समझ से परे है जीवन और कानून के रक्षकों की 'टिकटॉक' की दीवानगी
पुलिस कानून की रक्षक है, डॉक्टर जीवन के रक्षक हैं. थानों और अस्पतालों से इस तरह के वीडियो का आना चिंताजनक है. दोनों ही क्षेत्रों से संलग्न लोगों को अनुशासन का पालन करना चाहिए. साथ ही ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए, जिससे कि समाज में गलत सन्देश जाये.
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सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर टिकटॉक ऐप आज एक जाना पहचाना नाम बन चुका है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस पर अपने वीडियो बना रहे हैं, जिनमें से कुछ तो खूब वायरल हो रहे हैं. लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले आये हैं, जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि इस ऐप पर वीडियो के मोह में लोग अपनी मर्यादा और फर्ज को मानो भूल गए हों. बता दें कि पिछले महीने ओडिशा के एक अस्पताल में शूट किया गया नर्सों का टिकटॉक वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें नर्सों ने अस्पताल की वर्दी में नाचते हुए एसएनसीयू के अंदर टिकटॉक वीडियो बनाया था. जैसे ही इस वीडियो की जानकारी प्रशासन को मिली तो कार्रवाई करते हुए इन सभी नर्सों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. यही नहीं इसके बाद राज्य के कटक के मेडिकल कॉलेज से भी इसी तरह का वीडियो वायरल हुआ था.
They are very careless workers in in district hospital Malkangiri state Odisha they are follow on Tik Tok video and they are suits that Tiktok video in this Hospital pic.twitter.com/Z8rNYCGRJx
— Subrato Mistry (@SubratoMistry1) June 30, 2019
ताजा घटनाक्रम में हैदराबाद के सरकारी गांधी अस्पताल के दो जूनियर डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने भी अस्पताल में वीडियो शूट किया था, जो बाद में वायरल हो गया. अस्पताल जैसी जगहों से इस तरह के वीडियो वायरल होने की निंदा हो ही रही थी कि अब पिछले कुछ दिनों पुलिस वालों कि इस ऐप के प्रति दीवानगी देखने को मिल रही है जो रुकने का नाम नहीं ले रही है.
पिछले दिनों गुजरात में एक महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि उसने पुलिस स्टेशन में डांस करते हुए वीडियो बनाया था, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. मेहसाणा जिले के लंगनाज पुलिस स्टेशन में लोक रक्षक दल में तैनात अर्पिता चौधरी नाम की इस महिला पुलिसकर्मी ने लॉकअप के सामने डांस करते हुए शॉर्ट वीडियो क्लिप बनाई थी. हालांकि, उस समय वो वर्दी में नहीं थीं. इस घटना के बाद प्रदेश के वडोदरा से भी कुछ ऐसी ही ख़बरें आयीं. बता दें कि वडोदरा के क्राइम ब्रांच के एसआई अरुण मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वो वर्दी में एक गीत पर एक्ट करते नजर आ रहे हैं और बैकग्राउंड भी कार्यालय का ही लग रहा है. इसके अलावा प्रदेश के पुलिसकर्मियों के और भी टिक टॉक पर वीडियो वायरल होने की खबर है.
पिछले दिनों गुजरात में एक महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया.
I am hearing that Gujarat police has suspended this cop for a TikTok video. pic.twitter.com/WeOWjXXTHB
— Himanshu Shekhar (@HimaanshuS) July 24, 2019
ऐसा नहीं है कि केवल गुजरात पुलिस पर इस ऐप का खुमार छाया हो देश के दूसरे हिस्सों से भी ऐसे ख़बरें आ रही हैं. लेकिन इन सबमें दिलचस्प तो उत्तर प्रदेश का मामला है, जहां हाथ में बंदूक लेकर टिकटॉक पर वीडियो बनाना यूपी पुलिस की एक SWAT टीम को भारी पड़ गया. वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बस्ती पुलिस की इस SWAT टीम को लाइन हाजिर कर दिया और इस पर जांच चल रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले पर कहा कि हम इस तरह गैर जिम्मेदाराना तरीके से बंदूक लहराने और बढ़-चढ़ कर प्रदर्शन की कतई इजाजत नहीं दे सकते.
Gangsters aren't the only gun wielding tribe bitten by the TikTok bug. Here you see a UP police team after an encounter in Basti featuring in a 'single' #TikTok pic.twitter.com/Y05G6zeMpt
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) July 27, 2019
कहते हैं पुलिस कानून की रक्षक है तो वहीं डॉक्टर जीवन के रक्षक हैं. ऐसे में थानों और अस्पतालों से इस तरह के वीडियो का आना चिंताजनक और गलत है. दोनों ही क्षेत्रों से संलग्न लोगों को अनुशासन का पालन करना चाहिए. साथ ही ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए, जिससे कि समाज में गलत सन्देश जाये.
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