यहां मुस्लिम कम्युनिटी के मर्द आखिर औरत बनकर क्यों जीते हैं?
इंडोनेशिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है लेकिन इस समुदाय के मुस्लिम लोग गालों पर लाली और होठों पर लिपस्टिक लगाकर सजते-संवरते हैं. जी हां इस समुदाय में पैदा होने वाले पुरुष भी औरत के रूप में अपनी पूरी जिंदगी बिताते हैं
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असल में दुनिया बहुत बड़ी है और इसमें रहने वाले समुदाय और जातियों के काफी अलग-अलग रहन-सहन हैं. बहुत सारे रिवाजों को तो हम जानते भी नहीं हैं. कई ऐसी जनजातियां हैं जो अपने अजीबो-गरीब मान्यताओं के लिए चर्चित हैं. जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जिस तरह केन्या में एक ऐसा गांव है जहां पुरुषों का जाना बैन है. आज हम आपको ऐसी ही एक जगह के एक समुदाय के बारे में बता रहे हैं जहां के पुरुषों को महिलाओं की तरह ही जिंदगी बितानी पड़ती है.
कई ऐसी जनजातियां हैं जो अपने अजीबो-गरीब मान्यताओं के लिए चर्चित हैं
इंडोनेशिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है लेकिन इस समुदाय के मुस्लिम लोग गालों पर लाली और होठों पर लिपस्टिक लगाकर सजते-संवरते हैं. जी हां इस समुदाय में पैदा होने वाले पुरुष भी औरत के रूप में अपनी पूरी जिंदगी बिताते हैं. इंडोनेशिया के इस मुस्लिम समुदाय को वारिआ (waria muslim community) के नाम से जाना जाता है. वारिया शब्द वानिता और प्रिआ को जोड़कर बना है. जिसमें वानिता मतलब महिला और प्रिआ का मतलब पुरुष होता है. यह कम्युनिटी भी उसी तरह अपने धर्म और आदर्शों का पालन करती है जिस तरह दुनिया के अन्य मुस्लिम समुदाय करते हैं लेकिन इनकी यही बात दूसरों से अलग बनाती है.
पुरुष गालों पर लाली और होठों पर लिपिस्टिक लगाते हैं
ऐसा करने की वजह क्या है?
Huffpost की रिपोर्ट के अनुसार, जब इस समुदाय में किसी बच्चे का जन्म होता है तो वह सामान्य ही होता है. पुरुष के रूप में जन्म लेने वाले शख्स को लगता है कि उसका शरीर तो पुरुष का है लेकिन उसकी आत्मा स्त्री की है. इसलिए इस समुदाय में जन्म लेने वाले पुरुष कुछ समय बाद महिलाओं की तरह जिंदगी बिताने लगते हैं. उनके चेहरे भले पुरुष की तरह हों लेकिन उका पहनावा, उनका मेकअप उनका हावभाव एकदम महिलाओं की तरह होती है.
इस समुदाय के लोगों को अपनी पहचान के लिए लंबा लड़ाई लड़नी पड़ी
पहचान के लिए करना पड़ा संघर्ष
एक समय था जब इस समुदाय के लोगों को मस्जिद में इबादत करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इन्होंने अपनी पहचान के लिए काफी लंबा संघर्ष किया. धार्मिक आस्था रखने वाले इन लोगों का तब मजाक बनाया जाता जब वे मस्जिद या मदरसे में जाते. लोग कहते कि इनको पुरुषों की लाइन में रखा जाए या पुरुषों की? इसके लिए काफी लंबे समय तक विवाद चला. आखिरकार इस समुदाय के लोगों की मेहनत सफल हुई और साल 2008 में इंडोनेशिया के योग्याकार्ता नामक जगह पर एक अलग से मस्जिद बनाई गई जो विशेष रूप से वारिआ समुदाय के लिए थी. इस मस्जिद में इस समुदाय के लोग आराम से नमाज से पढ़ सकते हैं.
इस समुदाय में पैदा होने वाले पुरुष भी औरत के रूप में अपनी पूरी जिंदगी बिताते हैं
इन तस्वीरों को देखकर आपको भी हैरानी हो सकती है लेकिन यही सच है. इस समुदाय के पुरुषों को महिला रूप धारण करने में कोई दिक्कत भी नहीं है. ना ही इसमें इन्हें कोई शर्मिंदगी महसूस होती है. ये इनके लिए गर्व की बात है. ये अपने रूप और अपनी जिंदगी से खुश हैं. अब तो इनकी पहचान भी है. इन्हें खुदा से कोई शिकायत नहीं कि हमें ऐसा क्यों बनाया? इन्हें देखकर लगता है कि हमें अपनी जिंदगी से शिकायत करने से पहले एक बार जरूर सोच लेना चाहिए...
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