2016 के सबसे रहस्यमयी किरदार
मिलिए उन लोगों से जो सोशल मीडिया पर होकर भी नहीं थे, या यूं कहें कि नहीं होकर भी अपने होने का अहसास करा गए और बन गए 2016 के सबसे रहस्यमयी लोग.
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2016 हमें बहुत सी यादें देकर जा रहा है. ऐसी बहुत सी घटनाएं जिन्हें आप हमेशा याद रख सकते हैं. वहीं इस साल ऐसे भी कुछ लोगों से वास्ता पड़ा जिन्होंने आते ही खलबली मचा दी. ये वो लोग थे जो सोशल मीडिया पर छा गए थे. ये वो लोग थे, जो होकर भी नहीं हैं, या यूं कहें कि नहीं होकर भी अपने होने का अहसास करा गए. ऐसा समझ लीजिए कि ये लोग 2016 के सबसे रहस्यमयी लोग थे.
1. मधु शाह
एक फेसबुक यूजर पवन मंघनानी ने इस संदिग्ध महिला यूजर का खुलासा किया था. इस महिला के फेसबुक पर एक ही नाम और एक ही प्रोफाइल पिक्चर से 30 से भी ज्यादा प्रोफाइल बने हुए थे, और लोकेशन अलग-अलग शहरों की दी हुई थी. कहा गया कि वास्तव में इस नाम और चेहरे वाली कोई महिला है ही नहीं. बताया गया कि यह एक स्पैम है, जो फेक अकाउंट के जरिये दुनियाभर के लोगों के अकाउंट से जुड़ रहा है और लोगों की पर्सनल डिटेल चुरा रहा है.
पवन मंघनानी और मधु शाह नामक इस महिला के साथ उनके 150 से अधिक म्युचुअल फ्रेंड्स थे. लेकिन किसी को भी उस महिला के बारे में कुछ पता नहीं था कि वो कौन है और कहां से है. खुलासा होने के बाद ये महिला फेसबुक से गायब हो गई, लेकिन गुत्थी हमशा के लिए अनसुल्झी रह गई कि आखिर मधु शाह है कौन.
2. दोपदी सिंघार
फेसबुक पर आते ही छा जाने वाली आदिवासी कवियित्री दोपदी सिंघार की कविताएं शायद ही किसी कविता प्रेमी ने न पढ़ी हों. फेसबुक पर इनकी लिखी कविताओं ने तहलका मचा दिया था. इनकी कविताओं में अगर कुछ दिखाई देता था तो वो थी सिर्फ आदिवासियों की तकलीफें. प्रभावशाली इतनीं कि ये प्रोफाइल फेसबुक पर वायरल हो गया था.
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उन्हें पसंद भी किया गया और आलोचनाएं भी जमकर हुईं. किसी ने उन्हें क्रांतिकारी कहा तो किसी ने नक्सली. फिर फेसबुक पेज बनाया गया जो अब बंद है. इस प्रोफाइल से सारी कविताएं अब नदारद हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं. दोपदी सिंघार को तलाशने की कोशिशें नाकाम रहीं, और ये नाम भी एक रहस्यमयी नाम बनकर रह गया.
3. सोनम गुप्ता - सोनवीर सिंह
10 रुपए के नोट पर एक नाकाम आशिक की खीज थी 'सोनम गुप्ता बेवफा है'. पर सोशल मीडिया के दौर में कोई चीज छिपती नहीं, उछलती है. ये नाम भी उछला और सर्टिफाइड बेवफा नाम का मजाक बन गया.
डिमॉनेटाइजेशन के दौर में लोगों ने बंद हुए पुराने नोटों की तुलना, बेवफा सोनम से की और ये नाम नोटबंदी के साथ जुड़ गया. जब लोग बैंक और एटीएम की लाइनों में लगे परेशान हो रहे थे तो, सोनम गुप्ता का मजाक उनके चेहरों पर मुस्कान ला रहा था. अति उत्साही लोगों ने इसके बाद नोटों पर ही जवाब लिखने शुरू किए, किसी ने सफाई दी तो किसी ने मजबूरी बताया. और ये नाम वायरल हो गया, इतना कि अब इसपर एक फिल्म भी बन रही है और टाइटल भी वही है 'सोनम गुप्ता बेवफा है'. सोनम गुप्ता का नाम आज हर कोई जानता है, वो बेवफा है ये भी हर किसी को पता है. लेकिन असल में सोनम गुप्ता कौन है ये कोई नहीं जानता.
