एक महिला खिलाड़ी की सशक्त तस्वीर भी बर्दाश्त नहीं कर सका समाज
सेलिब्रिटीज की तस्वीरों पर लोग अश्लील कमेंट्स करते हैं. पर हैरानी होती है लोगों की गंदी सोच पर जो एक महिला खिलाड़ी के कपड़ों में भी अश्लीलता खोज लेती है. ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉलर Tayla Harris की तस्वीर पर हुआ विवाद बेहद शर्मनाक है.
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खिलाड़ियों की कुछ तस्वीरें ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर आप उनकी मेहनत का अंदाजा लगा सकते हैं. ये तस्वीरें लोगों के लिए प्रेरणा होती हैं. शक्ति की प्रतीक होती हैं. अब इस तस्वीर को देखिए और अंदाजा लगाइए कि इस खिलाड़ी ने ये किक मारने के लिए कितनी प्रैक्टिस की होगी.
ये बेहद सशक्त तस्वीर ऑस्ट्रेलिया की फुटबॉल खिलाड़ी Tayla Harris की है. एक महिला होने के नाते मुझे ये तस्वीर बेहद सशक्त नजर आती है. मैं खेलों में बहुत रुचि न रखते हुए भी इस तस्वीर की प्रशंसा करने से खुद को रोक नहीं पा रही. लेकिन अफसोस ये है कि खेलों को करीब से समझने और रुचि रखने वाले कुछ लोगों ने इस तस्वीर में खिलाड़ी के जज्बे को न देखकर कुछ और देखा. और ये तस्वीर विवादों में आ गई.
इस तस्वीर का विवादों में आना बताता है कि समाज किस दिशा में सोचता है
टायला ऑस्ट्रेलिया फुटबॉल लीग की खिलाड़ी हैं और खेल के दौरान हैरिस ने अपनी पूरी जान लगाकर अपना पहला गोल किया. ये प्रभावशाली तस्वीर उसी क्षण की है. एक न्यूज़ चैनल ने इस तस्वीर को चुनकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया. लेकिन लोगों ने तस्वीर पर अश्लील कमेंट्स की ऐसी बौछार की कि इस खिलाड़ी के हौसले को तोड़ डाला.
हैरिस को यूं लगा जैसे सोशल मीडिया पर उनके साथ 'यौन शोषण' किया गया. सोचकर देखिए क्या गुजरी होगी अस इस महिला खिलाड़ी पर जो अपने देश के लिए खेलती है और उसी देश के लोग उसपर गंदे कमेंट्स करने से बाज नहीं आते.
हैरिस खेल के मैदान में थीं, न कि रैंप पर
हमने हमेशा देखा है कि सेलिब्रिटीज की तस्वीरों पर लोग अश्लील कमेंट्स करते हैं. खासकर जब कपड़े थोड़े छोटे होते हैं. मॉडल्स अपना काम करती हैं, लेकिन लोग उनमें अश्लीलता खोजते हैं. पर हैरानी होती है लोगों की गंदी सोच पर जो एक महिला खिलाड़ी के कपड़ों में भी अश्लीलता खोज लेती है. वो महिला जो कोई मॉडल या सेलिब्रिटी नहीं बल्कि ग्लैमर वर्ल्ड से दूर रहने वाली, पसीना बहाने वाली और जी जीन लगाकर सिर्फ फुटबॉल खेलने वाली एक खिलाड़ी है. जाहिर है हैरिस खेल के मैदान में सिर्फ खेल खेलने आई थीं, न कि छोटे कपड़े पहनकर ग्लामरस दिखने. पर लोगों ने उनपर उंगली उठाकर उनका बहुत अपमान किया.
और तब अपमान और बढ़ गया...
यहां तक भी होता तो समझ में आता. लेकिन जब इस न्यूज चैनल ने इस पेस्ट पर अश्लील कमेंट्स की बौछार देखी तो उन्होंने बजाए गंदे कमेंट्स डिलीट करने के, हैरिस की तस्वीर ही डिलीट कर दी. जिससे अपमान का लेवल थोड़ा और बढ़ गया. और दुनिया के सामने गलत संदेश गया. संदेश ये कि लोग सही थे, तस्वीर ही गलत थी.
