महिलाओं की वो बीमारी जिसे पकड़ने में 7 साल लग जाते हैं !
एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में इस तरह की असामान्य वृद्धि आम तौर पर कूल्हे और अंडाशय के आसपास के हिस्सों में पाए जाते हैं. और यही नहीं इसे नजरअंदाज करने से ये एक सिस्ट यानी ये गांठ का रूप ले सकती है.
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महीने के पांच दिन लड़कियों के लिए भयानक दर्द वाले और अस्त-व्यस्त होते हैं. इन दिनों होने वाला असहनीय दर्द औरतों के जीवन का हिस्सा सा बन जाता है. लेकिन अगर मासिक धर्म के दिनों में होने वाली ऐंठन, दर्द से आप इतनी परेशान हो जाती हैं कि आपकी जिंदगी लगभग ठहर सी जाती है. यहां तक कि दवाओं का भी कोई असर नहीं होता तो फिर सावधान हो जाने की जरूरत है !
वो ऐंठन एक ऐसी बीमारी के लक्षण की चेतावनी हो सकती है जिसके बारे में आपको जानकारी भी नहीं है. जी हां हो सकता है कि वो असहनीय दर्द और ऐंठन एंडोमेट्रिओसिस नामक प्रजनन से जुड़ी बीमारी के कारण हो रहे हों. इसके लक्षणों में पीरियड्स के समय भयंकर दर्द, खून ज्यादा आना, कूल्हे में दर्द, सेक्स के समय और बाद में दर्द, शौचालय जाने पर दर्द, मल में खून आना और थकान शामिल हो सकते हैं.
ये दर्द नहीं आसान
ये किसी के भी साथ हो सकता है-
मूलचंद महिला अस्पताल की महिला और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ बंदना सोढ़ी बताती हैं- 'एंडोमेट्रिओसिस में गर्भाशय के बाहर एक टिश्यू बढ़ जाता है. ये किसी भी महिला के साथ हो सकता है फिर चाहे वो कितनी भी स्वस्थ हो या फिर कितनी ही फिट लाइफस्टाइल को फॉलो करती है.' इसलिए अगर आपको लगता है कि आप सिगरेट नहीं पीती या फिर हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करती हैं और रोजाना व्यायाम करती हैं तो आपको कुछ नहीं होगा तो ये गलतफहमी जल्दी से अपने दिमाग से निकाल दें.
यहां तक की चाहे आपके दोस्त कितना भी कहें कि महीने के उन दिनों इस तरह का दर्द 'नॉर्मल' है तो भी आप उनकी बातों को अनसुना कर दें और डॉक्टर के पास जरुर जाएं. डॉक्टर से इस बात के लिए सलाह लें और तभी तसल्ली से बैठें.
ऐंठन को हल्के ढंग से ना लें-
एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में इस तरह की असामान्य वृद्धि आम तौर पर कूल्हे और अंडाशय के आसपास के हिस्सों में पाए जाते हैं. और यही नहीं इसे नजरअंदाज करने से ये एक सिस्ट यानी ये गांठ का रूप ले सकती है. डॉ. सोढ़ी ने इस रोग के बारे में चेतावनी देते हुए कहा, 'ये गांठ पीरियड्स के समय दर्द को कम करने के साथ-साथ महिलाओं में बांझपन पैदा कर सकता है.'
दर्द हो या नहीं डॉक्टर के पास जाना बंद नहीं करें
बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ हेल्थ, एजुकेशन एंड लाइफ साइंसेज द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक एंडोमेट्रियोसिस के सही पहचान में साढ़े सात साल तक का समय लग सकता है. क्योंकि कई बार किसी रिप्रोडक्टिव बीमारी में एंडोमेट्रियासिस के लक्षण दिखाई दें ये जरूरी नहीं है.
इसलिए, डॉ सोढ़ी का साफ कहना है कि महिलाओं को समय-समय पर जांच के लिए नियमित रूप डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए. ताकि अगर आप इससे पीड़ित हैं तो समय पर इसका इलाज किया जा सके. डॉ सोढ़ी कहती हैं, 'एंडोमेट्रियोसिस को दवाई से ठीक किया जा सकता है या फिर उन्हें सर्जरी के द्वारा हटाया जा सकता है. लेकिन ये सब इस बात पर निर्भर करता है कि एंडोमेट्रियोसिस की पहचान किस स्टेज में हुई है.'
तो अब जब आप ये जान गई हैं तो फिर आगे से सावधान और सतर्क रहें. स्वास्थ्य है तो फिर सबकुछ है.
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