Nirbhaya का दोस्त कहां है? और कहां है वो जुवेनाइल?
Nirbhaya rape case: बलात्कार जैसी घृणत वारदात कितने लोगों की जिंदगी बदल देती है, इसे बारीकी से देखना और समझना जरूरी है. निर्भया तो दुनिया से चली गई, लेकिन निर्भया का दोस्त (Avanindra) और एक जुवेनाइल बलात्कारी (Mohammad Afroz) इसी दुनिया की गुमनामी में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं.
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Nirbhaya case: ये कहानी है निर्भया से जुड़े दो लोगों की- एक दोस्त तो दूसरा दुश्मन. करीब 7 सालों के इंतजार के बाद यूं लगा कि अब निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Verdict) ने अक्षय की याचिका खारिज (Review Petition of Akshay) करने के साथ ही दोषियों को दया याचिका (Mercy Plea) दायर करने का आखिरी मौका दिया है और कुछ दिन की मोहलत दे दी है. इसी बीच पवन गुप्ता (Pawan Kumar Gupta Nirbhaya Case) के वकील ने सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की है कि वह निर्भया रेप की घटना के वक्त नाबालिग था, इसलिए उसे भी नाबालिग (Nirbhaya Juvenile) की तरह ही सजा मिलनी चाहिए और सबूत के तौर पर दस्तावेज जमा करने के लिए उसने महीने भर का वक्त मांगा है. खैर, आज नहीं तो कल सही, निर्भया के चारों दोषी (मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर) फांसी के फंदे पर झूलते नजर आएंगे. लेकिन थोड़ा पीछे जाएं तो याद आएगा कि निर्भया का दोषी मोहम्मद अफरोज नामक किशोर (Mohammad Afroz juvenile) भी था. जो तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा कर दिया गया. इसके अलावा चर्चा निर्भया के दोस्त अवनींद्र (Nirbhaya friend Avanindra) की भी हुई, जिसके साथ निर्भया वारदात वाली रात जा रही थी. अब जबकि निर्भया रेप केस अपने अंतिम मुकाम पर है, तो इंटरनेट पर निर्भया के दोस्त और उस जुवेनाइल दोषी को ढूंढा जा रहा है.
देश के लोग निर्भया के जुवेनाइल आरोपी और दोस्त अवनींद्र के बारे में जानना चाह रहे हैं.
निर्भया के दोस्त का ठिकाना पता नहीं, और यही सही भी है !
घटना की रात निर्भया के साथ उसका दोस्त अवनींद्र भी था, जो आज गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर है. यूं तो उसका पूरा परिवार गोरखपुर के तुर्कमानपुर में रह रहा है, लेकिन अवनींद्र ना तो दिल्ली में हैं, ना ही गोरखपुर. 'अमर उजाला' से बातचीत में अवनींद्र के परिजन बताते हैं कि उसने देश ही छोड़ दिया है और विदेश में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर का काम कर रहा है. अवनींद्र के परिवार ने किसी को भी उसके ठिकाने के बारे में नहीं बताया है और यही सही भी है, क्योंकि जिस स्थिति से अवनींद्र गुजरा है, उससे निकलने के बाद सामान्य जिंदगी जीना आसान नहीं.
अवनींद्र के पिता भानु प्रताप पांडे कहते हैं कि उनका बेटा अब एक दूसरी जिंदगी जी रहा है. वह कहते हैं कि अवनींद्र से हादसे के बाद इतने सवाल पूछे गए कि वह अपने भविष्य के बारे में कुछ सोच ही नहीं पा रहा था. अगर वह दिल्ली या गोरखपुर में रहता तो अपनी जिंदगी में कुछ बेहतर नहीं कर पाता. और ये सही बात भी है. एक बार फिर जब निर्भया का मामला गरम हुआ है तो बेशक मीडिया इस पर अवनींद्र का रिएक्शन जानना चाहती है और जाने-अनजाने एक बार फिर अनवींद्र के दिल में दबे जख्म फिर से हरे हो जाते.
नाबालिग दोषी का क्या?
निर्भया के बलात्कारियों में से एक नाबालिग मोहम्मद अफरोज (Juvenile Mohammad Afroz) भी शामिल था. यही वो शख्स था, जिसने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त भले ही वह नाबालिग था, लेकिन उसके दिमाग में बैठा हैवान अपनी सारी सीमाएं तोड़ने को बेताब था. बता दें कि इसी नाबालिग ने निर्भया के साथ सबसे अधिक दरिंदगी की थी. लेकिन कहते हैं ना कि कानून अंधा होता है, जो सिर्फ सबूतों और लिखित कानून के हिसाब से चलता है. वकीलों ने इस नाबालिग को कानूनी दावपेंच खेलकर ही बचा लिया. नाबालिग होने की वजह से उसकी सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हुई, जहां से उसे अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती थी और वही दी गई. इस सजा के साथ उसे सुधार केंद्र भेज दिया गया. वो सुधरा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन सिर्फ 6 महीने उम्र कम होने की वजह से एक दोषी फांसी से जरूर बच गया और रिहा हो चुका है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर वह है कहां और क्या कर रहा है?
आजकल कहां है नाबालिग दोषी?
उन नाबालिग दोषी के बारे में ये नहीं बताया जा सकता कि वह इस समय कहां है. हां, एक एनजीओ ने दो साल पहले इस बात की पुष्टि की थी कि वह दक्षिणी समुद्र तट के इलाके में किसी ढाबे में खाना बनाने वाले की नौकरी कर रहा है. एनजीओ ने ये भी बताया था कि वह जिसके यहां नौकरी कर रहा है, वह उस नाबालिग दोषी की हकीकत नहीं जानता है. यहां तक कि उस नाबालिग दोषी ने अपना नाम भी बदल लिया है. एनजीओ ने ये भी कहा कि वह उसकी जगह को बदलते रहते हैं, ताकि उसकी पहचान उजागर ना हो. एनजीओ का कहना है कि वह नाबालिग दोषी राम सिंह के लिए काम करता था और राम सिंह ने उसके 8000 रुपए नहीं दिए थे, जिसे लेने ही वह उस रात राम सिंह के पास गया था, लेकिन वहां पर वह भी इस अपराध का हिस्सा बन गया.
अभी किसी को नहीं पता है कि निर्भया का दोस्त अवनींद्र कहां है और निर्भया के साथ सबसे अधिक दरिंदगी करने वाला नाबालिग दोषी कहां है, लेकिन ये तय है कि वो दोनों भी इस केस के हर अपडेट से वाकिफ होंगे. जहां एक ओर निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे के नजदीक जाते देखकर अवनींद्र को खुशी हो रही होगी, वहीं दूसरी ओर नाबालिग दोषी की रूह भी कांप गई होगी.
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