तबरेज अंसारी लिंचिंग के आरोपियों को जमानत, अब मामला जनता की कोर्ट में
झारखंड का Tabrez Ansari Lynching Case एक बार फिर चर्चा में है कारण हैं Ranchi High Court का घटना में शामिल 6 लोगों को जमानत देना. लोगों को अदालत का ये निर्नान्य समझ में नहीं आया है और उन्होंने अपने अपने हिसाब से ट्विटर पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.
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तारीख 18 जून 2019 मोटर साइकिल चोरी करने के आरोप में झारखंड (Jharkhand) के सरायकेला भीड़ एक 24 साल के युवक को पकड़ती है. पकड़े गए युवक की लात घूसों लाठी डंडे से पिटाई होती है. युवक को इस हद तक मारा जाता है कि वो अधमरा हो जाता है और घटना के 4 दिन बाद 22 जून को उसकी मौत हो जाती है. घटना का जो वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ उसमें पकड़े गए युवक से भीड़ द्वारा 'जय श्रीराम' 'जय हनुमान' के नारे लगवाए गए.मृत युवक का नाम तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) था और इसकी मौत को मॉब लिंचिंग करार दिया गया. घटना के 6 महीने बाद एक बार फिर से तबरेज अंसारी का नाम और उसकी मौत लोगों की जुबान पर है. भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari Lynching Case) की हत्या मामले में छह आरोपियों को हाईकोर्ट (Ranchi High Court) से जमानत मिल गई. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति, आर मुखोपाध्याय की पीठ ने भीमसेन मंडल, चामू नायक, महेश महली, सत्यनारायण नायक, मदन नायक, विक्रम मंडल को इस मामले में छह महीने बाद जमानत दी है. सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील, एके साहनी ने पीठ को बताया कि तबरेज अंसारी मामले में इनका नाम एफआईआर में नहीं है और न ही नामजद आरोपित पप्पू मंडल ने पुलिस को दिए अपने बयान में इनका नाम लिया है. इस सब के बावजूद सभी आरोपी लगभग छह महीने से जेल में बंद हैं.
आरोपियों को मिली जमानत के कारण एक बार फिर तबरेज अंसारी मामला लोगों की जुबान पर है
आरोपियों के वकील ने पीठ को बताया कि 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और सीजेएम कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया. 22 जून को उसकी तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान सरायकेला के सदर अस्पताल में तबरेज की मौत हो गई. ऐसे में यह हिरासत में हुई मौत का मामला है. वकील ने इसी बात को आधार बनाया और अदालत से अनुरोध किया कि आरोपियों को जमानत मिलनी चाहिए.
तबरेज अंसारी केस बहुचर्चित मामला है. जिसने पूर्व में भी कई बार तूल पकड़ा है इसलिए प्रतिवादी का विरोध करना स्वाभाविक था. जिस वक़्त आरोपियों के वकील अपने तर्क पेश कर रहे थे, प्रतिवादी की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि मारपीट की घटना में सभी लोग शामिल थे. अदालत ने दोनों पक्षों की बातों को सुना और छह आरोपियों को जमानत दे दी.
Ranchi High Court grants bail to accused in #TabrezAnsari lynching case result of weak Public Prosecutor didn't utter a word during the hearing of the bail plea of accused, What will the system & the judiciary answer the victim's family? #CountryAgainstBJPhttps://t.co/C1rfDGdNbz
— Imran Solanki (@imransolanki313) December 11, 2019
ध्यान रहे कि तबरेज अंसारी हत्या मामले में तबरेज की पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उसका आरोप था कि तबरेज को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर उसकी पिटाई की थी. इसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी. मामले के मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर हाई लाइट होने के बाद पुलिस भी हरकत में आई थी और उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
गौरतलब है कि तबरेज अंसारी मामला अपनी शुरूआती जांच से ही सवालों के घेरे में है. इसी साल सितम्बर में ये मामला उस वक़्त चर्चा में आया था जब तबरेज की पत्नी ने आरोपियों के खिलाफ धारा-302 हटाकर 304 किए जाने पर नाराजगी जताई है. तबरेज की पत्नी ने मांग की थी कि आरोपियों के खिलाफ वापस धारा-302 लगाई जाए. साथ ही उसने ये भी कहा था कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वो आत्महत्या कर लेगी.
अब जबकि इस मामले में आरोपियों को जमानत मिल गई है एक बार फिर घटना ने लोगों को राजनीति करने का मौका दे दिया है. तबरेज अंसारी मामले में आरोपियों की जमानत ट्विटर पर हॉट ट्रेंडिंग टॉपिक है और एक बड़ा वर्ग है जो इस मामले पर ट्वीट करके अपना विरोध दर्ज कर रहा है.
Country which has failed it's own minorities is going to provide relief to minorities of other countries? #CABBill #CABAgainstConstitution #CitizenshipAmendmentBill #TabrezAnsari #NRC #Muslim #lynching
— faizan ul haq (@faizanulhaq11) December 10, 2019
लोग इस मामले में राज्य सरकार की नीतियों और कोर्ट की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे स्थिति में तो फिर इंसाफ की कल्पना ही नहीं की जा सकती.
"जय श्रीराम" ना बोलने पर जिस तबरेज़ की हत्या भगवा आतंकियों ने किया था, उन आतंकियों को रांची हाईकोर्ट ने जमानत दे दिया है।ये वही झारखण्ड जहाँ अलीमुद्दीन की हत्या करने वाले आतंकवादियों को मोदी के मंत्री ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया था।#TabrezAnsarihttps://t.co/UGDQ4fckov
— IMRAN GHAZI (@ImranGhazi_) December 10, 2019
मामले का किस तरफ राजनीतिकरण किया जा रहा है यदि हमें इस बात को समझना हो तो हम उन ट्वीट को भी देख सकते हैं जिसमें लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने से भी बाज नहीं आए.
6 accused of Lynching #TabrezAnsari given clean chit but Jharkhand HC.
Modi got clean chit on 2002 riot case.
No one killed Tabrez, no one
— Human????????First (@Army__bratt) December 11, 2019
लोग अदालत के इस फैसले के बाद बहुत आहत हैं और यही कह रहे हैं कि जब परिस्थितियां ऐसी हों फिर आदमी अदालत का सहारा क्यों ले ? लोग यही कह रहे हैं कि जब घटना का वीडियो सामने हैं तो फिर क्यों अदालत उसे देखने में नाकाम है.
Why should victims and their families rely on judiciary, if judiciary is just gonna be blind towards the crime? Is the video footage not enough proof? Maybe it's his religion the reason why there are no evidence. How can these murderers get bail? #tabrezansari
— Anya (@Mansiiiee) December 10, 2019
तबरेज अंसारी मामले में दोषियों की जमानत के बाद एक बार फिर मामले ने आग पकड़ ली है. मामले पर कोर्ट अपना क्या फैसला देती है? दोषियों को सजा मिलेगी क्या नहीं? इन सारे सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं. मगर जो वर्तमान है वो ये बता रहा है कि अब मामला सोशल मीडिया पर, जनता की अदालत में है. जहां जिसकी जैसी विचारधारा है उसका वैसा फैसला है.
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