Viral poem छोड़िए कल शाहरुख के फैंस उन्हें फरिश्ता बता दें तो भी लोग कहेंगे वाह दद्दा, सहमत!
आर्यन खान ड्रग्स केस के बाद वायरल हो रही अखिल कत्याल की कविता पर हैरत कैसी? कल की डेट में शाहरुख के फैंस उन्हें फरिश्ता भी कह दें तो दूसरे समर्थक यही कहेंगे कि वाह दद्दा क्या कह दिया. सहमत. यदि आज्ञा हों तो इसे फेसबुक पर शेयर कर लूं ?
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वो कभी राहुल है, कभी राज
कभी चार्ली तो कभी मैक्स
सुरिंदर भी वो, हैरी भी वो
देवदास भी और वीर भी
राम, मोहन, कबीर भी
वो अमर है, समर है
रिजवान, रईस, जहांगीर भी
शायद इसलिए कुछ लोगों के हलक में फंसता है
कि एक शाहरुख में पूरा हिंदुस्तान बसता है.
उपरोक्त पंक्तियों को यूं ही वाहवाही लूटने के उद्देश्य से तुकबंदी में लिखा गया या फिर शायर/ कवि अखिल कत्याल ने अपनी इस रचना को शायरी/ कविता के 'मीटर' के पैमाने पर रखा? जवाब तो वही दे पाएंगे. मगर इन पंक्तियों पर जैसा फैंस या ये कहें कि शाहरुख समर्थकों का रुख है, जैसी उम्मीद कवि को थी वही हुआ. आम आदमी तो आम आदमी कविता के बाद अखिल से स्वरा भास्कर, नीरज घायवान, कनिका ढिल्लन जैसे लोग बस यही कहते पाए जा रहे हैं कि, वाह- वाह क्या कह गए दद्दा. खूब कही दद्दा. आपने तो कलम तोड़ के अरब सागर में ही बहा दी दद्दा.
शाहरुख खान को लेकर एक कविता वायरल हुई है जिसमें अपनी लेखनी से कवी ने कलम को तोड़ कर रख दिया है
हां भइया मुंबई ड्रग केस में आर्यन की गिरफ्तारी के बाद जब हर टॉम, डिक एंड हैरी शाहरुख खान को लथेड़ रहा हो. अखिल की ये कविता उन तमाम शाहरुख फैंस के लिए मई जून की गर्मी में बर्फ पड़ी शिकंजी है, किसी फूडी के लिए एक्स्ट्रा चीज पिज्जा है, समोसे में पड़ी खट्टी मीठी चटनी है जो अपने फेवरेट सितारे यानी किंग खान की दुर्दशा पर छाती पीट रहे थे.
कविता को जैसा ट्रीटमेंट दिया गया है, ये बात किसी से छुपी नहीं है कि क्यों अखिल को ये नज्म लिखने की सूझी. जाहिर है सोशल मीडिया के इस युग में हर व्यक्ति दिखास, छपास, सुनास का भूखा है. अखिल भी होंगे और उनपर अल्लाह मेहरबान हो गया. उनकी मेहनत काम आई. कविता इंटरनेट पर वायरल हो गयी है.
— Akhil Katyal (@AkhilKatyal) October 11, 2021
अब क्योंकि पंक्तियां सोशल मीडिया पर फैल चुकी है तो चाहे वो शाहरुख खान के समर्थक हों या फिर उनके विरोधी हर व्यक्ति अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार कवि की उपरोक्त कल्पना को साझा कर रहा है.
कविता वायरल है लेकिन इसपर सबसे दिलचस्प रुख स्वरा नीरज और कनिका जैसे लोगों का है जो हर बात को मुखर होकर कहते हैं और अपने एन्टी गवर्नमेंट स्टैंड के लिए जाने जाते हैं ( इस बात को पढ़िए. फिर स्वरा का तसव्वुर कीजिये) विषय एकदम सीधा और शीशे की तरह साफ है.
कोई भी व्यक्ति जो ये कह रहा है कि वो शाहरुख के साथ आर्यन मामले में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है दरअसल शाहरुख के साथ है ही नहीं. इसे ऐसे समझिये कि हर आदमी का अपना अलग टंटा है, अपनी तरह का अलग एजेंडा है.
?✨ @iamsrk https://t.co/uFBF1R9UCT
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 11, 2021
यानी आज शाहरुख हताशा से भरे लोगों के लिए वो कंधा हैं जिसपर जिसके पास जैसा असलहा है वो वैसे फायर कर रहा है. चूंकि सारा रायता अखिल की इस वायरल हुई कविता के बाद फहला है तो ज्यादा इधर उधर क्या ही जाना. बेहतर है मुद्दे पर रहा जाए और मुद्दे पर रहकर ही तमाम बातों को किया जाए. प्रश्नों को उठाया जाए.
अब जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को क्लियर कर चुके हैं कि आज का युग सोशल मीडिया का वो युग है जहां हर इंसान दिखास, छपास का भूखा है तो जब अखिल एक गलत चीज के समर्थन के बावजूद शाहरुख की शान में कसीदे गढ़ रहे होंगे तो जो पहला विचार उनके दिमाग में कौंधा होगा वो ये कि यही वो चीज है जो उन्हें सोशल मीडिया सेलिब्रिटी बनाएगी. अखिल ने कविता पोस्ट की और वही हुआ जिस उद्देश्य से उन्होंने कविता रची थी.
बहरहाल घूम फिर कर मुद्दा वहीं आता है कि एक नागरिक के रूप में हमें अखिल की ये कविता और इसे शेयर करते समर्थकों को देखकर बिल्कुल भी हैरत में नहीं आना चाहिए. ज़िन्दगी और सोशल मीडिया का क्या ही भरोसा. हो सकता है कल की डेट में कोई दीवाना फैन आए और और वो शाहरुख खान को न केवल फरिश्ता बता दे बल्कि अनाप-शनाप तर्कों के सहारे सिद्ध भी कर दे.
यकीन जानिये यदि स्थिति ऐसी होती है या फिर भविष्य में कुछ ऐसा देखने को मिलता है. तो बड़ी बात नहीं है कि हम शाहरुख फैंस को उस आदमी से ये कहते सुन लें कि वाह दद्दा क्या कह दिया. पूर्णतः सहमत. इसे फेसबुक पर शेयर करने की आज्ञा और अपना नंबर दीजिये. मैं आपसे व्यक्तिगत मिलकर इसपर चाय संग चर्चा करना चाहूंगा.
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