इस चैनल का फोटो डिलीट करने पर बहुत से खिलाड़ियों ने चैनल की समझ पर सवाल खड़े किए. कमेंट्स की वजह से जो भी नुकसान हैरिस को हुआ वो फोटो डिलीट करने से कई गुना और बढ़ गया था.
ऑस्ट्रेलिया के पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी ओ'डॉयर का कहना था कि- 'हैरिस एक सुपर स्टार हैं. उनके टैलेंट और उत्कृष्ट खेल भावना के लिए उनकी भी उतनी ही प्रशंसा होनी चाहिए जितना कि किसी भी पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी की'
हालांकि बाद में चैनल को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने दोबारा वो तस्वीर पोस्ट की- एक माफीनामे के साथ. उन्होंने लिखा कि - 'हमें खेद है. फोटो को हटाने से गलत संदेश गया है. पोस्ट पर किए गए कई कमेंट्स बेहद निंदनीय थे और हम पूरी कोशिश करेंगे कि अपने पेज पर ऐसे ट्रोल्स को बैन कर सकें. हमारा उद्देश्य टायला हैरिस के अविश्वसनीय खेल को हाइलाइट करना था और हम महिला फुटबॉल को हमेशा सहारते रहेंगे.'
इस यौन शोषण के खिलाफ सब हैरिस के साथ
हैरिस भी इल चैनल के रवैये से नाराज रहीं. उनका कहना था कि- 'मैं चैनल के इस प्रतिक्रिया से बहुत निराश हुई, ट्रोल से निपटने के बजाए उन्होंने तस्वीर ही डिलीट कर दी'. लेकिन तब हैरिस ने वही तस्वीर अपने ट्विटर पर शेयर की और कहा- 'मेरी ये तस्वीर मेरे काम के दौरान की है...कमेंट्स करने से पहले इस बारे में सोच लेना जानवरों.'
हैरिस के लिए ये ट्रोल्स जानवरों से कम नहीं
इस खिलाड़ी के साथ हुआ ये अनुचित व्यवहार ऑस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया में वैचारिक बहस का मुद्दा बन गया. हैरिस के पक्ष में कई महिलाएं और खिलाड़ी थे. ये मामला एक महिला खिलाड़ी की अस्मिता का था, तो ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन भी खुद को रोक नहीं सके. उन्होंने भी हैरिस का साथ देते हुए ट्रोल्स को फटकार लगीई और कहा कि 'ये लोग कीड़े मकोड़ों की तरह हैं और कायर हैं. इन्हें जगने की जरूरत है.'
हारिस सिर्फ फुटबॉलर नहीं, एक शानदार बॉक्सर भी हैं
खेलों में महिला और पुरुष खिलाड़ी भले ही बराबर का पसीना बहाते हों, बराबर की मेहनत करते हों, लेकिन इस क्षेत्र में भी समाज का डबल स्टैंडर्ड साफ दिखाई देता है. पुरुष खिलाड़ी खेल खेलते वक्त, पैरा खोलकर जब पूरी ताकत से ऐसी किक लगाते हैं तो लोग उसपर तालियां बजाते हैं. लेकिन वही जोश अगर एक महिला अपने खेल में दिखाती है तो लोग उसमें खेल नहीं अश्लीलता खोजते हैं. वो उस समय आलोचक बन जाते हैं, और समाज और संस्कृति की बातें करते हैं. महिला और पुरुष के बीच फर्क हर जगह होता है, खेल के मैदान में भी. लेकिन ये तस्वीरें जिनपर कमेंट करके लोग अपने गंदी मानसिकता का परिचय देते हैं, यही पुरुषों के अहम को तोड़ती हैं. तो फख्र है हमें हैरिस पर और उनके खेल पर.
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