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Updated: 25 जनवरी, 2022 08:10 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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'बेटी का दुख मुझसे देखा नहीं जाता था, मैंने जानबूझकर और पूरे होशोहवास में गोली मारी है. जिसे गोली मारी है उसने मेरी बेटी के साथ रेप किया था. मैं देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर सैनिक रहा, देश की सेवा की और मुझे मिला क्या? मेरी बेटी किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही. इसे गिरफ्तार तो किया गया था लेकिन फिर जमानत मिल गई. मुझसे इसका बाहर आना बर्दाश्त नहीं हुआ और मार दी गोली'. ये बातें उस पिता ने कही हैं जिसने अपनी बेटी से रेप करने वाले आरोपी को कोर्ट के सामने गोली मार दी.

father shot daughter's rape accused in gorakhpur, Murder, Uttar Pradesh, Minor Girl पिता ने बेटी के रेपिस्ट को गोली मारी तो पति ने पत्नी से गैंगरेप करने वाले को बम से उड़ाया, दोनों की पीड़ा एक है

जिस पिता की बेटी के साथ ऐसी घटना होती है वही इस तकलीफ को समझ सकता है. असल में रेप की घटनाएं आज से समय के लिए इतनी सामान्य हो गई हैं कि कोई सोच ही नहीं सकता था कि कोई पिता इस तरह भी अपनी बेटी के दुष्कर्म का बदला ले सकता है. इसलिए हर कोई इस बात से हैरान है. आरोपी रेप करते हैं और बदनामी होती है लड़की और उसके घरवालों की. बाद में आरोपी को बड़े आराम से बेल मिल जाती है और फिर वह सीना तानकर बड़े शान से आजादी से घूमता है.

वहीं पीड़िता अपना चेहरा छिपाने को मजबूर होती है. वह घर में कैद होकर अंदर ही अंदर घुटती रहती है. उसकी हर सिसकी के साथ उसके माता-पिता भी अंदर ही अंदर रोते हैं. मां तो फिर भी आंसू बहा लेती है लेकिन पिता वह तो रो भी नहीं सकता. वह खुद को कोसता रहता है कि मैं क्यों अपनी बेटी को बचा नहीं पाया. मेरे होते हुए मेरी बच्ची इतनी तकलीफ में है. वह अंदर ही अंदर सोचता रहता है, अंदर ही अंदर रोता है लेकिन कुछ कर नहीं पाता.

father shot daughter's rape accused in gorakhpurगोरखपुर में पिता ने रेपिस्ट को सबके सामने गोली मार दी

यह कहानी बताती है कि कैसे कोई सीधा-साधा इंसान या फिर देश की सेवा करने वाला सैनिक भी अपराधी बन जाता है. उसके दिमाग पर कितना गहरा सदमा लगा होगा. उसके मन में कितनी उथल-पुथल मची होगी. उसे पता होगा कि किसी को जान से मारने के बाद उसे भी सजा मिलेगी फिर वह ऐसी हिम्मत कर गया? हम यह नहीं कहते कि कानून को हाथ में लेना कहीं से भी सही है लेकिन ऐसी स्थिती आए ही क्यों कि किसी पिता को अपराधी बनना पड़े?

दरअसल, यूपी के गोरखपुर में सिविल कोर्ट के सामने ही भीड़भाड़ के बीच ही सेना से रिटायर्ड भागवत निषाद ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से रेप का आरोपी दिलशाद के सिर में गोली मार दी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, 25 साल का दिलशाद बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला था. वह, भागवत निषाद के घर के सामने साइकिल पंक्चर मरम्मत की दुकान चलाता था. उस पर भागवत की नाबालिग बेटी की किडनैंपिंग और रेप का मामला चल रहा था. फिलहाल पुलिस ने भागवत निषाद को हिरासत में लिया है जिन्होंने अपनी बेटी के रेप का बदला ले लिया है. उन्होंने सारी बातें खुद ही पुलिस को बता दी हैं.

पत्नी के साथ सामूहिक बालात्कार करने वाले को पति ने बम से उड़ा दिया

इसी तरह दूसरी घटना के बारे में आपको बताते हैं. जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया था, क्योंकि यह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था. एक पति ने एक साल तक योजना बनाकर पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को बम धमाका करके मौत की नींद सुलाना चाहता था. पहले प्रयास में तो वह असलफल हो गया लेकिन दूसरी बार में एक आरोपी के चिथड़े उड़ गए.

सोचिए जिसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ हो उसे कैसे चैन आता होगा? वह जब भी अपनी पत्नी को देखता होगा उसके जख्म ताजा हो जाते होंगे. वह खुद को धिक्कारता होगा कि मैं अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया. इसी पीड़ा के चलते जब उसे कानूनी सहायता नहीं मिली तो उसने खुद ही आरोपियों का सजा देने की ठानी.

Man took revenge in film style in Ratlamरतलाम में पत्नी से गैंगरेप करने वाले को बम से उड़ाया

यह घटना मध्य प्रदेश के रतलाम के रत्तागढ़खेड़ा की है. जहां पति सुरेश ने पत्नी का बदला लेने के लिए डेटोनेटर लगाकर रेपिस्ट लाला सिंह को उड़ा दिया. असल में मृतक लाला सिंह, भंवरलाल और दिनेश ने सुरेश की पत्नी से एक साल पहले दुष्कर्म किया था. शिकायत करने पर आरोपियों ने पति-पत्नी को जान से मारने की धमकी दी थी दो गरीब बेचारे बेबस उस वक्त तो चुप रह गए लेकिन पति ने दिल में बदले की भावना जलती रही.

अपनी पत्नी के अपमान का बदला लेने के लिए सुरेश ने तीनों लोगों को विस्फोट से उड़ाने की योजना बना ली. इसके बाद उसने लाला सिंह के ट्यूबवेल की मोटर के स्टार्टर में विस्फोटक के तार लगाकर ट्रेप तैयार कर दिया. इसके लिए सुरेश ने 14 जिलेटिन की छड़े विस्फोट के लिए इस्तेमाल की. जैसे ही स्टार्टर का बटन दबाया तो धमाके से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस के सामने सुरेश ने अपनी आपबीती सुनाई.

इन दोनों ही मामलों में पिता और पति को इस बात का मलाल कम और सुकून ज्यादा था. एक ने बेटी से रेप करने वाले को उन्होंने सजा दे दी तो दूसरे ने पत्नी की इज्जत को तार-तार करने वाले को डायनामाइट से उड़ा दिया, लेकिन क्या इससे रेप को अंजाम देने वालों के मन में खौफ पैदा होगा?

क्या किसी की बेटी, बहन, मां, प्रेमिका, पत्नी और दोस्त के साथ रेप होना बंद हो जाएगा? नहीं कुछ नहीं बदलेगा, क्योंकि हम कितना भी लिखें आप कितना भी सोच लें लेकिन बेटियों की हालात ना जाने कब बदलेगी? भले ही दोनों ही घटनाएं अलग हैं लेकिन इन दोनों शख्स की पीड़ा एक है. दोनों अंदर ही इतना घुटे, इतना जले कि न्याय करने के चक्कर में खुद ही अपराधी बन गए...

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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