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10 रुपये के नोट पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' के किस्से जब आम हो रहे थे, तभी 2000 के नए नोट पर सोनम गुप्ता की तरफ से एक जवाब आया. जिसमें खुलासा हुआ उस नाम का जिसकी वजह से शायद सोनम गुप्ता को बेवफा कहा गया था. और ये नाम था सोनवीर सिंह. जवाब में लिखा गया था कि - 'बेवफा तू है सोनवीर सिंह, मैं नहीं : सोनम गुप्ता'. उसके बाद फिर इन दोनों शख्स के नाम से नोटों पर लिखे संदेशों की झड़ी लग गई. लेकिन आज तक न कोई ये नहीं जान पाया कि कौन सोनम गुप्ता और कौन सोनवीर सिंह. ये नाम सिर्फ नाम रह गए लेकिन इनके पीछे छिपे चेहरे हमेशा के लिए रहस्य बन गए.
4. ऋचा सजनानी
वेबसाइट 'द केन' ने फेसबुक इम्पोस्टर का हैरान कर देने वाला किस्सा बताया गया था. इसमें राहुल नाम के लड़के, उसकी मंगेतर और उनके परिवारवालों के दर्जनों फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाने का मामला था. असल में राहुल, फेसबुक पर ऋचा सजनानी नाम की लड़की के साथ चैट करता था. दोनों में प्यार था, लेकिन वो कभी मिले नहीं थे. दो साल बाद, राहुल ने जब उससे मिलने का प्रोग्राम बनाया तो ऋचा नहीं आई.
एक साल बाद राहुल की सगाई स्नेहा से हो गई. 2012 के अंत में राहुल के नाम का पहला फेक प्रोफाइल नजर आया जिसमें राहुल और ऋचा की शादी की फोटोशॉप्ड तस्वीर लगी थी. राहुल ने ऋचा से पूछा तो उसने बताया कि इसमें उसका कोई हाथ नहीं है. इसके बाद स्नेहा का भी फेक प्रोफाइल बना, जिसमें राहुल के परिवार वालों को गालियां दी गई थीं और अश्लील सामग्री शेयर की जा रही थी.
सितंबर 2013 में राहुल ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई पर बहरूपिए पकड़े नहीं गए. महीनों तक राहुल के परिवार वालों, रिश्तेदारों, दोस्तों को रोजाना फेक प्रोफाइल्स से टैग नोटीफिकेशन्स आते रहे. राहुल और स्नेहा के फोन नंबर और ईमेल भी लीक कर दिए गए. और आखिर में स्नेहा के परिवार वाले इतना तंग आ गए कि उन्होंने स्नेहा और राहुल की शादी ही तोड़ दी. राहुल और स्नेहा की नौकरी भी जा चुकी थी. और अब तक करीब 200 फर्जी प्रोफाइल बन चुके थे.
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इस मामले में दो लड़के पकड़े गए, जिन्होंने कहा कि एक लड़की ने उन्हें ये एकाउंट बनाने के लिए कहा था और पोस्ट करने के लिए सामग्री दी थी. 2016 में, राहुल को सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात पता चली. किसी ने गोधुली चैटर्जी नाम की लड़की की तस्वीरों का इस्तेमाल करके ऋचा का एकाउंट बनाया था. जिस ऋचा से राहुल बातें किया करता था, वो ऋचा थी ही नहीं. वो कौन थी, किसी को पता नहीं चला..
5. तोता बाला ठाकुर
इस नाम की कहानी भी दोपदी सिंघार से मिलती जुलती रही. वो भी कविता लिखती थी, ये भी. फेसबुक पर आते ही इनका कंटेट भी वायरल हो गया. इनकी प्रोफाइल में लिखा था कि वो हिंदी कवि हैं, प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत काम करती हैं और मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी से हैं.
इनकी कविताओं में रोमांस और वॉयलेंस हद से ज्यादा था, किसी क्षेमेंद्र ठाकुर का जिक्र भी होता था, जिसे ये अपना पति बताती थी. और ये भी कहती थी कि उसने अपने प्रेमी के चलते अपने पति की हत्या कर दी थी. ऐसी निर्भीक और दुस्साहसी महिला का कंटेंट देखकर लोगों का कहना था कि ये इस प्रोफाइल को कोई आदमी चला रहा है. अपनी क्रांतिकारी कविताओं से ये नाम काफी चर्चित तो हुआ लेकिन अब फेसबुक पर एग्जिस्ट ही नहीं करता.
बाद में एक युवा कवि अंबर रंजना पांडे, ने अपने प्रोफाइल पर लिखा कि वही दोपदी सिंगार और तोता बाला ठाकुर के एकाउंट मैनेज कर रहे थे. पर दोनों की लेखन शैली का अंतर देखकर इस बात में यकीन करने का मन नहीं करता. अंबर रंजना पांडे का कुबूलनामा कितना सच्चा है, इस पर भी संशय है.
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