पोप ने Sex को सुंदर यूं ही नहीं बताया, ये वैटिकन का रूढ़िवादी नहीं, ओपन दर्शना था!
पोप ने 20 साल के 10 युवाओं से घंटों बात की है और उसे डॉक्यूमेंट्री में बदला है. डॉक्यूमेंट्री में युवाओं और पोप के बीच ज़बरदस्त डिस्कशन हुआ है. जो पोप के तर्क हैं उनपर कुछ जगह हम सहमत हो सकते हैं और कुछ जगह असहमत. कुलमिलाकर सेक्स, गर्भपात, हस्तमैथुन जैसी चीजों पर चर्च का रुख जानना रोचक तो है.
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आजादी के सत्तर साल बाद आज भी भारत जैसे देश में सेक्स और उससे जुड़ी बातें किसी टैबू की तरह देखी जाती हैं. जैसी हमारी परवरिश हुई है हमें महसूस यही होता है कि सेक्स को लेकर हमसे कहीं ज्यादा ओपन वेस्ट है. ऐसे में इस तरह सच है या मिथक ये एक अलग डिबेट है लेकिन पोप फ्रांसिस की जो डॉक्यूमेंट्री रिलीज हुई है और उसमें युवा जिस तरह से पोप से सवाल जवाब कर रहे हैं इतना तो साफ है कि विदेशों में भी सेक्स और उससे जुड़ी बातें की जानकारी लोगों के पास बहुत सीमित है. दरअसल डिज्नी हॉटस्टार पर 'The Pope Answers' नाम की डॉक्यूमेंट्री को रिलीज किया गया है.
अलग अलग युवाओं से बात कर पोप ने वैटिकन की छवि में एक बड़ा सुधार कर दिया है
डॉक्यूमेंट्री में पोप फ्रांसिस जहां सेक्स और उसके गुणों की प्रशंसा करते हुए इसे गॉड के द्वारा इंसान को दी गई सबसे खूबसूरत चीजों में से एक' बता रहे हैं है. तो वहीं उन्होंने हस्तमैथुन, एलजीबीटीक्यू, एबॉर्शन जैसी चीजों पर भी अपनी राय रखी है. पोप फ्रांसिस ने इन चीजों पर जो भी कहा है उसे एक वर्ग वैटिकन से जोड़कर भी देख रहा है. कहा जा रहा है कि तमाम मुद्दों पर पोप का पक्ष वैटिकन का पक्ष दर्शाता है.
A half hour into the Hulu documentary on Pope Francis conversing with young adults--Catholics, an evangelical, and an atheist or two--the subject abortion comes up. One young woman, who teaches catechism, points out that she supports women whatever their choice. This opens up…
— Fr. Thomas Petri, OP (@PetriOP) April 6, 2023
पोप सेक्स को लेकर कितने कम्फ़र्टेबल हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पोप का मानना है कि सेक्स से इतर कोई भी चीज सेक्स की रिचनेस को कम करती है. बताते चलें कि गुजरे साल पोप ने करीब 20 साल के 10 युवाओं से बात की थी और उस पूरी वार्ता को रिकॉर्ड कराकर उसे एक डॉक्यूमेंट्री की शक्ल दी थी.
युवाओं ने पोप से कैथोलिक चर्च के अंदर एलजीबीटी राइट्स, एबॉर्शन, पोर्न इंडस्ट्री, सेक्स, धर्म और यौन शोषण समेत कई अहम मसलों पर बात की थी और बड़ी ही सहजता से युवाओं के सवालों का जवाब दिया था. क्योंकि सेक्स एक ऐसा टॉपिक है जिसे लेकर देश दुनिया के युवा ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं. ये बात हमें इस डॉक्यूमेंट्री में भी देखने को मिली.
Sex is one of the beautiful things that God has given to the humans : Pope Francis said in a documentary.The pope further added LGBT people must be welcomed in catholic Church My Question is what do you mean by "Things"??? ??? pic.twitter.com/63XpZnNBn8
— Naren Mukherjee (@NMukherjee6) April 6, 2023
जब युवाओं ने पोप से सेक्स को लेकर सवाल किया तो कैथोलिक चर्च की नुमाइंदगी कर रहे पोप ने'सेक्स को उन खूबसूरतसौगातों में से एक बताया जो ईश्वर ने मनुष्य को दी है.' डॉक्यूमेंट्री में दिख रहा है कि पोप से बात करने वाले युवा सेक्स से जुड़ी हर चीज पर बात करने को आतुर हैं और उनपर पोप का मत जानना चाहते हैं. इसलिए संवाद में युवाओं ने पोप से मास्टरबेशन का भी जिक्र किया है.
