सेलेब्रिटी स्टेटस वाले आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने आत्महत्या की तरफ क्यों बढ़ाए कदम?
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज की आत्महत्या के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि, दुनिया को जीवन जीने का मार्ग दिखाने वाले संत ने आखिर खुद के लिए आत्महत्या जैसा कायरता का मार्ग क्यों चुना.
-
Total Shares
उदय सिंह देशमुख, भले ही ये नाम आपने न सुना हो मगर भय्यूजी महाराज इस नाम को आपने जरूर सुना होगा. आध्यात्म की दुनिया का जाना माना नाम और मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल सेलेब्रिटियों में शुमार आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. गंभीर अवस्था में भय्यूजी महाराज को इंदौर स्थित बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गज़ब का स्टारडम रखने वाले भय्यूजी महाराज के बारे में मशहूर है कि इनके वर्चस्व के चलते विलासराव देशमुख समेत महाराष्ट्र अंचल के कई गणमान्य प्रतिनिधि इनसे आशीर्वाद लेने आते थे.
भय्यूजी महाराज का शुमार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बड़े सेलेब्रिटियों में था
आपको बताते चलें कि, भय्यूजी महाराज उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब इन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाने में महत्वपूर्ण किरदार निभाया था. भय्यूजी महाराज के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये थी कि इनका शुमार उन आध्यात्मिक गुरुओं में होता था जो आम संतों के इतर गृहस्थ जीवन जीते थे.
He has been admitted to the hospital, can't say anything else right now. He had shot himself in the head: Jayant Rathore, Indore Police on spiritual leader Bhayyuji Maharaj allegedly shoots himself pic.twitter.com/TJmW1QFhzK
— ANI (@ANI) June 12, 2018
भय्यूजी महाराज का जीवन रहस्य और रोमांच से भरा हुआ था. मॉडलिंग का शानदार करियर छोड़कर आध्यात्म का मार्ग चुनने वाले भय्यूजी महाराज की मौत ने इनके समर्थकों के अलावा आलोचकों तक को हैरत में डाल दिया है. अभी कुछ दिन पूर्व ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के चलते चर्चा में आए भय्यूजी महाराज ने उस वक़्त अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया था जब इन्होंने राज्यमंत्री का पद लेने से इंकार किया था.
भय्यूजी महाराज के बारे में एक अन्य रोचक तथ्य ये भी है कि इनके अनुयायी मानते थे कि इन्हें भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद प्राप्त है. और शायद यही वो प्रमुख कारण था जिसके चलते इन्हें महाराष्ट्र में राष्ट्र संत का दर्जा भी प्राप्त था. इन सारी बातों के इतर बात अगर भय्यूजी महाराज के राजनीतिक कद की हो तो इन्हें केवल महाराष्ट्र में ही संकटमोचन की तरह देखा जाता था. साथ ही एक अच्छी फैन फॉलोइंग होने के चलते भय्यूजी महाराज मध्य प्रद्रेश की सियासत को भी प्रभावित करने का हुनर जानते थे.
बहरहाल, भय्यूजी महाराज की ख़ुदकुशी ने लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है. एक तरफ समाज का एक बड़ा वर्ग जहां इस मौत के पीछे की वजह विकट परिस्थितियों में उपजे चुनाव बता रहा है तो समर्थक इस बात से आहत है कि एक संत खुद इस तरह की हरकत कैसे कर सकता है.
भय्यूजी महाराज के चाहने वालों का तर्क है कि दुनिया को अच्छाई का रास्ता दिखाने और लोगों को जीवन जीने की कला सिखाने वाले, खुद ऐसे कायरता भरे कृत्य करेंगे ये सभ्य समाज के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. कहना गलत नहीं है कि भय्यूजी महाराज की मौत के असल कारण क्या थे ये तो आने वाला वक़्त बताएगा मगर इनकी मौत ने कई सवालों को एक साथ लाकर हमारे सामने खड़ा कर दिया है.
ये भी पढ़ें -
तो क्या वाकई सुनंदा पुष्कर की हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी?
आखिर एक जांबाज़ पुलिस ऑफिसर आत्महत्या की तरफ क्यों बढ़ता है..
आत्महत्या की कगार पर थे वो, काश कोई बचा लेता...
आपकी राय