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Updated: 16 दिसम्बर, 2017 12:02 PM
सरवत फातिमा
सरवत फातिमा
  @ashi.fatima.75
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अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होना चाहतीं तो उसके लिए कई उपाय अपनाती हैं. गर्भनिरोधक गोलियों से लेकर कॉन्डोम इस्तेमाल करने तक. लेकिन एक तरफ जहां गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार इस्तेमाल महिलाओं की सेहत के हानिकारक होता है. तो वहीं अधिकतर पुरुष कॉन्डोम का प्रयोग नहीं करना चाहते. लेकिन अब महिलाओं के पास एक सुरक्षित विकल्प आ गया है. इसके इस्तेमाल के जरिए न तो महिलाओं को दवाइयों के चक्कर में नहीं रहना होगा.

आप सभी को ये जानने की बड़ी उत्सुकता होगी की आखिर वो विकल्प है क्या. तो वो है स्मार्टफोन एप. जी हां. अब आपके फोन पर अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने का उपाय मौजूद है वो भी एक नहीं कई सारे. सबसे अच्छी बात तो ये है कि कुछ एप्स आपके शरीर के तापमान, पीरियड्स और ओव्यूलेशन को कैलकुलेट करके बता देते हैं कि कब हाई टाइम है और आपको बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना चाहिए.

ये कैसे काम करते हैं-

apps, smartphoneइस तरह के कई एप अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने में सहायक होते हैं

सरल शब्दों में कहें तो ये एप बताता है कि कब आपके प्रेग्नेंट होने का चांस सबसे ज्यादा है और कब सेक्स करना सुरक्षित होगा. अगर आप भी ऐसा कोई एप डाउनलोड करना चाहती हैं तो आपके पास कई विकल्प उपलब्ध हैं. जैसे- नेचुरल साइकल एप, ग्लो, एसोप फर्टीलिटी क्लॉक आदि आदि. कुछ एप रिद्म साइकल का इस्तेमाल कर बताते हैं कि आपके ओव्यूलेशन साइकल का क्या समय चल रहा है. मायो क्लिनिक के अनुसार- 'रिद्म साइकल में आपके पीरियड्स की हिस्ट्री का इस्तेमाल कर बताया जाता है कि आपके ओव्यूलेट करने का टाइम क्या होगा. और फिर प्रेग्नेंनसी से बचने के लिए किन दिनों में आपको बिना किसी सुरक्षा के सेक्स नहीं करना चाहिए.'

इनका इस्तेमाल कैसे करें-

ये एप आपके शरीर के तापमान का इस्तेमाल कर आपके पीरियड्स साइकल का आकलन करते हैं. और इसके आधार पर बताते हैं कि कब आपको बिना किसी सुरक्षा के सेक्स नहीं करना चाहिए और कब आपके लिए सेक्स करना सुरक्षित है. तो इसमें आपको सुबह उठकर अपने शरीर का तापमान चेक करना होता है और फिर एप में फीड करना होता है. इसके बाद आपका काम खत्म. बाकी सारे काम वो खुद कर लेगा.

apps, smartphoneआसानी से जानिए रिस्की दिनों को

ये कॉन्ट्रासेप्टिव एप यूरोप में मंजूरी पा चुका है. इसमें लाल रंग के जरिए वो दिन दिखाए जाते हैं जब आपका हाई टाइम होता है और या तो सेक्स नहीं करना चाहिए या फिर कॉन्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए. वैसे अगर आपको हमारी बात का भरोसा नहीं हो रहा तो ये डाटा देख लीजिए. इस एप का इस्तेमाल 3,80,000 महिलाएं करती हैं और इसमें से सिर्फ 7 प्रतिशत महिलाएं ही प्रेग्नेंट हुईं. एक स्टडी में 22,785 महिलाओं ने बताया कि ये एप सच में बहुत लाभदायक है.

क्या इन एप्स पर आंख मूंदकर भरोसा करना सही है?

कैलिफॉर्निया के सैन फ्रांसिस्को में प्रकाशित एक पेपर के अनुसार ऐसे ज्यादातर भरोसे के लायक नहीं हैं. रिसर्च में 9 सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले एप्स का इस्तेमाल करने वाले 687 लोगों का इंटरव्यू लिया गया और 2000 लोगों के रिव्यू लिए गए. इसके बाद पाया गया कि पीरियड्स का अंदाजा लगाने में ये एप नाकाम साबित हुए. इसलिए इन पर आंख मूंदकर भरोसा करना मुश्किल है.

तो अब ये आपके हाथ में है कि आप दवाइयों के भरोसे रहेंगे या फिर एक बार इन एप्स का भी इस्तेमाल करना चाहेंगे.

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लेखक

सरवत फातिमा सरवत फातिमा @ashi.fatima.75

लेखक इंडिया टुडे में पत्रकार हैं

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