हस्तमैथुन पर वैटिकन का पक्ष रखने वाले पोप फ्रांसिस ने कहा कि, 'अपने आप को सेक्शुअली अभिव्यक्त करना समृद्धि है, इसलिए वास्तविक यौन अभिव्यक्ति से अलग होने वाली कोई भी चीज आपको और सेक्स की रिचनेस को कम करती है.'आज भारत समेत पूरा विश्व भले ही अपने को विकसित कह रहा हो. लेकिन जब भी बात एलजीबीटी कम्युनिटी की आती है तो प्रायः ये देखा गया है कि चाहे वो भारत हो या कोई और मुल्क इस अहम मुद्दे पर लोग अपने को दो गुटों में बांट लेते हैं
Sex is one of the beautiful things that God has given to the humans : Pope Francis said in a documentary.......And hence the maximum pedophile cases are from the church pic.twitter.com/QTpQ0j1AcT
— Diwali2022@Karachi?? (@bugs_bhargava) April 6, 2023
पोप फ्रांसिस का मानना है इस कम्युनिटी का स्वागत किया जाना चाहिए. युवाओं ने पोप फ्रांसिस से यह भी सवाल किया कि क्या उन्हें 'नॉन-बाइनरी पर्सन' के बारे में भी कोई जानकारी है? उपरोक्त सवाल का जवाब देते हुए अपने पूर्व के बयान दोहराए और कहा कि कैथोलिक चर्च को एलजीबीटी समुदाय के लोगों का स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'सभी इंसान ईश्वर की संतान हैं. ईश्वर किसी को अस्वीकार नहीं करता, ईश्वर एक पिता है और मुझे किसी को चर्च से निकालने का कोई अधिकार नहीं है.
हो सकता है एलजीबीटी पर पोप का ये रुख इस कम्युनिटी का विरोध करने वालों को आहत कर दे. लेकिन वो लोग जो इस समुदाय से जुड़े हैं या फिर इसका समर्थन कर रहे हैं उन्हें पोप या ये कहें कि वैटिकन की बातों से बड़ी राहत मिली है. चूंकि एक बड़ी आबादी है जो तमाम बातों के बावजूद आज भी पोप, वैटिकन और चर्च को रूढ़िवादी मानती है इसलिए डॉक्यूमेंट्री बनते वक्त युवाओं ने एबॉर्शन पर भी पोप का रुख जानना चाहा.
इसपर पोप का कहना ये है कि पादरियों को उन महिलाओं के प्रति दयालु होना चाहिए जिन्होंने एबॉर्शन कराया हुआ है. वहीं पोप इस विचार पर भी अडिग दिखे कि एबॉर्शन कल्चर को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में और वो भी तब जब हम वेस्ट के कांटेस्ट में बात कर रहे हों एबॉर्शन एक बहुत विशाल टॉपिक हो जाता है.
पोप का मानना है कि यदि किसी महिला ने एबॉर्शन कराया है तो उस महिला का साथ देना और उसके एबॉर्शन के फैसले को जायज ठहराना दो बिल्कुल विपरीत ध्रुवों की तरह है. बताते चलें कि पोप ने युवाओं से जो भी कहा सुना उसे वैटिकन चर्च के आधिकारिक अखबार, L'Osservatore Romano में ये कहकर छापा गया है कि मौजूदा वक़्त में ये बातचीत एक ईमानदार और ओपन बातचीत है.
पोप और चर्च प्राइवेट में की जाने वाली बातों पर सच में ओपन है. या फिर वो ओपन होने का दिखावा कर रहा है. इसका जवाब आने वाले दिनों में हमें मिल जाएगा लेकिन तमाम मुद्दों पर जो कुछ भी पोप ने कहा है उसने ईसाई धर्म से जुड़े तमाम लोगों को बेचैन कर दिया है.
बहरहाल अगर जो कुछ भी पोप ने कहा है वो सच है. तो शायद अब तक पोप इस बात को समझ गए हैं कि अगर दुनिया की नजरों में अपने को स्वीकार कराना है. तो उसका तरीका रूढ़िवादिता नहीं, बल्कि ओपननेस ही है.
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