फ़ौरन ही हरकत में आया. नतीजा ये निकला कि अब कानपुर में भले ही आदमी ग़लतफहमी या किसी के प्रति द्वेष पाल ले लेकिन पिटबुल, रॉटविलर जैसे खूंखार कुत्ते नहीं पाल सकता. सरकारी आदेश के बावजूद गर जो किसी की ऐसी ब्रीड के कुत्ते पालने की हिम्मत हुई तो 5 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा और कुत्ता कानपुर नगर निगम द्वारा जब्त किया जाएगा सो अलग. कोई कुछ कहे लेकिन वाक़ई कानपुर वालों को गाय को थैंक यू कहना चाहिए. बार-बार हजार बार कहना चाहिए. गाय न होती और कुत्ते इंसानों को यूं ही काटते रहते तो किसी को क्या ही फर्क पड़ता. मगर अब जबकि गाय के जरिये बात ऐसे खूंखार कुत्तों के नियंत्रण पर आ ही गयी है उम्मीद है कि इस पहल को कानपुर की ही तरह अन्य शहरों में भी लागू कर ही दिया जाएगा.
यूपी के कानपुर में गाय को काटना पिटबुल ब्रीड के कुत्ते और खूंखार ब्रीड के तमाम मालिकों को खासा महंगा पड़ गया है
खूंखार कुत्तों को घरों में न पाला जाए इसकी आज के समय में क्यों बहुत जरूरत है इसकी चर्चा हम इस लेख में आगे करेंगे. लेकिन उससे पहले हमारे लिए कानपुर में जो हुआ है उसे समझ लेना जरूरी है. दरअसल अभी बीते दिनों कानपुर के सरसैया घाट पर पिटबुल ब्रीड के एक कुत्ते ने एक गाय पर बुरी तरह हमला कर दिया था. घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल है. वीडियो देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि कानपुर के सरसैया घाट पर घूमती एक गाय को पिटबुल ने अपना निशाना बना लिया.
Pitbull dog attack in #Kanpur goes viral, the dog is not leaving the cow's mouth even after being hit by the rod. pic.twitter.com/CXeJAsz6tN
— Talora Maahi (@TaloraMaahi) September 23, 2022
वीडियो में दिख रहा है कि गाय को कुत्ते के जबड़ों से छुड़ाने लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ा.जब पिटबुल ने गाय को नहीं छोड़ा तो उसके मालिक ने उस पर रॉड से हमला किया. इसके बाद उसने गाय को छोड़ा. घायल गाय को इलाज के लिए पशु अस्पताल ले जाया गया.वहीं नगर निगम ने कुत्ते के मालिक को लाइसेंस, टीकाकरण और अन्य जरूरी कागजात के साथ तलब किया.
Kanpur, UP | A cow was attacked by a Pitbull dog. We spoke with owner, who said such incident never happened before. Dog is registered & vaccinated. Owner called to the Municipal Corporation with all papers for further action: Dr RK Niranjan, Chief Veterinary Officer pic.twitter.com/BqmmrJ7mqh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 22, 2022
मामला क्योंकि सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना कानपुर नगर निगम ने भी इसका संज्ञान लिया है और पिटबुल और रॉटवीलर जैसी ब्रीड के कुत्ते पालने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव में इस बात का जिक्र है कि इन दोनों ब्रीड के कुत्तों को यदि किसी ने भी पाला तो उस पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है और उसका डॉग भी जब्त किया जा सकता है.
मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा है कि शहर में जिन लोगों के पास पिटबुल और रॉटवीलर नस्लों के कुत्ते हैं, उन्हें नगर निगम में एक एफिडेविट देना होगा. मालिकों को एफिडेविट पर लिखना होगा कि अगर उनका कुत्ता किसी को नुकसान पहुंचाता है तो उसके जिम्मेदार वे खुद होंगे और ऐसे में उन पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगेगा.
Kanpur, UP | In order to protect the public, Pitbull & Rottweiler is now banned from the city limits. After an incident where a Pitbull dog attacked a Cow at Sarsaiya Ghat and in view of increasing incidents of Pitbull dog attacks, this decision was taken. : Mayor Pramila Pandey pic.twitter.com/Bx0fdg8zkF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 27, 2022
कानपुर नगर निगम और मेयर द्वारा लिए गए इस फैसले पर सौ तरह के तर्क हो सकते हैं. तमाम बातें इसके पक्ष और विपक्ष में हो सकती हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर पिटबुल, रॉटविलर जैसे कुत्तों को पालना ही क्यों? हो सकता है कि ये बात बतौर डॉग लवर किसी इंसान को आहत कर दे. लेकिन जैसी इन कुत्तों की ब्रीड है, अगर हम समाज में सिर्फ अपने वर्चस्व के नाम पर इन कुत्तों को पाल रहे हैं वो डॉग लव नहीं बल्कि कोरी मूर्खता ही कहलाएगा.
नहीं आप खुद बताइये जिन कुत्तों का निर्माण झुंड की रखवाली और फार्म में रखने के लिए हुआ यदि उन्हें हम अपने 2 या 3 बीएचके फ्लैट में रख रहे हैं तो इससे अच्छा यही है कि फर्जी डॉग लव का नाम देकर आदमी इन कुत्तों को न पाले. बहरहाल कानपुर के अंतर्गत लिए गए निर्णय की हुई है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि अभी खूंखार ब्रीड के जो कुत्ते कानपुर में हैं उनका होगा क्या?
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