टाटा से लेकर अंबानी तक का केस लड़ चुके हैं कुलभूषण जाधव के वकील
हरीश साल्वे दुनिया के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं. वो बॉलीवुड से लेकर बड़े-बड़े नेताओं का केस भी लड़ चुके हैं. वे देश के सबसे सफलतम वकीलों में गिने जाते हैं.
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कुलभूषण जाधव पर नीदरलैंड के हेग में सुनवाई शुरू हो गई है. भारत की तरफ से वकील हरीश शाल्वे ने पक्ष रखा. कुलभूषण जाधव की फांसी के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान की एक एक करके पोल खोली. साल्वे ने एक-एक करके बताया कि कैसे पाकिस्तान बेबुनियाद आरोप लगाकर कुलभूषण को फंसा रहा है. हरीश साल्वे ने जिस कड़क अंदाज में अपनी बात रखी वो वाकई काबिले तारीफ थी.
अब हो भी क्यों न... क्योंकि वो दुनिया के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं. वो बॉलीवुड से लेकर बड़े-बड़े नेताओं का केस भी लड़ चुके हैं. वे टाटा से अंबानी तक का केस भी लड़ चुके हैं. वे 1999 से 2002 के बीच भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम कर चुके हैं. वे देश के सबसे सफलतम वकीलों में गिने जाते हैं.
एक दिन के 30 लाख रुपए लेते हैं हरीश साल्वे
साल्वे यूं तो अपने क्षेत्र के मशहूर व्यक्ति हैं लेकिन उनका नाम पहली बार देश की आम जनता ने उस समय सुना जब मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच जारी एक विवाद में उन्हें जीत हासिल हुई. साल्वे उस समय अपनी फीस की वजह से चर्चा में आए थे. साल्वे ने मुकेश अंबानी के लिए केस जीता और उन्हें 15 करोड़ रुपए बतौर फीस हासिल हुए थे. साल्वे एक दिन के 30 लाख रुपए बतौर फीस चार्ज करते हैं.
कई बड़े लोगों का केस लड़ चुके हैं हरीश
सिर्फ अंबानी ही नहीं, वे टाटा ग्रुप, ITC लिमिटेड, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता समेत कई हाईप्रोफाइल केस साल्वे लड़ चुके हैं. 15 साल पुराने हिट एंड रन केस में अभिनेता सलमान खान को जमानत दिलवाने वाले हरीश साल्वे ही थे.
पहले बने सीए फिर बने वकील
हरीश साल्वे का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 1956 में हुआ था. यहीं कॉमर्स में ग्रैजुएट होने के बाद साल्वे ने सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) की पढ़ाई शुरु की. सीए बनने के बाद वे टैक्सेशन स्पेशलिस्ट बने. साल्वे को वकील बनने की प्रेरणा भारतीय कानूनविद और अर्थशास्त्री नानाभोय पालकीवाला से मिली. उन्होंने अपने लीगल करियर की शुरुआत 1980 में की थी. बता दें, हरीश साल्वे का परिवार में उनके दादा पीके साल्वे भी देश के जाने मानें क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं. अब वो कुलभूषण को भारत लाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के सामने खड़े हुए और उसका झूठा चेहरा सामने रखा.
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