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Updated: 20 सितम्बर, 2022 04:28 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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मार्केट में जितनी तरह की ब्रा (Bra) मिलती है इसे लेकर लोगों की सोच भी उतनी ही तरह की है. कई महिलाएं ब्रा पहनने में यकीन रखती हैं तो किसी को इसे पहनने में घुटन होती है. अब तो बेचारी 'ब्रा' भी कंफ्यूज हो गई होगी कि वह महिलाओं की सुविधा के लिए बनी है या फिर उन्हें दुख देने के लिए.

अमीर हो या गरीब, हर लड़की अपने बजट के हिसाब से ब्रा खरीदती है. मार्केट में सस्ती से लेकर महंगी ब्रा उपलब्ध है. वैसे ब्रा के मामले में एक बात तो फिक्स है कि यह साइज में ना तो छोटी होना चाहिए ना बड़ी...मतलब बड़ी साइज में अगर स्तनों का उभार दिखा तो लोग घूरेंगे और छोटी साइज में अगर सपाट हुआ तो लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी होगा. तभी तो मार्केट में निप्पल ना दिखे इसलिए सीमलेस पैडेड ब्रा तक बाजार में उपलब्ध है.

ये बातें हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इन सारी बातों से तो हर लड़की को दो-चार होना पड़ता है. कुछ लड़कियां जब किशोरावस्था में रहती हैं तभी उनकी 'ब्रा' से दोस्ती हो जाती है. वहीं कुछ को सही ब्रा की साइज मिलने में काफी देर हो जाती है. 

Bra, Why you shouldn’t go braless, how to get the correct size of your bra, how to choose correct bra size, braless won’t decrease breast cancer risk, wearing bra, bra side effectsएक बड़ा तबका अभी भी ऐसा है जहां ब्रा को छिपाकर रखे जाने वाला कपड़ा समझा जाता है

ब्रा सेक्सी भी चाहिए और संस्कारी भी-

हम जिस मुद्दे की चर्चा कर रहे हैं वह ब्रा पहनने या ना पहनने की बहस से दूर की बात है. आज के जमाने में जिस महिला को ब्रा नहीं पहननी है वे नहीं पहनती हैं. जिसे ब्रा की पट्टी दिखानी है वे आराम से दिखा सकती हैं. कई कपड़ें ऐसे बनने लगे हैं जिसमें पहले से ही ब्रा की पट्टी दिखती है.

हमारा प्वाइंट ब्रा की पट्टी नहीं बल्कि उसे लेकर लड़कियों को सिखाई जाने वाली बाती हैं. एक बड़ा तबका अभी भी ऐसा है जहां ब्रा को छिपाने की परंपरा कायम है. जब हम तबके की बात करते हैं तो छोटे शहर, कस्बों और गावों से मतलब होता है.

हालांकि बड़े शहर में रहने वाले लोगों की सोच भी छोटी हो सकती है. अब जिन्हें साड़ी के नीचे दिखने वाले पेटिकोट से दिक्कत है उन्हें ब्रा की पट्टी दिखाने में सहजता तो नहीं होगा. अलग-अलग महिलाएं तय करती हैं कि ब्रा को कब दिखना है, कब छुपना है और कब गायब होना है.

देखिए ब्रा को लेकर कितनी तरह की बातें लड़कियों को सुनने को मिलती है-

- ब्रा की पट्टी कुछ लोगों के लिए आज भी शर्म की वजह बन जाती है. कई जगहों पर लड़कियों की कमीज पर अलग से एक डोरी के साथ हुक लगाया जाता है. जिसमें ब्रा की पट्टी को टक कर दिया जाता है ताकि वह कमीज के बाहर न निकले. टेलर अंकल लड़कियों के कपड़े सीलते वक्त बिना कुछ कहे ही अपनी मर्जी से ब्रा की पट्टी कसने के लिए अलग से हुक लगा देते हैं, वो भी मुफ्त में.

- ब्रा को छिपाकर रखना चाहिए. आलमारी में ब्रा को रखने के लिए एक अलग सा कोना बना लिया जाता है. ब्रा को सामान्य कपड़ों के साथ नहीं रख सकते कहीं किसी के सामने आलमारी से कपड़े निकालते वक्त गिर गई तो बड़ी शर्मिंदगी हो जाएगी, जैसे वह अंग वस्त्र नहीं कुछ बुरी चीज है.

- कई बार माताएं अपनी बेटियों को सही समट पर ब्रा पहनने की सलाह नहीं दे पाती हैं जिससे उनका सही समय पर विकास नहीं हो पाता है, असल में छोटी जगहों पर माएं शर्म की वजह से बेटियों से खुलकर कई मुद्दों पर बात नहीं कर पाती जिनमें ब्रा का भी नाम शामिल है.

- कुछ घरों में आज भी ब्रा को लेकर खुला माहौल नहीं है. उन घरों की लड़कियों को पहले की माएं हिदायत दे देती हैं कि पट्टी को कमीज के अंदर करो. यह पट्टी दिखनी नहीं चाहिए, यह बुरी बात होती है. गलती से दिख गई तो फौरन दूसरी महिला सही कर देती है या टोक देती है.

- कई घरों में ब्रा को खुले में नहीं सुखाने दिया जाता है. इसलिए ब्रा को कभी धूप नसीब नहीं होती. इन घरों में ब्रा के लिए अलग से एक रस्सी बना दी जाती है. जहां किसी की नजर न पड़े.

- कई लड़कियों को बॉलकनी या छत पर ब्रा सुखाने की छूट मिलती भी है तो उसे किसी दूसरे कपड़े से ढक दिया जाता है. मतलब किसी भी कीमत पर किसी को पता न चले कि वहां ब्रा सूख रही है.

- कुछ घरों में मांएं बेटियों को समझा देती हैं कि बिना ब्रा पहने घर से बाहर कदम न रखें, इतना नहीं घर में रहने पर भी दिन के समय ब्रा जरूर पहन कर रहें. इसके अलावा दुपट्टा लेने की भी सलाह दी जाती है.

- जब बाथरूम में हम नहाने जाते हैं तो गंदे कपड़ों को निकालकर बाल्टी या टब में रख देते हैं, मगर ब्रा को खुले में रखना गुनाह है. उसे दूसरे कपड़ों के अंदर छिपाकर ही रखने की सलाह दी जाती है.

कई बार हम देखते हैं कि लड़कियां ब्रा को छिपाकर बाथरूम में ले जाती हैं. ब्रा के सुखने के बाद भी उसे दूसरे कपड़ों में छिपाकर उतारा जाता है और फिर मुट्ठी में बंद कर आलमारी के किसी कोने में दबाकर रख दिया जाता है. इस तरह की सीख आज भी लड़कियों को दी जाती हैं, यकीन न हो तो अपने घर में कभी इन बातों पर गौर करके देखना. इसके इल्ट लड़कों के अंडरवियर हवा में लहराते रहते हैं. लड़कियों को इन सभी बातों से ऊपर उठकर अपने करियर पर फोकस करने की जरूरत है...उन्हें हर बात पर दब्बू बनाना छोड़ दीजिए.

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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