अथ श्री कुत्ता कथा !
प्राचीन समय में कुत्ते दुनिया भर में बेशकीमती माने जाते थे. इतिहास बताता है कि हमारे देश से कुत्तों को मिस्र और रोम जैसे देशों में निर्यात किया जाता था.
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विश्व के प्रसिद्ध लेखक और दार्शनिक प्लिनी ने कहा था- भारत में जानवर सबसे ज्यादा विकास करते हैं. भारत से ही कुत्ते आते हैं जो किसी भी और जानवर से ज्यादा हैं. प्लिनी की बात गलत नहीं है. हमारे देश की जलवायु में विविधता की वजह से ये कई जीवों के लिए स्वर्ग है. उत्तर में बर्फ से ढंके हिमालय के पहाड़ हैं तो पश्चिम में सुनहरा रेगिस्तान. कुछ लोगों का कहना है कि देश के कुत्ते की आबादी में भी हमारी इस जैव विविधता का विभिन्न रूप दिखाई देता है.
भारत कई कुत्तों की स्वदेशी नस्लों का घर है. लेकिन अफसोस की बात ये है कि हमारी उदासीनता की वजह से कई प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं. यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है जबकि हम जानते हैं कि प्राचीन समय में कुत्ते दुनिया भर में बेशकीमती माने जाते थे. इतिहास बताता है कि हमारे देश से कुत्तों को मिस्र और रोम जैसे देशों में निर्यात किया जाता था.
जानिए इतिहास में कुत्तों से जुड़ी 6 रोचक जानकारियां-
इतिहास में भी दर्ज हैं कुत्तेभारत से कुत्ते बेबीलोन (मेसोपोटामिया) भेजे जाते थे
1- फारस (465-425 ईसा पूर्व) के राजा अर्ताजेर्क्सिज प्रथम के शासनकाल के दौरान असीरियाई राज्यपाल को चार गांव दिए गए थे. इन गांवों को विशेष रूप से कुत्तों की देखभाल और उनके प्रजनन के साथ-साथ उन्हें सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने के लिए प्रयोग किया जाना था. जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया और स्थानीय शासकों पर विजय हासिल की तो गांधार के राजा ने उसे 150 शिकारी कुत्ते भेंट में दिए.
2- एडिलेड के ऑस्ट्रेलियाई सेन्टर फॉर एनशिएन्ट डीएनए में किए गए एक अध्ययन में आस्ट्रेलिया के जंगली कुत्तों को प्राचीन भारतीय कुत्ते से जोड़ दिया गया है. इस केंद्र के निदेशक एलन कूपर का कहना है कि आस्ट्रेलिया के जंगली कुत्ते भारतीय कुत्तों जैसे लगते हैं. भारतीय उपमहाद्वीप कुत्तों की प्रजातियां शायद कुछ लोगों के साथ करीब 4,300 साल पहले यहां आई होगी.
3- अजंता की गुफाओं में कुत्तों के चित्र दिखाई देते हैं. वाघोरा नदी के साथ लगे घाटी में वाकाटक राजाओं ने कई चट्टान से गुफाओं की एक श्रृंखला खुदवाई और भीतरी दीवारों और छत को बौद्ध विषयों से संबंधित भित्तिचित्रों के साथ सजाया. वहाँ पूर्व ईसाई युग के कम से कम तीन भित्तिचित्र हैं जिनमें शिकारी कुत्तों का निरूपण किया गया है. पहली गुफा में जनक की कहानी को दिखाया गया है. इसमें दिखाया है कि जब उनकी पत्नी को मालूम चलता है कि जनक ने कुत्तों का छोड़ा हुआ खाना खा लिया तो वो उसे घृणा में छोड़कर चली जाती है.
कुत्तों का इतिहास4- बाबरनामा में में एक पेंटिंग है. इसमें खुसरो शाह (खुसरो शाह एक भारतीय अमीर था जो मुगल सेना में जनरल बन गया था. इसने खानवा के युद्ध में बाबर के सेना की अगुवाई की थी) को बाबर को श्रद्धांजलि देता हुआ दिखाया गया है. इस चित्र में एक ताज़ी कुत्ते का चित्र बना हुआ है. ताज़ी कुत्ते मूल रूप से अफगानिस्तान की प्रजाति हैं. इसी तरह सम्राट जहांगीर के समय के एक और पेंटिंग में दो कुत्तों को दिखाया गया है.
आर्कोट के नवाब सदातुल्लाह खान प्रथम ने ब्रिटेन से कुत्तों की मांग की थी
5- 1710 में नवाब सदातुल्लाह खान ने ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों को उपहार में छह हाथी दिए थे और बदले में चार कुत्तों की मांग की थी. ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने चिट्ठी लिखकर अपने आकाओं से नवाब को चार आईरिश कुत्ते देने की गुजारिश की थी. हालांकि इस बात के साक्ष्य नहीं मिले हैं कि नवाब को ये उपहार मिला या नहीं.
फोटोग्राफी के आने के बाद, उन्नीसवीं सदी के मध्य तक कुत्तों की कुछ तस्वीरें बनाई गई थी
6- भारत के जमींदारों, राजाओं और ब्रिटिश ऑफिसरों के फोटो में कुत्ते दिखाई देते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि उस समय कुत्तों का प्रयोग मुख्यत: शिकार के लिए किया जाता था.
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