तीन तलाक की ये सबसे वाहियात पैरवी होगी
'पत्नी किसी और से संबंध बनाए तो क्या करें, उसे मार देंगे या फिर उसे तीन तलाक देकर पीछा छुड़वा लेंगे?' पहली लाइन में ये बकवास है, लेकिन अगर ये लोगों के दिमाग में है तो इसपर बात करना जरूरी है.
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तीन तलाक के मामले में एक नई बहस ने जन्म लिया है. समाजवादी पार्टी नेता रियाज़ अहमद ने बयान दिया है कि 'तलाक कई स्टेज में दिया जाता है और तीन तलाक कुछ मामलों के लिए ही रखा गया है, उदाहरण के तौर पर अगर पत्नी किसी के साथ गलत संबंध रखे तो पति क्या करेगा? उसे मार देगा या तीन तलाक देकर उससे छुटकारा पाएगा?'. ये बहस भी इस कमेंट की तरह वाहियात है.
Shariat says Talaq should be given in three stages. Whereas,triple talaq has been kept as an option.For eg.,if you find your wife in a compromising situation with another man,what will you do? You will either kill her or give triple talaq to get rid of her: Riyaz Ahmed, SP leader pic.twitter.com/wHTvJMdtAT
— ANI UP (@ANINewsUP) July 23, 2018
ये तो थी रियाज़ अहमद की बातें जो सपा के नेता हैं और तीन तलाक की पैरवी कर रहे हैं. इनकी बातें सुनकर लगता है जैसे तीन तलाक तो बस अल्लाह का दिया हुआ पैगाम है और वो बस इसकी पैरवी कर रहे हैं. जितनी बुरी ये बात लगती है उतनी ही बुरी इसपर लोगों की प्रतिक्रिया भी रही है. इस पोस्ट पर लोगों के कमेंट देखकर लगता है कि ये सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष की सोच नहीं है.
if you find your wife in a compromising situation with another man,what will you do? so it is part of ur life?? no worries bravo
— Farookh Mansoor (@mansoorfarookh) July 23, 2018
यहां कोई इंसान हिंदू होने पर गर्व दिखा रहा है तो उसपर भी विरोध जताया जा रहा है कि आखिर पत्नी अगर किसी तरह की गलत हरकत करेगी तो क्या आप चुप बैठेंगे?
2nd wife is only made if 1st gives permission to her husband to marry.. have some study brother. don't count wrongdoers.
— Farookh Mansoor (@mansoorfarookh) July 23, 2018
इस मुद्दे पर बहस और भी आगे बढ़ी पर तीन तलाक को सही ठहराने वाले व्यक्ति ने इसे सही ही माना. इसके आगे की बहस और भी दिलचस्प हो चली है.
Ohhh yet to hv a wife..as if he is waiting that his wife shud do something like that. & Then also he vl b with her?
— SHAIKH WASIM (@wasim_shaikh10) July 23, 2018
She has the Right to decide...why vl I decide?if she can forgive ,kill me,or she can divorce me... simple...both hv equal Rights(mean equal Hakk).But at least we hv equal Right to all r wife b 1/2/3.u cant even give ur 2nd woman a tag of "wife."..ur 2nd woman is called "rakhel"
— SHAIKH WASIM (@wasim_shaikh10) July 23, 2018
यहां तो बहुविवाह को भी सही ठहराया जा रहा है. यहां ये कहा जा रहा है कि दूसरी बीवी को भी उतना ही हक दिया जाता है जितना पहली बीवी को और जितना बाकी सबको.
First of all, without permission of 1st wife in Marriage one cannot marry second, if done its not valid. if a women is married with different men how will u identify your child on which father? think deeply brother.
— Farookh Mansoor (@mansoorfarookh) July 23, 2018
यहां जनाब इस बात की पैरवी कर रहे हैं कि एक महिला के एक से ज्यादा पति नहीं हो सकते क्योंकि अगर उसे बच्चा होगा तो ये कैसे पता चलेगा कि वो आखिर किसका बच्चा है.
Yes did you read my thread. Those who are not following Triple Talaq are killing their wives. All of them are Hindus
— Karwan (@IamKarwan) July 24, 2018
यहां भी महिलाओं पर तीन तलाक थोपने की बात हो रही है.
ये बहस जितनी आगे बढ़ती गई उतने ही विचलित कर देने वाले कमेंट्स लोगों के मिलते गए. लोग तीन तलाक को सही ठहरा रहे हैं क्योंकि वो इस्लाम के नियम कायदे के अनुसार है और ये सोच भी नहीं रहे कि ये इंसानियत को कहां लेकर आएगा. लोग ये तर्क दे रहे हैं कि अगर किसी की पत्नी ऐसा करेगी तो वो क्या करेगा, लेकिन अगर कोई पति ये करे तो? तब बीवी के पास क्या तीन तलाक देने का हक है? नहीं बिलकुल नहीं. वो अपनी मर्जी से इतनी आसानी से अलग नहीं हो सकती, तो पति को क्यों? क्यों पति किसी कोर्ट के चक्कर नहीं लगा सकता तलाक देने के लिए? ये मामला तो दोनों के लिए होगा ना.
यहां तो बहस का विषय ही बदल दिया गया है. जहां तक मुझे याद है वहां तीन तलाक का मुद्दा उठाया ही ऐसी महिलाओं के लिए गया था जिन्हें उनके पति वॉट्सएप पर, चिट्ठी लिखकर या फोन करके तीन तलाक दे देते हैं, किसी महिला को रोटी खराब बनाने के चलते तलाक दिया जाता है तो किसी को लड़की पैदा करने के चलते. बहस तो इस बात पर हो रही थी कि जिन महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा था उनका क्या किया जाएगा और उन्हें क्यों इस प्राचीन प्रथा का मुजरिम बनना पड़े. ऐसी महिलाएं कहीं किसी के साथ गलत संबंध नहीं बना रही होतीं. वो कहीं किसी पुरुष की बेवफाई का शिकार हो जाती हैं. तीन तलाक के मुद्दे को महिलाओं के लिए उठाया गया था और इस बहस को एकदम पलट कर महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाना वाकई वाहियात है.
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