क्यों मुस्लिम विरोधी नहीं है यूपी पुलिस का ट्वीट - "पर्दा सिर्फ़ वहां, बुरी नीयत है जहां!"
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ट्वीट किया है. ट्वीट के बाद यूपी पुलिस को लेकर आलोचना का दौर शुरू हो गया है. मगर इस ट्वीट की सबसे दिलचस्प बात ये है कि जितने लोग इस ट्वीट को पढ़ेंगे वो इसका अर्थ अपने हिसाब से निकालेंगे,
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पूर्व की सरकारों में अपने निकम्मेपन और सुस्त रवैये के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश पुलिस. इन दिनों न्यूज़ रूम से लेकर फेसबुक और ट्विटर तक हर जगह लाइम लाइट में है. हाल फिल्हाल में उत्तर प्रदेश पुलिस की चुस्ती को हर कोई सराह रहा है और माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में जिस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपना ट्रांसफ़ॉर्मेशन किया वैसा कभी देखने को नहीं मिला. इनामी बदमाशों का एनकाउंटर कर सूबे को अपराध मुक्त कराते कराते उत्तर प्रदेश पुलिस साहित्यिक हो गयी है, और शब्दों से खेलना सीख गयी है. उत्तर प्रदेश पुलिस का इस तरह शब्दों से खेलना जहां एक तरफ कुछ लोगों को बेचैन कर रहा है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि आज के परिदृश्य में पुलिस के लिए ये बेबाकी भरा अंदाज बेहद ज़रूरी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के इस ट्वीट ने लोगों का कंफ्यूजन बढ़ा दिया है
बात आगे होगी मगर उससे पहले मामला जान लीजिये. अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से उत्तर प्रदेश की पुलिस ने एक ट्वीट किया है. ट्वीट में एक महिला और पुरुष की तस्वीर है जिसमें पुरुष की आंखों पर पट्टी बंधी है और लिखा है कि,"पर्दा सिर्फ़ वहां, बुरी नीयत है जहां!" साथ ही पुलिस द्वारा इसमें #WhatMenShouldntDO हैश टैग भी लगाया गया है.
‘Dirty’ lies in the eyes of the beholder #WhatMenShouldntDo #WomensDayUPP #WomensDay #IWD2018 pic.twitter.com/CNJBvGwdoj
— UP POLICE (@Uppolice) March 8, 2018सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के स्क्रीन शॉट शेयर हो रहे हैं और हर व्यक्ति इसे अपने अंदाज में पेश कर रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों की एक बड़ी संख्या है जिसका मानना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस का ये ट्वीट मुसलामानों पर सीधा प्रहार है. ऐसा इसलिए क्योंकि पर्दे के एक बहुत बड़े हिमायती खुद मुसलमान ही हैं.
तो जिन लोगों को ये ट्वीट मुसलमान विरोधी या भावना आहत करने वाला लग रहा है. उनको ये जान लेना चाहिए कि इस ट्वीट के जरिये सरकार का उद्देश्य किसी व्यक्ति या धर्म की भावना आहत करना नहीं है और इसमें एक बेहद साधारण सी बात कही गयी है. साथ ही यहां इस ट्वीट को 3 या 4 तरीके से पढ़ा जा सकता है और जिसकी जैसी भावना होगी वो उत्तर प्रदेश पुलिस के इस ट्वीट से वैसा मतलब निकलेगा.
क्या लिखा है इस ट्वीट में
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं यूपीपी के इस इंफोग्राफिक ट्वीट में एक महिला और पुरुष की तस्वीर है, जिसमें पुरुष की आंखों पर काली पट्टी पेस्ट की गयी है और लिखा है कि,"पर्दा सिर्फ़ वहां, बुरी नीयत है जहां!" साथ ही पुलिस द्वारा इसमें #WhatMenShouldntDO हैश टैग भी लगाया गया है.
इस ट्वीट के बाद आलोचकों को पुलिस की आलोचना का मौका मिल गया है
क्या हो सकते हैं संभावित अर्थ
इस ट्वीट का संशय बस इतना है कि एक महिला पर्दा तब करती है जब वो अपने आस पास मौजूद लोगों के कारण असहज महसूस करती है. इसके उदाहरण के लिए आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का रुख कर सकते हैं. वहां आपको ऐसी तमाम महिलाएं दिखेंगी जिन्होंने स्टोल, शॉल या दुपट्टे से खुद को ढंका होता है. यदि आप इनसे पूछिए तो इन महिलाओं की एक बड़ी संख्या आपको बताएगी कि ऐसा उन्होंने इसलिए करा है ताकि वो खुद को पुरुषों की गंदी निगाहों से बचा सकें.
मुसलमानों को इस्लाम के खिलाफ क्यों लग सकता है ये ट्वीट
अब इस ट्वीट को यदि कोई मुसलमान पढ़े या उसे पढ़वाया जाए तो ये कहना गलत न होगा कि वो भावों में बह सकता है. इससे उसकी भावना आहत हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर्दे को इसलिए जरूरी बताया गया ताकि महिला बुरी नीयत से बच सके. अब पर्दे का इस्तेमाल कहां और किन घरों में होता है, ये किसी से छिपा नहीं है. मुसलमान इस ट्वीट के बाद सवाल कर सकते हैं कि "क्या हमारी नीयत में खोट है इसलिए हमारे घरों की महिलाएं पर्दा करती हैं?"
एक महिला को कैसा लगेगा ये ट्वीट
एक महिला के अनुसार ये बिल्कलु सही कथन है. महिलाओं के अनुसार जो पुरुष महिलाओं को पर्दे में ढंकने की बात कर रहे हैं उनका पर्दा कर देना चाहिए और उन्हें समाज से कहीं दूर रख देना चाहिए. ऐसा करके स्त्री और पुरुष के बीच सौहार्द उत्पन्न किया जा सकता है.
अंत में हम ये कहकर अपनी बात खत्म करेंगे कि जितनी बार हम इस ट्वीट को पढेंगे, इस ट्वीट के उतने ही मतलब निकल कर सामने आएंगे. अतः अगर कोई इसे कम्युनल रंग दे रहा है तो लोग खुद उससे सावधान रहें. बाक़ी उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए हम इतना ही कहेंगे कि आप लोग भविष्य में सन्देश सरल भाषा में दीजिये. आपने जिस तरह इस ट्वीट को बनाया उसको देखकर कोई भी ये कह सकता है कि इस ट्वीट से उत्तर प्रदेश पुलिस लोगों को जोड़ने से ज्यादा उन्हें तोड़ने का काम करती नजर आ रही है.
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