हां, मल से तैयार, 25,000 रुपए किलो वाली कॉफी हमारा भारत ही बेचता है...
कॉफी का गर्म प्याला किसे नहीं पसंद. मगर क्या आप जानते हैं कि भारत ही वो ऐसा देश है जो एक ऐसी कॉफी का निर्माण करता है जो बेहद महंगी है और जिसे न सिर्फ भारतियों बल्कि विदेशियों द्वारा भी हाथों हाथ लिया जाता है.
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काम के तनाव से उपजा सिर दर्द हो, बीती रात की गयी पार्टी का हैंगओवर हो, आसमान से गिरती बारिश की बूंदें हों या दोस्तों के साथ गप शप ये चीजें सम्पूर्ण और इनमें चार चांद तब ही लगते हैं जब कॉफी का एक प्याला सामने हो और उस प्याले से उठ रही महक से आप अपनी इन्द्रियों को तृप्त कर रहे हों. गर्म कॉफी का एक प्याला अपने आप में कमाल होता है. गर्ल फ्रेंड के साथ डेट से लेकर अकेले रातों में जागकर अपने फेवरेट ऑथर की किताब पढ़ने तक ये प्याला आपका भरपूर साथ देता है.
यदि आप गर्मा गर्म कॉफी के शौकीन हैं या फिर आपको कॉफी की महक सुकून देती है तो फिर ये खबर आपके लिए है और इसे पढ़कर न सिर्फ आपको, बल्कि आपकी आपकी आत्मा तक को अच्छा लगेगा. खबर है कि दुनिया कि सबसे महंगी कॉफी की पैदावार हमारे देश भारत में होती है और हमारे देश में उपजी इस कॉफी को पीने के लिए विदेशी मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं.
दुनिया की सबसे महंगी इस कॉफी को सिवेट कैट के मल से तैयार किया जाता हैबात आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि भारत में पैदा होने वाली इस महंगी कॉफी को, दक्षिण भारत के जंगलों में पाए जाने वाले स्तनधारी जीव सिवेट कैट के मल से तैयार किया जाता है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप और इसको सुनकर आपको असहज महसूस करने की भी जरूरत नहीं है. सिवेट कैट के विस्थापित मल से निर्मित इस कॉफी की कीमतों पर बात हो तो इसका मूल्य इतना है कि ये किसी भी आम आदमी को आश्चर्य में डाल सकती है. बताया जाता है कि अपनी तरह की इस विशेष कॉफी को न सिर्फ विदेशियों बल्कि भारतियों द्वारा भी हाथों हाथ लिया जाता है. जहां राष्ट्रीय बाजार में इस कॉफी की कीमत 8000 रुपए किलो हैं तो वहीं जब ये कॉफी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेची जाती है तो इसका मूल्य 20,000 रुपए प्रति किलो से 25,000 रुपए प्रति किलो रहता है.
क्यों है ये कॉफी इतनी महंगी
जाहिर है उपरोक्त लिखी पंक्तियों को पढ़कर आप विचलित हुए होंगे. शायद ये सवाल भी दिमाग में आया हो कि जब इस कॉफी को एक पशु के मल से तैयार किया जाता है तो फिर ये इतनी महंगी क्यों बिकती है. तो आपको बताते चलें कि, इस कॉफी के इतने महंगे होने का कारण इस कॉफी में उपस्थित तमाम तरह के पोषक तत्वों की मात्रा है. मेडिकल साइंस की मानें तो इस कॉफ़ी में ऐसे तमाम तत्व है जो व्यक्ति की गंभीर से गंभीर बिमारियों का निदान कर सकते हैं. दक्षिण भारत स्थित कर्नाटक के कूर्ग और उसके आस पास के हिस्सों तथा keral और तमिलनाडु में उत्पादित इस कॉफी की खास बात ये भी है कि इसे बनाने में एक लम्बा समय लगता है.
सिवेट कैट के मल को जमा कर और संसाधित करने के बाद होता है इस कॉफी का निर्माणकैसे बनती है ये कॉफी
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं ये कॉफी सिवेट कैट के मल से तैयार की जाती है मगर ये पूरा प्रोसेस वैसा नहीं है जैसा आप समझ रहे हैं. ज्ञात हो कि कॉफी बीन्स को दक्षिण के जंगलों में पाई जाने वाली सिवेट कैट द्वारा खूब चाव से खाया जाता है और इस कैट के उत्सर्जन के बाद जगह-जगह से कॉफी लगे इस मल को जमा करके संसाधित कर बेचा जाता है.
कहाँ - कहाँ है इस अनोखी कॉफी की डिमांड
हालांकि इस कॉफी को प्राप्त करने का तरीका थोड़ा अटपटा है मगर इसे इसके अनोखे स्वाद और ढेर सारे पोषक तत्वों के कारण न सिर्फ भारत में बल्कि यूरोप और गल्फ देशों में लोगों द्वारा हाथों हाथ लिया जाता है और इन स्थानों पर लोग इस कॉफी के लिए हद से ज्यादा दीवाने हैं.
बताया जाता है कि इस कॉफी के इतना महंगे होने की वजह इसके हेल्थ बेनिफिट हैंकई बीमारियों के लिए राम बाण है ये कॉफी
जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने इस कॉफी के महंगे होने के पीछे की एक सबसे बड़ी वजह ये भी है कि सिवेट कैट के मल से बनी इस कॉफी को लगातार पीने से कई लाइलाज बीमारियां जल्द ही छू मंतर हो जाती हैं. गौरतलब है कि कॉफी में कई ऐसे तत्व होते हैं जो न सिर्फ थकान और तनाव को कम करते हैं बल्कि रक्त को भी पतला करने का काम करते हैं और इस कॉफी की सबसे खास बात ये है कि सिवेट कैट द्वारा ग्रहण किये जाने के बाद इसमें कई ऐसे तत्व आ जाते हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक माने जाते हैं.
तो अब देर किस बात की, यदि आप खाने पीने के शौकीन हैं और कुछ नया ट्राई करने में आपको गुरेज नहीं है तो हो आइये दक्षिण भारत और इस कीमती कॉफी को पीजिये और खुद अंदाजा लगाइए कि ये कितनी अलग है उस रेगुलर कॉफी से जो अब तक आप पीते चले आए हैं.
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