मिलिए रियल लाइफ चुलबुल पांडे से और बताएं कि गलत क्या है?
बिहार में एक कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले इंस्पेक्टर ने कार्यक्रम में जमकर शराब पी और जैसे ही 'दिल दीवाना बिन सजना के' बजा, दरोगा जी खुद को रोक ही नहीं पाए. डांसर्स के साथ खुद भी ठुमके लगाने लगे.
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हम अक्सर पुलिसवालों के कई रूप से मुखातिब होते हैं. कभी उनकी ज्यादती देखते हैं तो कभी उनका मानवीय रूप. लेकिन शराब के नशे में उनका नाचने वाला रूप कभी-कभी ही देखने को मिलता है. हालांकि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो शराब और पुलिस वालों का साथ तो चोली दामन का साथ है, और उसपर अगर सामने कन्याएं नाच रही हों तो न जाने क्या हो जाता है इन पुलिसवालों को, कि ठुमके लगाने से खुद को रोक ही नहीं पाते.
अब हाल ही में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. बिहार के बेगूसराय में दुर्गा पूजा का कार्यक्रम था और ऑर्केस्ट्रा में डांसर डांस कर रही थीं. यहां सुरक्षा व्यवस्था की कमान जिस इंस्पेक्टर को सौंपी गई थी उन्होंने कार्यक्रम में पूरे मजे लिए. जमकर शराब पी और जैसे ही 'दिल दीवाना बिन सजना के माने ना' गीत बजा, दरोगा जी खुद को रोक ही नहीं पाए. डांसर्स के साथ खुद भी ठुमके लगाने लगे. होना क्या था ये नजारा लोगों ने अपने मोबाइल में कैद किया और वीडियो वायरल हो गया. ड्यूटी में लापरवाही बरतने व ऑन ड्यूटी वर्दी पहनकर स्टेज पर डांसरों के साथ डांस करने के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया.
क्या पुलिस वालों का नाचना बुरा है?
देखिए ऐसा नहीं है कि नाचना बुरी चीज है, खुशी में तो हर इंसान नाचता है. लेकिन पुलिसवाले अगर वर्दी में शराब पिएं और डांसर्स के साथ नाचें तो उसे अनुशासनहीनता कहा जाता है. कई बार पहले भी पुलिसवाले ये गलती कर चुके हैं.
यूपी का ये कॉन्स्टेबल भोजपुरी गाने पर डांसर्स के साथ ठुमके लगा रहा है-
#WATCH: Uttar Pradesh policeman drunk while on duty, dances in uniform at an event in Shravasti (May 3rd) pic.twitter.com/xJu86PRoPH
— ANI UP (@ANINewsUP) May 4, 2017
हीरापुर का ये इंस्पेक्टर भी अपने ट्रांसफर की पार्टी कर रहा था. सामने महिलाएं भी थीं और वर्दी में टुकुर टुकुर पर नाच रहा था.
आप कह सकते हैं कि शराब तो अच्छे-अच्छों को नचा देती है, फिर पुलिसवाले क्या चीज़ हैं. तो क्या शराब दोषी है? नहीं, क्योंकि शराब पीने से पहले पुलिस वाले अपने पूरे होशो-हवास में होते हैं. फिर भी ये जानते हुए भी कि वो वर्दी में हैं, वो पीते हैं. और फिर बहक जाते हैं. तो दोष शराब को भी नहीं दिया जा सकता.
नाचने के लिए शराब की जरूरत नहीं
देखिए, शराब पीकर झूमा जा सकता है, लेकिन नाचने के लिए शराब की जरूरत नहीं होती. नाचने के लिए मन का खुश होना जरूरी होता है. कई बार ये भी देखा गया कि शराब नाचने की वजह नहीं थी. बस मन बना, और नाचना शुरू. तो क्या दोष फिल्मी गानों को दिया जाए जिन्हें सुनकर पुलिसवालों का रंगीला मन झूमने को मजबूर हो जाता है?
औररिया के पुलिसवाले भोजपुरी गानों पर सब कुछ भूलकर जमकर थिरके-
#WATCH Uttar Pradesh Police orders inquiry after a video of policemen dancing on duty in Auraiya goes viral pic.twitter.com/bQ6LVB5blZ
— ANI UP (@ANINewsUP) September 18, 2018
अब हमारे इन ट्रैफिक पुलिस वालों को ही देख लीजिए. ये ड्यूटी पर हैं, लेकिन मन से इतने खुश हैं कि अपनी कला को इस तरह जाहिर कर रहे हैं. लेकिन क्या इन्हें गलत कहा जा सकता है?
बॉलीवुड के पुलिसवालों ने भी बहुत कुछ सिखाया
बॉलीवुड ने हमें ऐसे कई पुलिसवाले दिए हैं जिन्होंने हमारे असली पुलिसवालों को कहीं, न कहीं इंस्पायर जरूर किया है. फिल्म 'थानेदार' के थानेदार संजय दत्त ने जब माधुरी दिक्षित के साथ ठुमके लगाए तो न जाने कितने थानेदारों को खुदपर फख्र हुआ होगा. वो भी लाठी घुमा-घुमाकर खूब नाचे.
डंडा घुमाकर संजय दत्त ने भी पुलिसवालों को नाचना सिखाया
पुलिस वालों के सिंघम अजय देवगन जब स्क्रीन पर आए तो लगा जैसे वो पुलिसवालों के देवता हों- आइडियल पुलिस. धीर-गंभीर होते हुए भी स्टाइल में कोई कमी नहीं थी. इनसे भी पुलिसवालों ने काफी कुछ सीखा.
