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Updated: 15 दिसम्बर, 2021 12:45 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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वैवाहिक बलात्कार या मैरिटल रेप हालिया दौर का सबसे प्रचलित शब्द. यूं तो जागरूकता इतनी है कि इसके बारे में देश का लगभग हर व्यक्ति जानता है. लेकिन क्योंकि हर बात हर व्यक्ति को पता हो ये भी जरूरी नहीं। इसलिए बताते चलें कि अपने जीवन साथी के साथ उनकी मर्ज़ी के बग़ैर संभोग करने (संबंध स्थापित करने) को वैवाहिक बलात्कार की संज्ञा दी गई है. इसमें सहमति की कमी अहम फैक्टर है और इसमें शारीरिक हिंसा शामिल हो ऐसा ज़रूरी नहीं है. मैरिटल रेप को लेकर एक जरूरी बात ये भी है कि इसे घरेलू हिंसा और यौन शोषण का एक स्वरूप माना जाता है.

बात मैरिटल रेप की हुई है तो कुछ और बात करने से पहले अभी बीते दिनों आए केरल हाई कोर्ट के एक फैसले का जिक्र कर लिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि मैरिटल रेप तलाक का मजबूत आधार बनता है. केरल उच्च न्यायालय ने बिल्कुल स्पष्ट कहा था कि पत्नी की मर्जी के खिलाफ संबंध बनाना मैरिटल रेप है. इस पर सजा तो नहीं हो सकती, लेकिन यह मानसिक और शारीरिक क्रूरता के दायरे में आता है.

Madhya Pradesh, Timagarh, Woman, Material Rape, Husband, Wife, Consent, Crimeएमपी में सेक्स के लिए महिला की सहमति नहीं थी उसने जो पति के साथ किया वो एक नयी डिबेट का आगाज है

केरल उच्च न्यायालय को ये टिप्पणी क्यों करनी पड़ी होगी शायद इसका कारण ये हो कि, भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से के बीच आज भी बीवी के शरीर पर उसके पति का हक माना जाता है. इस कथित हक को आधार बनाकर लोग अक्सर मान लेते हैं कि उन्हें पत्नी के साथ उसकी मर्जी के बगैर भी सेक्स करने का अधिकार है.

जब हम मैरिटल रेप पर चर्चा कर रहे हैं तो इसपर कानून का पक्ष जान लेना भी बहुत आवश्यक है. ध्यान रहे कि आईपीसी का सेक्शन 375 रेप को डिफाइन करता है. इसमें यह बताते हुए मैरिटल रेप को अपवाद में रखा गया है कि, 'अपनी पत्नी के साथ व्यक्ति का शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं है, पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं होनी चाहिए.

ये तो हो गयी बात मैरिटल रेप की. अब अगर जिक्र खबरों का हो तो इससे जुड़ी खबरें बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे,लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, भोपाल से ही अबतक सुनी गयीं थीं और उन खबरों को सुनते हुए हमें हैरत इसलिए भी नहीं हुई क्योंकि कहीं न कहीं हमारा सब-कॉन्शियस ऐसी चीजों के लिए तैयार था. लेकिन आश्चर्य हमें तब हुआ जब हमने मैरिटल रेप और इससे जुड़ी खबर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सुनी.

टीकमगढ़ में संबंध स्थापित करने के दौरान पति और पत्नी में झगड़ा कुछ इस हद तक बढ़ा कि पत्नी ने पति के प्राइवेट पार्ट पर ब्लेड से हमला कर दिया. हमले में बुरी तरह से जख्मी होने के कारण पति का काफी खून बहा है और उसे इलाज के लिए झांसी ले जाया गया है. मामले पर पुलिस से लेकर डॉक्टर्स तक के सबके अपने अलग तर्क हैं. 

घटना के संबंध में जो अब तक की जानकारी सामने आई है उसके अनुसार युवक का विवाह 3 साल पहले ही हुआ था. पति पत्नी में अक्सर ही मनमुटाव रहता था और दोनों के बीच झगड़ा एक आम बात थी. बीते दिनों भी युवक का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ और उसी रात वो पत्नी संग संबंध स्थापित करने के लिए कमरे में आया.

बीवी संबंधों के लिए तैयार नहीं थी और उसने सेक्स का विरोध किया. साफ था कि युवक मैरिटल रेप को अंजाम दे रहा था. युवक को ऐसा करते देख युवती का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने ब्लेड से युवक के गुप्तांग पर एक के बाद एक कई वार किए. जिससे युवक बुरी तरह से जख्मी हुआ.

घटना का पता चलते ही परिजन उसे पास के अस्पताल ले गए लेकिन क्योंकि खून बहुत बह चुका था इसलिए उसे झांसी रिफर कर दिया गया. बाद में मामला पुलिस के पास भी पहुंचा जिसने इसे पति पत्नी के बीच की नोंक झोंक बताते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की है. वहीं युवक का इलाज कर रहे डॉक्टर्स का तर्क है कि इस मामले में सीरियस केस बनता है.

पुलिस भले ही इस मामले को हल्के में ले लेकिन जिस तरह का ये मामला है मैरिटल रेप ही वो कारण था जिसके चलते नौबत युवक के अस्पताल पहुंचने तक को आ गई है. जोड़ने को अब इस घटना को जागरूकता, सोशल मीडिया, फेमिनिज्म किसी भी चीज से जोड़ा जा सकता है लेकिन घूम फिर कर बात वही है जो अभी कुछ साल पहले आई फिल्म 'पिंक' में वकील की भूमिका निभाने वाले अमिताभ ने कोर्ट से कही थी.

फिल्म में अमिताभ ने कहा था कि No Is Not A Word it's a sentence. और शायद यही बात टीकमगढ़ वाली पत्नी ने अपने पति से उस वक़्त कही हो जब वो झगड़े के बाद रात में उसके साथ सेक्स करने के लिए कमरे में आया और जब पत्नी नहीं मानी तो वो जोर जबरदस्ती करने पर उतर आया और फिर वो हुआ जिसके चलते टीकमगढ़ ने अपना नाम इतिहास के पन्नो पर मजबूती से दर्ज करा लिया है.

बहरहाल अब जबकि मामला हमारे सामने है और हम मैरिटल रेप से, सहमति से, कानून और कोर्ट से भली भांति परिचित हो गए हैं. तो इस मामले में हमें 'नो' के बाद महिला के किये को जायज ठहरना चाहिए या फिर हमें पीढ़ित के साथ सहानुभूति बरतनी चाहिए फैसला देश की जनता करें.

जनता हमें बताए कि एमपी के छोटे से शहर टीकमगढ़ में जो हुआ है वो सही है. या फिर वाक़ई उसकी निंदा की जानी चाहिए और साथ ही ये मांग भी करनी चाहिए कि दोषी को सजा और पीड़ित को फ़ौरन ही न्याय मिले.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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