मैंने तो मजाक में कहा था, सरकार ने सीरियसली ले लिया
खबर तो ये भी है कि सरकार सिविक एजेंसियों के साथ मिलकर शौच करने वालों का डेटा कलेक्ट करेगी और फिर औचक निरीक्षण में रंगे हाथ लोटे के साथ ही चालान कर देगी.
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19 नवंबर को लिखा था.. 'सरकार खुले में शौच पर वार कर सकती है'
अब जे का सुनने में आ रहा है.. जे तो सीरियस ले लिए.. लगता है खबर का असर हो गया.. जिस बात का डर था वही हो गयी, हमने आशंका जताई थी कि सरकार जल्द ही आपका डिब्बा और लोटा बंद करने वाली है.. मगर खबर पे तो सचमुच मुहर लगने का इंतेज़ाम हो रहा है.. खबर है कि महाराष्ट्र सरकार अब लोटा पकड़कर खुले में निकल जाने वालों की कह के लेगी.. ख़बरदार... अगर जंगल में पकड़े गए तो शौचासन वाली तस्वीर के साथ अख़बार में खबर बनाने की पूरी तैयारी है.. खबर तो ये भी है कि सरकार सिविक एजेंसियों के साथ मिलकर शौच करने वालों का डेटा कलेक्ट करेगी और फिर औचक निरीक्षण में रंगे हाथ लोटे के साथ ही चालान कर देगी.. राज्य सरकार बाकायदा एक प्रस्ताव पास कर गुड मॉर्निंग टीम बनाने पर विचार कर रही है, जो सुबह-सुबह आपकी सोच और शौच दोनों पे पलीता लगाने की तैयारी कर रही है..
अब सरकारी मुलाजिम क्या क्या करेंगे ये तो देखना होगाएनजीओ, लोकल बॉडी और स्टूडेंट को घर से बाहर शौचने वालों पे नज़र रखने के काम में लगाने का प्रस्ताव है.. मतलब ये है कि जीवन के सबसे ज़रूरी काम को भी अब आप टेंशन फ्री होकर नहीं कर पाओगे.. आइंदा घर से बाहर अगर आप 'सोचा'लय में लोटा लेकर गए तो आपका लोटा तो जायेगा ही, लाइफटाइम आपकी 'सोच' पे भी सील लगाने का पूरा इंतेज़ाम है और पेनाल्टी अलग से.
अब सरकर को कौन बताये कि ज़िन्दगी में दो चीज़ें बहुत ज़रूरी हैं, खाना और जाना... न खाने के बगैर सटती है और न जाने के बगैर.. सरकार अब खाएंगे तो जायेंगे भी.. ऊपर से सरकार कह रही है घर में शौचालय बनवाओ.. भैया पहले गरीबन को खाने के पैसे तो दो, उसके बाद शौचालय भी बनवा देना.. क्योंकि जब भर पेट खाएंगे तभी तो शौचालय जायेंगे.. ऊपर से जे गुड मॉर्निंग स्क्वाड और बना दिया.. अब बताइए कोई आदमी फुर्सत में लौटा लेकर दुनिया भर के प्लान बना रहा हो, और कोई धप से आकर गुड मॉर्निंग बोल दे, तो ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे ही रह जायेगी.. सोच का बेड़ा गर्क करने पे तुली है सरकार..
जे कोई बात हुई भला.. हम तो अच्छे दिन के लिए वोट दिए रहत, और इनकी नज़र कच्छे तक पहुँच गयी है.. सरकार का जाने कि खुले में जाने के कित्ते फायदे हैं, हमारे खेतों को मुफ्त में खाद पानी का इंतेज़ाम हो जाता है, एक साथ जाने पे खाद बीज की चर्चा भी हो जाती है, रघु की लुगाई से लेकर श्याम की भौजाई तक.. पगडंडी पे बैठे बैठे सबका हाल चाल मिल जाता है सो अलग.. मतलब सामाजिक एकता की अब ऐसी तैसी होने वाली है.. और जे सरकार तो पहले से ही कह रही थी, कि 'ना खाऊँगा और ना खाने दूंगा' और अब जे बात तो सच ही साबित हो रही है..
लेकिन खबर ये भी आ रही है कि सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है.. लोटा असोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ देश भर में आंदोलन का फैसला किया है.. संगठन ने सरकार से इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है.. लोटा ग्रुप का कहना है कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो दिल्ली में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.. अगर फिर भी खुले में शौच जैसे मौलिक अधिकार पर हमला किया तो जंतर मंतर पर देश भर से लोटा लेकर उसकी खूबसुरती में चार चाँद लगा दिए जाएंगे..
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