गंभीर सिंघम, लेकिन स्टाइल में
सबसे लेटेस्ट और सबसे हॉटेस्ट पुलिस वाले रहे हमारे चहेते 'दबंग' चुलबुल पांडे, जिन्होंने पुलिसवालों को दबंग होना और चुलबुल होना सिखाया. उन्होंने सिखाया कि वर्दी में रहते हुए भी कैसे हंसी मजाक किया जाए, कैसे स्टाइल मारा जाए, कैसे रोमांस किया जाए और डांसर्स के साथ कैसे नाचा जाए.
हाथों में शराब की बोतल और आइटम सॉन्ग पर डांस, ये हैं हमारे चुलबुल पांडे
हमारे चुलबुल पांडे ने जो पुलिसवालों को दिया उसका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. ये वीडियो बता रहा है कि किस तरह पुलिसवाले गानों पर थिरकने को मजबूर हो जाते हैं.
पर देखिए न चुलबुल पांडे तो सिर्फ एक है. थाने में बैठे ऑन ड्यूटी और बजाएं पांडे जी सीटी....आदत बड़ी नासपीटी, पर क्या करें...लेकिन वो बाकी पुलिसवालों को गलत ज्ञान न दें इसलिए दबंग 2 में उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लिया. इस बार भी डांसर को देखकर उनसे कंट्रोल नहीं हुआ, लेकिन फिर भी वो नाचे क्योंकि नाचना कोई अपराध नहीं है, बशर्ते वर्दी नहीं पहनी हो.
फिल्मों के पुलिस वालों को भी दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि फिल्में हमारे मनोरंजन के लिए होती हैं और उम्मीद यही की जाती है कि फिल्मों से अच्छाई ग्रहण की जाए न कि बुराई.
पर जब पूरी फौज ऐसा करे तो?
यहां एक पुलिसवाले की शादी हो रही है. जो अपनी यूनिफॉर्म में घोड़े पर बैठा हुआ है और बाराती यानी उसके सहयोगी जो यूनिफॉर्म में हैं वो बारात में नाच रहे हैं. ये नजारा भी आपने पहले नहीं देखा होगा. पर क्या इसे गलत कहा जा सकता है?
महिला पुलिस भी बहकती है
ऐसा नहीं है कि शराब के नशे में या फिर अति उत्साह में पुलिसवाले ही बहकते हैं. महिला पुलिसकर्मियों भी पीछे नहीं हैं. ये वीडियो देखकर शायद आपको अच्छा नहीं लगे, लेकिन वास्तविकता यही है कि यहां महिला पुलिसकर्मियों ने अपनी वर्दी का मान नहीं रखा.
वो चाहे पुरुष हो या महिला पुलिस, गलतियां दोनों से हो सकती हैं. कभी-कभी जब सब ग्रुप में होते हैं तो हंसी मजाक में, या फिर ज्यादा उत्साही होते हुए या फिर बोरियत मटाने के लिए भी वो नाचते गाते हैं. कभी-कभी वो ये भूल जाते हैं कि वो वर्दी में हैं और वर्दी की भी एक मर्यादा होती है जिसे हर पुलिसवाले को निभाना चाहिए.
फिर किसे दोष दिया जाए?
शायद हम पुलिसवालों के मन में बसे उस 'दबंग' को दोषी ठहरा सकते हैं जो ऐसी हर जगह जाग जाता है, जो उसे अहसास करवाता है कि तुम पुलिसवाले हो, वर्दी में हो और पॉवरफुल हो, जिसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. वो जब चाहे जो चाहे कर सकता है क्योंकि वो वर्दी में है.
जब कोई बारात या झांकी बराबर से निकलती है, कोई डीजे बजता है तो हर आम इंसान का मन भी नाचने को होता है, उसके पैर और कंधे खुद ब खुद उचकने लगते हैं क्योंकि वो इंसान है, लेकिन पुलिस वालों से यही उम्मीद की जाती है कि वो ऐसी हर जगह अपनी ड्यूटी निभाएं. क्या वो इंसान नहीं है? ये मानवीय चीजें उन्हें क्यों भूल जानी चाहिए? नाचना गलत नहीं है, हर पुलिस वाले को नाचना चाहिए क्योंकि वो भी इंसान है. और पुलिस वाले तब और भी मानवीय लगते हैं जब वो आम आदमी की तरह दिखाई देते हैं.
आज हमने कई वीडियो देखे, महिला व पुरुष दोनों पुलिसवालों को नाचते देखा, शराब पीने वाले और बिना शराब पीने वालों को नाचते देखा, लेकिन कुछ का नाचना अश्लील लगा तो कुछ को देखकर अच्छा लगा. और नतीजा यही निकला कि पुलिसवाले तभी पुलिसवाले हैं अगर वो वर्दी में हैं. उनका सम्मान उनकी वर्दी से ही है. वो सब कुछ करें, लेकिन वर्दी को अपमानित न करें. वो वर्दी शराब पीकर भी अपमानित होती है, और घूस लेकर भी, ठीक उसी तरह नाचना भी बुरा नहीं है लेकिन अगर शराब पीकर किसी डांसर के साथ नाच रहे हैं या ऐसी हरकतें कर रहे हैं जिससे वर्दी दागदार हो रही हो तो नाचना भी अश्लील है फिर चाहे वो पुरुष हो या महिलाएं.
जाते-जाते एक आखिरी वीडियो देख लीजिए, मन खुश हो जाएगा, क्योंकि पुलिसवाले भी इंसान हैं
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