मोदी ने खोली चीन की पोल
मोदी की एक चाल से चाइना की पोल खुल गई है. चीन जिस तरह लोगों को चूना लगा रहा था, आखिरकार वो उजागर हो ही गया.
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मोदी की एक चाल से चाइना की पोल खुल गई है. चीन जिस तरह लोगों को चूना लगा रहा था, आखिरकार वो उजागर हो ही गया. मोदी के 'मेक इन इंडिया' से चीन को जोरों का झटका लगा है. 'मेड इन इंडिया' ने 'मेड इन चाइना' को पीछे छोड़ दिया है.
मेड इन कंट्री इंडेक्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन संसाधनों की सीमित उपलब्धता के चलते मैन्युफैक्चरिंग में घटिया कच्चे माल का इस्तेमाल करता है. चीन के उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं. ऐसे में दुनिया ने मेड इन इंडिया का लोहा माना और चीन की गलतियों को उजागर किया.
8 प्वाइंट से हारा चाइना
मेड इन कंट्री इंडेक्स (एमआईसीआई-2017) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत को चीन से ज्यादा अंक मिले हैं. भारत ने उत्पादों की गुणवत्ता के मामले में चीन को साथ स्थान पीछे धकेल दिया है. 50 देशों की इस सूची में भारत 42वें स्थान पर, वहीं चीन 49वें स्थान पर है. साफ है कि भारत धीरे-धीरे उत्पादों के गुणवत्ता के मामले में दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने लगा है. इसमें पूरे सौ अंक के साथ जर्मनी पहले और 98 अंक के साथ स्विट्जरलैंड दूसरे नंबर पर है.
चाइनीज मोबाइल को किया भारत में बैन
एक दौर था जब सस्ते और ज्यादा फीचर्स के साथ चाइनीज फोन भारत में आते थे, लोग भी इसे खूब खरीदा करते थे, लेकिन उससे भारत में बनने वाले मोबाइल की बिक्री पर असर पड़ा. भारत में आने वाले चाइनीज फोन की कोई गारंटी नहीं हुआ करती थी. यानी खोलकर एक दिन चलाने के बाद खराब भी हो जाए तो वो ठीक भी नहीं हो सकते थे. उसे देखते हुए भारत ने चीनी मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया, क्योंकि निम्न स्तरीय या सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते पाया गया था.
चाइनीज मार्केट भारत में कैसे हुआ ठप?
चाइनीज सामान को बंद करने के लिए मोदी सरकार ने लोगों को हर तरह से जागरुक किया. खिलौनों से लेकर खाने तक के सामान के लिए बताया गया कि उसमें घटिया सामान का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार ने भारत में मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स को महंगा कर दिया और मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स लेने पर जोर दिया.
सबूत है दिवाली... पहले लोग दिवाली पर चीनी सामान खरीदा करते थे. इस बार जागरुक ग्राहक जब दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने चीनी सामान को बायकॉट करते हुए मेड इन इंडिया के प्रोडक्ट्स को चुना. जिस रफ्तार से मेड इन इंडिया ने मेड इन चाइना को पछाड़ा है उसे देखकर लगता है कि 'मेड इन इंडिया' अगले साल फिर चौंका सकता है.
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