महिला-पुरुष दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है!
19 नवंबर 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' (international Men's Day)पर हमारे आसपास मौजूद उन सभी पुरुषों का शुक्रिया जो पग-पग पर मजबूत सहारा बन खड़े रहे, जिन्होंने रोने के लिए कांधा दिया और हंसने की सौ वजहें भी दीं. आप और हम दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है.
-
Total Shares
स्त्री अस्मिता को अगर लूटने वाले हैं तो उन्हें बचाने वाले पुरुष भी हमारे आसपास मौजूद हैं. किसी बेटी की ऑनर किलिंग करने वाला पिता अगर है तो किसी बेटी को भारत की पहली फाइटर जेट पॉयलेट बनाने वाला पिता भी हमारे बीच है. किसी बहन का दुपट्टा खींचने वाला लड़का यदि है तो हज़ारों बहनों के लिए पेडमैन बनने वाला और बेहद ज़रूरी लड़ाई भी कोई भाई हमारे लिए लड़ रहा है. किसी पत्नी पर प्रताड़ना और घरेलू हिंसा करने वाला पति अगर है तो किसी पत्नी को मेरी कोम बनाने वाला पति भी हमारे बीच है.
चाहे स्त्री हो या पुरुष एक को साथ लेकर हम समाज की कल्पना ही नहीं कर सकते
बुराई के बीच कई अच्छे चेहरे भी हमें दिखते रहते हैं. जितनी ताक़त से हम बुराई को धकेल अपनी दुनिया से बाहर कर देने की कोशिशों में लगे हैं उतनी ही सहृदयता से हमें उन अच्छे चेहरों को समय-समय पर सराहते रहना चाहिए ताकि उनसे प्रेरित हो बुरे भी अच्छे के मार्ग पर लगें.
आज 19 नवंबर 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' पर मैं अपनी ज़िंदगी में, अपने आसपास मौजूद उन सभी पुरुषों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जो पग-पग पर मजबूत सहारा बन खड़े रहे, जिन्होंने रोने के लिए कांधा दिया और हंसने की सौ वजहें भी दीं. आप और हम दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है.
मुझे आप पर भरोसा है, दिल की गहराईओं से कि आप सदैव स्त्री के अधिकारों की लड़ाई में मुझसे आगे ही रहेंगे. मुझे आप पर भरोसा है कि आपके भाव इतने शुद्ध रहेंगे कि आधीरात भी कोई बहन आपके साथ कहीं जाने से झिझकेगी नहीं.
मुझे भरोसा है कि आप स्त्री के आगे पौरुष का दम्भ भरने से पहले उसका साथी बन नेह की डोर थामे रहेंगे. मुझे आप पर भरोसा है कि यह भरोसा जीवनभर क़ायम रहेगा, आज आपका दिन है, बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
ये भी पढ़ें -
मर्द नहीं इंसान भी हैं आप, ख़ुशियों में दिल खोल कर मुस्कुरा लें और दर्द में रो लें
एक मां का दूसरा जीवन साथी चुनना उसके बच्चों की नजर में कितना बड़ा गुनाह है?
पूजा दीदी के विज्ञापन में छुपा है विश्वगुरु बनने का नुस्खा..
आपकी राय