वाह Mary Kom, तुमने भारत ही नहीं पूरे विश्व को जय हिंद बोलने पर मजबूर कर दिया!
वाह मेरी कॉम ! कोलंबिया की विक्टोरिया इनग्रिट वेलेंसिया से हुए मुकाबले में भले ही मेरी कॉम ने हार का मजा चखा हो मगर ये मैच ऐसा है जिसे दुनिया के हर खिलाड़ी को बार बार देखना चाहिए. रिंग में जो मेरी कॉम ने कर दिया है ख़ुद ब ख़ुद मुंह से निकल जाएगा भारत की बेटी ने तो बस कमाल कर दिया... जय हिंद.
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हुए होंगे टोक्यो ओलंपिक में एक से एक मुलाबले. आए होंगे एक से बढ़कर एक खिलाड़ी. चला होगा शय और मात का खेल बनाई गई होंगी रणनीतियां लेकिन जो इस टोक्यो ओलंपिक ने भारत की तरफ से देखा है वो इतिहास में दर्ज हो गया है. और अगर इसके लिए किसी को क्रेडिट जाता है तो वो और कोई नहीं बल्कि बॉक्सर मैरी कॉम हैं. आप कहेंगे कि मैरी कॉम तो अपना मैच हार गयीं थीं फिर कैसे इतिहास लिखा गया? तो आपकी बात भी शत प्रतिशत सच है. महिला फ्लायवेट स्पर्धा की 51 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सुपर मॉम एमसी मैरी कॉम भले ही कोलंबिया की मुक्केबाज विक्टोरिया इनग्रिट वेलेंसिया से हार गईं हों और भारत की पदक की उम्मीद धरी की धरी रह गई हो लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन और मैच के बाद जैसा एटीट्यूड मैरी का रहा ये कहना गलत नहीं है कि, वाह मैरी कॉम! तुमने भले ही हार का मजा चखा हो मगर तुम्हारा मैच ऐसा था जिसे दुनिया के हर खिलाड़ी को बार बार देखना चाहिए. तुमने रिंग में जो हर दिया है मुल्क कोई भी हो आदमी मजबूर हो जाएगा 'कहने के लिए कि उम्र के इस पड़ाव में भी भारत की बेटी ने कमाल कर दिया. जय हिंद.
हार के बावजूद जो मैरी कॉम ने रिंग में किया है उससे भारत का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है
नहीं ये बातें हम राष्ट्रवाद की हांडी में पकाकर नहीं कह रहे वाक़ई मैरी ने अपने आखिरी मैच में कुछ इस तरह का प्रदर्शन किया है कि पूरा टोक्यो ओलंपिक 2021 और उसके अंतर्गत हुए खेल एक तरफ मैरी का कोलंबियाई खिलाड़ी से हुआ मुकाबला एक तरफ.
मैच में कैसा रहा मैरी का प्रदर्शन
बताते चलें कि मैच प्री क्वार्टर फाइनल मैच में कोलंबियाई बॉक्सर ने भारतीय बॉक्सरएमसी मैरी कॉम को 3-2 से हराया. अपने मैच के पहले राउंड में वेलेंसिया के पक्ष में 5 में से 4 जजों ने फैसला सुनाया था. जिस तरह का आक्रामक मैच दोनों खिलाड़ियों के बीच हुआ इसे राउंड को मैच का टर्निंग पॉइंट कहना कहीं से भी गलत नहीं है.
#Boxing #Tokyo2020 What a bout! Mary Kom loses to Valencia but it could not have been any closer.30-2729-2827-3029-2828-29That is how the judges scored it. Someone tell Mary that Paris isn't far away. She boxed so well. pic.twitter.com/sUqBjxYcKS
— Ashish Magotra (@clutchplay) July 29, 2021
बात गेम की हो तो चूंकि तजुर्बा और उम्र दोनों ही मैरी कॉम के ज्यादा थे उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया. चाहे अटैक हो या फिर डिफेंस मैरी कॉम ने जैसा खेला है उसने इस बात की तस्दीख कर दी है कि परफेक्शन, फिटनेस से कहीं ज्यादा प्रैक्टिस से आता है.
अपनी प्रतिद्वंद्वी को जो मुक्के मैरी कॉम ने लगाए उनका कोई तोड़ कोलंबिया की विक्टोरिया इनग्रिट वेलेंसिया के पास नहीं था. मैच में कई मौके ऐसे भी आए जिन्हें देखकर महसूस हुआ कि मुकाबला एकतरफा है और मैरी बड़ी ही आसानी से मैच जीतकर पदक के और करीब पहुंच जाएंगी.
What an Olympic journey for Mary Kom over the years. What a champion. If there’s one Indian athlete I’d want in my corner, it’s got to be Queen Kom. Thanks for the memories, legend.
— Indranil Das Blah (@indranildasblah) July 29, 2021
लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था मैरी 1 पॉइंट से मैच हार गईं. ध्यान रहे 6 बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम से पूरे देश को बहुत उम्मीदें थीं. भले ही मैरी इस मैच को हार गईं हों लेकिन उनके खेल ने बता दिया कि भले ही मैच का विजेता कोलंबिया से निकला हो लेकिन रिंग की बाजीगर मैरी ही थीं.
इमोशनल था वो पल जब मैरी की हार की घोषणा हुई.
ऐसा बिल्कुल नहीं था कि गेम के दौरान कोई ऐसा मौका आया हो जब मैरी ने अपनी ग्रिप ढीली की हो और कोलंबियाई खिलाड़ी को उनपर चढ़ाई करने का मौका मिला हो. मैच की शुरुआत से लेकर खात्मे तक मैरी का अटैक और डिफेंस दोनों ही बेमिसाल था. मगर चूंकि उम्दा खेल के बावजूद मैरी के मुकद्दर में हारना लिखा था वो हार गईं और जब उनकी हार घोषित हुई उनका मुंह देखने वाला था.
What a bittersweet moment. Mary Kom loses 3-2 to Ingrit Valencia of Colombia. I first thought Mary misheard the verdict when she raised her hand. Only she knows how tough making the Olympics for one final dance, as a 38 year old mom of 4 was. Truly the grand dame of Indian boxing
— jonathan selvaraj (@jon_selvaraj) July 29, 2021
किसी जीतते हुए खिलाड़ी, वो भी जो 6 बार का वर्ड चैंपियन रह चुका हो उसे हारते हुए देखना पत्थर पिघला कर मोम करने का सामर्थ्य रखता है.
वो पल जब मैरी हार कर भी बाजीगर बन गयीं
अमूमन बॉक्सिंग जैसे खेल को जोकि एक आक्रामक खेल है, के विषय में यही कहा जाता है कि यहां हारना अपमान तुल्य माना जाता है लेकिन जब हम मैरी के मुकाबले और उनकी हार को देखें और उसका गहनता से अवलोकन करें तो मैरी ने अपने गेम की बदौलत एक साथ कई मिथकों पर करारा मुका जड़ा है और उन्हें धाराशाही किया है.
What a fight Mary Kom !!! Could have gone either way .. thanks for the entertainment champ ?? heartbroken ? #Boxing #IndiaAtTokyo2020 #MaryKom pic.twitter.com/lUbYJtMoKw
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) July 29, 2021
मैरी के मैच के वो अंति म कुछ मिनट ऐतिहासिक हैं और ये ऐतिहासिक क्यों हैं इस कथन के लिए हमारे पास माकूल वजहें मौजूद हैं. हार की घोषणा के बाद जिस तरह मैरी कोलंबियाई खिलाड़ी के गले लगीं, जिस तरह खुद मैरी ने उन्हें विजेता घोषित किया जैसे उन्होंने जजों और मैच रही जनता का अभिवादन किया यकीन ही नहीं होता कि मैरी कॉम के कद का कोई खिलाड़ी इस तरह इतना भी हम्बल हो सकता है.
#MaryKom may have lost but her plucky performance & graceful acceptance of defeat was heart-winning. And an education. This is the mettle & character that defines gr8 sportspersons. As a nation we owe Mary everlasting gratitude: for trail she’s blazed, legacy she leaves behind
— Cricketwallah (@cricketwallah) July 29, 2021
हार गयीं हो तो क्या? ये कहना हमारे लिए कहीं से भी अतिश्योक्ति नहीं है कि एक खिलाड़ी के तौर पर एमसी मैरी कॉम ने महफ़िल तो ठीक उसी वक़्त लूट ली थी जब उन्होंने हंसते मुस्कुराते हुए कोलंबिया की मुक्केबाज विक्टोरिया इनग्रिट वेलेंसिया को खुद विनर घोषित किया था. वैसे मौके खेल के इतिहास और मैदान दोनों में कम ही आते हैं. कह सकते हैं कि अपने इस गेस्चर से मैरी ने खेल जगत में हारने के बावजूद एक नया अध्याय लिखा है.
भले ही हए मैच मैरी के बॉक्सिंग करियर का आखिरी मैच रहा हो लेकिन मैरी ने जो कर दिया है उससे न केवल पूरे देश को उनपर गर्व है. बल्कि उन्होंने अपने बर्ताव से ये भी सन्देश दे दिया है कि एक खिलाड़ी को कैसा होना चाहिए. देश की इस बेटी के अंदाज पर देश को नाज है. हो सकता है इतनी नेकदिल मैरी को देखकर कोई विदेशी खिलाड़ी मन ही मन बोल बैठा हो जय हिंद
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