अब पाकिस्तान में ISIS की सुगबुगाहट!
आतंकवादी गतिविधियों से सबसे ज्यादा परेशान रहने वाले देशों कि सूचि में पाकिस्तान तीसरे नंबर पर है. पाकिस्तान के इसी आंतरिक ढांचे ने इस देश में ISIS को अपने पांव ज़माने का एक सुनहरा अवसर दे दिया है.
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अपने गढ़ माने जाने वाले इराक में अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहे ISIS की सुगबुगाहट अब पाकिस्तान में देखने को मिल रही है. पाकिस्तान में ISIS के अस्तित्व को लेकर समय-समय पर बातें की जाती रही हैं, मगर पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से इसे मानने में हमेशा आना-कानी की है. हालांकि, पिछले हफ्ते बलूचिस्तान के एक दरगाह में हुए धमाके के बाद पाकिस्तान ने भी अब आधिकारिक रूप से ये मान लिया है कि ISIS अपनी जड़ें जमा रहा है. दरगाह पर हुए हमले में 52 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 100 से अधिक लोग इसमें घायल हो गए थे, इस हमले की जिम्मेदारी ISIS ने ली थी. पाकिस्तान में अगस्त के महीने में भी प्रांतीय राजधानी क्वेटा के एक सरकारी अस्पताल के बाहर हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट में करीब 70 लोग मारे गए थे. इस हमले की पीछे भी ISIS का ही हाथ था.
क्या पाकिस्तान में अपने पैर जमा रहा है ISIS |
ISIS के लिए क्यों मुफीद है पाकिस्तान -
पाकिस्तान सरकार की नीति आतंकवादी संगठनो के खिलाफ काफी ढुलमुल रही है. पाकिस्तान को आतंकवादी संघटनो के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में भी देखा जाता है. पाकिस्तान के लिए त्रासदी ये भी है कि जो पाकिस्तान दूसरे देशों को तंग करने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करता है, वो पाकिस्तान खुद आतंकवादी गतिविधियों से सबसे ज्यादा त्रस्त रहता है. आतंकवादी गतिविधियों से सबसे ज्यादा परेशान रहने वाले देशों कि सूचि में पाकिस्तान तीसरे नंबर पर है. पाकिस्तान के इसी आंतरिक ढांचे ने इस देश में ISIS को अपने पांव ज़माने का एक सुनहरा अवसर दे दिया है.
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हालाँकि, ISIS पाकिस्तान में अपने लड़ाके नहीं ला सका है बल्कि अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ISIS ने पाकिस्तान के ही कुछ कट्टरपंथी समूहों से सांठ-गांठ कर ली है जो ISIS के नाम पर आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पाकिस्तान में अपने पैर पसारने के लिए ISIS उज्बेक आतंकवादियों की भर्ती कर रहा है और असंतुष्ट तालिबान लड़ाकों को लालच देकर पाकिस्तान के एक सबसे हिंसक अलगाववादी समूह के साथ भागीदारी करने की तरफ भी बढ़ रहा है.
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पाकिस्तान में ISIS की सुगबुगाहट भारत के लिए भी अच्छी खबर नहीं कही जा सकती क्योंकि अगर ISIS अपने पैर पाकिस्तान में ज़माने में कामयाब रहा तो वो इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी साजिशो को अंजाम देने के लिए कर सकता है. बहुत संभव है की यह संगठन भारत के कुछ भटके युवाओं को भी अपनी आकर्षित कर सकता है. हालाँकि, दुनिया के कई देशों ने ISIS के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार कर रखा है, ऐसे में शायद ही कोई देश पाकिस्तान को अपने देश में पनप रहे ISIS पर नरम रुख रखने की आज़ादी देगा, और इराक में अपना कुनबा गंवाने की कगार पर खड़े ISIS को एक नयी जमीन मिल सके इसकी सम्भावना भी कम ही लगती है.
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