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Updated: 12 अगस्त, 2016 04:54 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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पोकेमॉन गो से जुड़ी अब तक की सारी खबरों पर ये एक खबर भारी है. पोकेमॉन गेम से एक्सिडेंट्स, रिश्ते टूटने, नौकरी छूटने की खबरों के साथ-साथ अच्छी खबरें भी आईं, कि पोकेमॉन ऑटिस्टिक बच्चों को व्यवहारिक बनाने लगा है, लोग मिलनसार होने लगे हैं. लेकिन इसका ये साइडइफैक्ट भी होगा, ये किसी ने नहीं सोचा होगा.

जी हां, एक ऐसा ही अजीबो गरीब मामला सामने आया है मॉस्को से. जहां एक महिला ने दावा किया है कि पोकेमॉन ने उसका रेप किया. महिला ने बाकायदा इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई है.

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 पोकेमॉन रेप कर कैसे सकता है ??

पुलिस को दिए गए बयान में महिला ने कहा कि- 'वो सोने से पहले पोकेमॉन गो खेल रही थीं. जब वो सुबह उठीं, तो उन्होंने देखा कि एक विशाल पोकेमॉन बिस्तर पर उनके ऊपर बैठा हुआ है और उनका रेप कर रहा है. जब वो बिस्तर से कूदीं तो पोकेमॉन गायब हो गया. उनका ये भी कहना है कि पोकेमॉन गो का एप उनके बिस्तर पर वही कैरेक्टर डिटेक्ट कर सकता है.  

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उन्होंने अपने पति को उठाया और घटना की जानकारी दी, लेकिन पति ने उनका यकीन नहीं किया. उल्टा उन्हें किसी मनोचिकित्सक से मिलने की सलाह दी. बताया जा रहा है कि पुलिस ने भी इस महिला की अनोखी कहानी पर यकीन नहीं किया.

महिला का तो ये भी कहना है कि उनके घर में बहुत सारे पोकेमॉन हैं, यहां तक कि उनका कुत्ता तक उन्हें महसूस कर सकता है. जब भी वो पोकेमॉन खेलती हैं कुत्ता भौंकने लगता है.

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पोकेमॉन के लोग इस कदर दीवाने हैं कि कुछ लोग इसे फुल टाइम खेलते हैं

ये बात तो साबित हो गई कि गेमिंग के अंधों को हर जगह पोकेमॉन ही नजर आता है. नजर आने तक तो सही था लेकिन इन्हें तो पोकेमॉन खुद का रेप करता दिखाई दे रहा है. इस गेम की दीवानगी का आलम तो जग जाहिर है, लोग इनमें दिन रात एक किए पड़े हैं. रात को सोते वक्त पोकेमॉन, सुबह उठते वक्त पोकेमॉन, आंखों के साथ-साथ दिमाग भी पोकेमॉन ही देख रहा है. अब अपनी जिंदगी में पोकेमॉन को इतनी अहमियत देंगे तो पोकेमॉन किसी के भी दिमाग में घुसकर लोचा तो कर ही सकता है.

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कहने का मतलब ये है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है. इतना पोकेमॉन खेलेंगी तो बेचारा मनोवैज्ञानिक भी कुछ नहीं कर सकेगा. इन मोहतरमा के लिए फिलहाल तो यही बेहतर है कि वो थोड़े दिन चैन की नींद लें और रही बात कुत्ते की तो बेचारा वो भी तो यही बताने की कोशिश कर रहा है.

लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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