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संस्कृति
| 6-मिनट में पढ़ें
सैयद तौहीद
@8187076694635826
होली के निराले त्योहार को लेखकों ने कुछ ऐसे व्यक्त किया...
होली तमाम दायरों को तोड़ने की ताकत रखने वाला पर्व है. एक दूसरे की संस्कृति को गहराई में उतर कर देखने पर समावेश को महसूस किया जा सकता है. होली सामाजिक समावेश के अनोखे त्योहार के रूप में देखी जाती है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
तृषा वर्मा
जानिए गुप्त नवरात्रि क्या है, जो 22 जनवरी से शुरू हो चुकी है?
Gupt Navratri 2023: क्या आप जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि आम नवरात्रि से कैसे अलग होती है? हमारे हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है. लोग अपनी आस्था अनुसार 9 दिनों का व्रत रख शक्ति देवी के नौ रुपों की पूजा करते हैं.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
Udayvir Singh
एक कविता- देश की धरोहर युवा
इस कविता में युवाओं को सफलाता पाने के उपायों और देश के लिए उनकी जिम्मेदारी तथा मन को कंट्रोल करने के बारे मे बताया गया है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
उपासना बेहार
Savitribai Phule Birth Anniversary: अभी भी अधूरा है सावित्री बाई फुले का सपना!
सावित्रीबाई फुले के प्रयासों के चलते हमारे देश में महिलाओं को शिक्षा मिलने की शुरुआत हुई. लेकिन इतने सालों बाद आज भी बच्चियां शिक्षा के मामले में पिछड़ी और वंचित हैं. इसके पीछे कई कारण हैं जो आज भी अनवरत जारी हैं.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
Mitali Ahuja
कविता: ज़िंदगी भी गणित की एक मास्टर है...
क्या ज़िंदगी भी गणित के उलझे या अनसुलझे सवालों की तरह है? क्या जीवन में भी पाने और खोने का हिसाब रखना पड़ता है. आइये एक कविता के जरिये इन तमाम सवालों के जवाब तलाश करने की कोशिश की जाए.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
साहिर पाकिस्तान से सिर्फ इसलिए लौटे क्योंकि वहां 'हिंदू' नहीं थे...
मुल्क़ बंटकर आज़ाद हुआ. साहिर लाहौर में थे. लेकिन खुश नहीं. यह शहर अब एक नये देश का हिस्सा था. जिसमें विविधता नहीं थी. एक धर्म था. एक मत. एक जैसे सोच विचार के लोग. सबसे बढ़कर यहां हिंदू नहीं थे. उन्हें ऊब हुई. वे लौट आए दिल्ली.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
प्रियंका गांधी ने कविता चोरी कर चुनावी स्वार्थ साधा, रचयिता ने फेल कर दिया!
प्रियंका गांधी वाड्रा चित्रकूट थीं जहां उन्होंने महिला कार्ड खेलते हुए 'उठो द्रौपदी शस्त्र संभालो' पंक्ति का उद्घोष किया. प्रोग्राम अच्छा हुआ. प्रियंका को प्रोग्राम के जरिये वो पब्लिसिटी हासिल हुई जिसकी वो तलबगार थीं. लेकिन प्रियंका का एक कविता के जरिये भाजपा पर यूं इस तरह हमला करना कविता लिखने वाले कवि को रास नहीं आया है और उन्होंने आपत्ति दर्ज की है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Viral poem छोड़िए कल शाहरुख के फैंस उन्हें फरिश्ता बता दें तो भी लोग कहेंगे वाह दद्दा, सहमत!
आर्यन खान ड्रग्स केस के बाद वायरल हो रही अखिल कत्याल की कविता पर हैरत कैसी? कल की डेट में शाहरुख के फैंस उन्हें फरिश्ता भी कह दें तो दूसरे समर्थक यही कहेंगे कि वाह दद्दा क्या कह दिया. सहमत. यदि आज्ञा हों तो इसे फेसबुक पर शेयर कर लूं ?
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
जब तक ज़िंदा है, जीने की ख्वाहिश और ज़िंदा हैं सपने... तब तक पाश ज़िंदा रहेंगे!
जब तक निक्कियों के ब्याह में गिरवी रखी जाती रहेगी ज़मीन. और नागरिकता बचाए रखने के लिए बेचा जाता रहेगा ज़मीर. जब तक देश आत्मा की बेगार का कोई कारख़ाना है. उल्लू बनने की प्रयोगशाला है. जब तक प्रेमियों के चुंबन प्रेमिका का चेहरा खूबसूरत बनाते रहेंगे. और आलिंगन उनके शरीर को सांचे में ढालते रहेंगे. जब तक ज़िंदा है जीने की ख्वाहिश और ज़िंदा हैं सपने. तब तक पाश ज़िंदा रहेंगे.