चुप रहने वाले महानायक से बोलने वाला खलनायक अच्छा !
'इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से लोग हैं जो देश के बारे में जानते तक नहीं हैं, और जो जानते हैं वो देश के बेहद संवेदनशील मामलों पर बोलते तक नहीं.' अमिताभ बच्चन के लिए शायद किसी अभिनेता ने ऐसा नहीं बोला होगा.
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दक्षिण भारतीय फिल्मों के जानेमाने विलेन प्रकाश राज असल जिंदगी में बेहद मुखर हैं. मामला चाहे कोई भी हो वो अपनी बात बड़ी बेबाकी के साथ रखते आए हैं. किसी भी मामले पर उनसे चुप नहीं रहा जाता और ऐसे में खामोश रहने वाले दिग्गज अभिनेता उन्हें पसंद नहीं, चाहे वो बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ही क्यों न हों.
हाल ही में प्रकाश राज चुरुमुरी नाम के ब्लॉग पर हैशटैग #JustAsking के अंतर्गत फेसबुक लाइव पर बातचीत कर रहे थे. जब बात आई इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की, तो उन्होंने कहा कि-
'इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से लोग हैं जो देश के बारे में जानते तक नहीं हैं, और जो जानते हैं वो देश के बेहद संवेदनशील मामलों पर बोलते तक नहीं.'
ऐसे में अमिताभ बच्चन का जिक्र होना तो लाजिमी ही था, क्योंकि इतने चर्चित और प्रभावशाली अभिनेता होने के बावजूद भी अमिताभ बच्चन किसी भी मामले पर बोलने से हमेशा बचते रहे हैं.
अमिताभ बच्चन से की कुछ बोलने की गुजारिश
प्रकाश राज ने महानायक अमिताभ बच्चन से भारत में फैली घृणा, कट्टरता और हिंसा पर चुप्पी तोड़ने के लिए कहा. उनका कहना था-
'सर आप बहुत बड़े आदमी हैं, हम सब आपकी बहुत इज्जत करते हैं. आने वाली पीढ़ी को ये मत पूछने दीजिएगा कि जब समाज खतरे में था तो आप चुप क्यों थे?'
'आपकी आवाज बहुत दमदार है. और आप कुछ भी खोने के लिए पर्याप्त समृद्ध भी हैं, और यही तो समृद्धि का मतलब है.'
'कुछ बोलिए सर, मैं आपसे गुजारिश करता हूं. मुझे कारण मत बताइए, मुझे एक्सक्यूज मत दीजिए कि आप बूढ़े हैं, और आप इसमें पड़ना नहीं चाहते.'
'आप एक शानदार व्यक्ति हैं. आपने कविताएं पढ़ी हैं, आप भावुक भी हैं. हमें आपकी आवाज की जरूरत है.'
'वो आपसे कुछ नहीं छीन सकते, क्योंकि मुझे यकीन नहीं कि आप असल में उनको बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन न बोलकर आप हमारी और समाज की मदद भी नहीं कर रहे.'
वैसे तो अमिताभ बच्चन 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' कैंपेन के ब्रांड अंबेसडर हैं लेकिन कठुआ मामले पर जब अमिताभ बच्चन से कुछ बोलने के लिए कहा गया तब उन्होंने कहा था कि 'इन मामलों पर बात करना भी बहुत घृणित है, इस मामले को मत उठाइए, इसपर बात करना बहुत भयावह है'
Even discussing this issue feels disgusting, don't bring up this issue. It is terrible to even talk about it: Actor Amitabh Bacchan on being asked about his views on rapes in the country as an ambassador for 'Beti Bachao-Beti Padhao' pic.twitter.com/tDp1zh2QEB
— ANI (@ANI) April 19, 2018
इसपर प्रकाश राज का कहना था-
'जब मैंने ये सुना तो मुझे बहुत बुरा लगा. बोलना और नहीं बोलना आपका अधिकार होता है, लेकिन कभी-कभी आपको बोलना होता है.'
'हां ये घृणित है भी तो क्या आप चुप रहेंगे, हम इसपर बात नहीं करेंगे? हां ये घृणित है लेकिन इसपर बात करना तो घृणित नहीं है न. वो बच्ची थी, वो मेरी बेटी भी हो सकती थी, वो किसी की भी बेटी हो सकती थी सर.'
प्रकाश राज ये भी बोले कि-
'अगर आज मैं अपनी आवाज इतनी बुलंदी से उठा रहा हूं तो इसका मतलब ये है कि मेरे साथ उठने के लिए आवाजें नहीं हैं. मैं आप सबके कारण ही इतना तनाव लेता हूं और ये बेहद शर्मनाक है कि आप लोग बोलते नहीं हैं.'
प्रकाश राज की पूरी बात यहां सुनिए-
देखा जाए तो इंसान को ऊंचा कद कुछ जिम्मेदारियों के साथ मिलता है. अमिताभ बच्चन भी आज जिस ऊंचाई पर हैं ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वो समाज में रहकर समाज से जुड़े मामलों पर कुछ बोलें, लेकिन सिर्फ कठुआ मामला ही नहीं उन्होंने पहले भी कई बार चुप रहकर लोगों को निराश किया है.
