New

होम -> समाज

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 02 मई, 2017 04:12 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

आज जबकि पूरी दुनिया समाज में महिलाओं की भूमिका पर बहस करने में व्यस्त है तो भारतीय वायु सेना समानता के अधिकारों पर अपना दमदार स्टैंड लेकर आया है. पिछले साल भारतीय वायु सेना ने महिलाओं को युद्ध क्षेत्र में जाने की अनुमति देते हुए तीन महिला पायलटों के पहले बैच को नियुक्त किया था.

हालांकि हर क्षेत्र में महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है लेकिन भारतीय वायुसेना वो उदाहरण लेकर आया है जिसकी जरुरत दुनिया को है. एयर फोर्स ने महिलाएं क्या कर सकती हैं या नहीं कर सकती हैं के मिथक को तोड़ते हुए अपना अभियान एक नया विज्ञापन के साथ लाया है.

महिलाएं, भारतीय वायु सेना, जंगबम से महिलाएं डरती नहीं, खेलती हैं

अपने एड में एयर फोर्स ने महिलाओं को कॉम्बेट रोल में दिखाया है. इसका उद्देश्य है युद्ध के मोर्चे पर महिलाओं की क्षमताओं पर लगने वाले कयासों से लड़ना और उसको गलत साबित करना है. लगभग एक मिनट के इस वीडियो में अपनी पहली महिला लड़ाकू पायलटों की उपलब्धियों को बड़े ही गर्व के साथ दिखाया गया है. जबकि वीडियो की शुरुआत लड़कियों के प्रति समाज के विचारों को बताते हुए किया गया है.

ये वीडियो बताता है कि कैसे हमारे समाज में लोग ये मानते हैं कि महिलाओं को जोर की आवाज़ और ऊंचाई से डर लगता है, जो नौकरी के बोझ को नहीं उठा पाती है और अंततः हार मान लेती हैं, जिनसे एक परिवार को बढ़ाने के लिए अपने सपनों का त्याग करने की अपेक्षा की जाती है और उन्हें साथ ही उन्हें समाज में समानता पाने की अपेक्षा नहीं करने को कहा जाता है.

एड में ये साफ मैसेज दिया गया है कि एक महिला को घर चलाने वाला माना जाता है सिर्फ इसलिए वह अपने देश का बचाव नहीं कर सकती ये सोच ही गलत है. इस एड में साफ कहा गया है कि महिलाएं कुछ भी हैं लेकिन नाजुक नहीं हैं और किसी भी पुरूष की तरह ही मैदान-ए-जंग में दुश्मनों से लोहा ले सकती हैं. ये एड दर्शकों को अपने बनाए उन सभी खोखले मान्यताओं और तौर-तरीकों पर पुनर्विचार करने पर विवश करता है और उन्हें बताता है कि एक महिला होने का अर्थ क्या है.

यहां देखिए पूरा एड-

ये भी पढ़ें-

आजादी नहीं... कुछ और ही चाहती हैं ये 'पत्थरबाज' लड़कियां

कश्मीर के इन हालात के बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे!

पत्‍थरबाजों को रक्षा-कवच बनाने की रणनीति स्‍थाई करने की जरूरत !

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय