एक कविता- देश की धरोहर युवा
इस कविता में युवाओं को सफलाता पाने के उपायों और देश के लिए उनकी जिम्मेदारी तथा मन को कंट्रोल करने के बारे मे बताया गया है.
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युवा है इस देश की शान...
युवा है इस देश की जान
नया खून है नई उमंग है,
दिल में नए अरमान
अपना लो पथ ऐसा,
बड़ जाए मात-पिता का मान
युवा...
डगर कठिन है अभी आपकी,
पर लो मन में ठान
अनुशासित हो करो समर्पण,
मंजिल होगी आसान
युवा...
चले समानांतर सब दुनियां में,
इतना रखना ध्यान
सावधान रहो मन अपने से,
ये है बड़ा नादान
युवा...
करो नियंत्रित मन अपने को,
होंगे पूरे अरमान
यदि कठपुतली बन गए मन की,
भटक जाओगे नौजवान
युवा...
रहो अडिग पथ अपने पर,
कर मात पिता का ध्यान
आस लगाए सब बैठे हैं,
रखलो उनका मान
युवा...
आज छात्र हो कल बनोगे,
तुम नागरिक महान,
अपने देश का मान बढ़ाओ,
रहकर निष्ठावान
युवा...
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