जब प्रियंका चोपड़ा को ट्रेल किया गया-
प्रियंका चोपड़ा ने पिछले साल बर्लिन में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी तब उन्होंने घुटनों तक स्कर्ट पहनी थी जिसपर ट्विटर पर उन्हें बहुत ट्रोल किया गया था. अमिताभ बच्चन से जब इस बारे में कुछ बोलने के लिए कहा गया तो उनका कहना था कि 'न तो मैं PM हूं और न प्रियंका चोपड़ा. तो मैं जवाब कैसे दे सकता हूं'. जबकि इस बात के कुछ ही महीनों पहले अमिताभ बच्चन ने अपनी नातिन के लिए पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने- कहा था कि 'किसी को भी ये यकीन मत करने दो कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई तुम्हारे चरित्र का मापदंड है.'
मुंबई बाढ़ पर भी वो चुप थे
अगस्त 2017 में जब तेज बारिश की वजह से मुंबई डूब रही थी, मुंबई के रहने वाले ज्यादातर लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर उंगलियां उठा रहे थे पर अमिताभ बच्चन तब भी इतने गंभीर मामले को मजाक में ले गए थे.
T 2531 -" Mumbai real estate prices hit an all time high - Every building is now sea facing."~???????????????? from Prasoon Pandey pic.twitter.com/YIHFScHmY4
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 29, 2017
गुरमेहर कौर मामले पर बी चुप रहे अमिताभ
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा और शहीद की बेटी गुरमेहर कौर को जब ट्रोल किया जा रहा था तो एक ट्रेलर लॉन्च के वक्त अमिताभ बच्चन से इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्हेंने कहा 'मैं जो महसूस करता हूं वो मेरा व्यक्तिगत विचार होगा. आपसे कहुंगा तो सार्वजनिक हो जाएगा'.
कोस्टार प्रीति जिंटा के मामले पर भी चुप रहे
अमिताभ बच्चन ने प्रीति जिंटा के साथ कई फिल्में कीं लेकिन 2014 में जब प्रीति जिंटा ने अपने पूर्व बॉयफ्रेंड नेस वाडिया पर शोषण का आरोप लगाया तो अमिताभ का कहना था'मामला कोर्ट में है तो इसपर मेरा बोलना अच्छा नहीं होगा'.
पाकिस्तानी कलाकारों के बैन पर खामोश रहे अमिताभ
2015 में जब पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कॉन्सर्ट मुंबई में होने से रोक दिया गया था तब अमिताभ बच्चन ने कहा था- ये अब राजनीतिक मामला बन गया है. और जबकि मैं राजनीति में नहीं हूं तो मैं कुछ बोल नहीं पाउंगा'.
तो जान लीजिए कि अमिताभ बच्चन इन मामलों पर क्यों नहीं बोलते?
2016 में असहिष्णुता का मामला गर्माया हुआ था तब अमिताभ बच्चन ने इंडिया टुडे पर बताया कि वो क्यों नहीं बोलते. उनसे जब पूछा गया कि क्या हमारा समाज असहिष्णु हो गया है तो उन्होंने कहा कि मैं इस सवाल का जवाब देने के योग्य नहीं हूं. इन मामलों पर मैं सबसे कम पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं. तब उनसे कहा गया कि आप डिपलोमैटिक हो रहे हैं और फंसना नहीं चाहते. तो उनका जवाब था- तो आप मानते हैं कि ये एक तरह का ट्रेप है. हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है पर मुझे नहीं है.'
उन्होंने अपनी गोलमोल बातों से किस तरह सवालों को घुमाया आप खुद ही सुनिए-
तो देखा आपने, अमिताभ बच्चन सिर्फ वहां बोलते नजर आते हैं जहां उनका अपना फायदा होता है. एक जिम्मेदार व्यक्ति बनकर जब उन्होंने अपनी नातिन को समझाइशी पत्र लिखा था तो उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था, क्योंकि उनकी फिल्म 'पिंक' रिलीज होने वाली थी. महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने की बातें जो उन्होंने पत्र में लिखी थीं वो महज पिंक का प्रमोशन था. असल में रेप जैसी घटनाओं पर बात करना उन्हें घृणित लगता है. वो जो महसूस करते हैं वो सार्वजनिक हो जाए इसका भय है उन्हें, लेकिन अपनी बेटी को लेखे निजी पत्र सार्वजनिक कर देते हैं...कमाल नहीं है?
खैर प्रकाश राज भले ही फिल्म इंडस्ट्री के खलनायक हों, लेकिन असल जीवन में एक जिम्मेदार इंसान के नाते संवेदनशील मुद्दों पर अपनी बात बेबाकी और मजबूती से रखकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वो चुप रहने वाले तमाम नायकों से बेहतर हैं.
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