भारत में भी आ गया 'गुलाबी' क्रिकेट
बीसीसीआई ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच अक्टूबर में होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान डे-नाइट टेस्ट कराने के लिए कमर कस ली है. बोर्ड इसके हर नफे नुकसान को परखने की कवायद में जुटा हुआ है.
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अगर आपको क्रिकेट से है प्यार तो टेस्ट क्रिकेट से भला इनकार कैसे कर सकते हैं, और जब टेस्ट क्रिकेट भी रंगीन हो जाए तो मजा भी डबल होना लाजमी है.
ईडेन गार्डन्स में पिंक गेंद के साथ पहला डे-नाइट मैच
भारत में पिंक बॉल के साथ डे नाइट टेस्ट की तैयारी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक ईडेन गार्डन्स को चुना गया है
ईडेन गार्डन्स में पहला प्रयोग |
भारत में डे-नाइट टेस्ट का काउंटडाउन
बीसीसीआई ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच अक्टूबर में होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान डे-नाइट टेस्ट कराने के लिए कमर कस ली है. बोर्ड पिंक बॉल से डे नाइट टेस्ट का आयोजन करने से पहले हर नफे नुकसान को परखने की कवायद में जुट गया है. भारत में पिंक गेंद से खेले जाने वाले पहले डे-नाइट टेस्ट की मेजबानी टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मैदान कर रहा है. बतौर प्रयोग ईडेन गार्डन्स में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल यानी कैब के लोकल टूर्नामेंट के सुपरलीग का फाइनल खेला जाएगा.
18-21 जून के बीच डे-नाइट का ये मुकाबला होगा
पिंक बॉल से भारत में पहला डे-नाइट टेस्ट अक्टूबर में होगा लेकिन उससे पहले कंडिशन्स के हिसाब से इसे ढालने के लिए कई कोशिशें की जा रही है. ऐसे हो रही है भारत में पहले डे-नाइट टेस्ट की तैयारी-
- कोलकाता में कैब के सुपरलीग फाइनल के बाद दलीप ट्रॉफी के दौरान पिंक बॉल से डे-नाइट मैच खेले जाएंगे...
- बीसीसीआई की कोशिश है कि इसमें भारत के तमाम बड़े खिलाड़ी खेलें
- सबके फीडबैक के बाद डे-नाइट टेस्ट की तैयारियों पर आखिरी मुहर लगेगी
डे-नाइट टेस्ट की चुनौतियां
दरअसल पिंक गेंद कौन सी हो इसको लेकर बोर्ड काफी माथपच्ची कर रहा है. कुकाबूरा का पहला विकल्प तो है ही साथ ही टेक्नीकल कमेटी के हेड सौरव गांगुली ने ड्यूक की पिंक गेंदों को भी आजमाने के लिए कहा है. वैसे, अब तक क्रिकेट इतिहास में सिर्फ एक ही डे-नाइट टेस्ट खेला गया है जो पिछले ही साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड में हुआ था. उस टेस्ट मैच में 3 दिन में ही ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हरा दिया था तब कई खिलाड़ियों ने पिंक गेंद ठीक से ना दिखाई देने की शिकायत की थी.
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हालांकि डे-नाइट टेस्ट को लेकर क्रिकेटप्रेमी काफी उत्साहित हैं और अब चुनौती बीसीसीआई के सामने है कि वो डे-नाइट टेस्ट के दौरान पिंक बॉल से होने वाली दिक्कतों का भारत के कंडिशन्स के साथ कैसे तालमेल बिठाएं
पिंक गेंद रात में ज्यादा स्विंग होती है..
भारत में ओस एक बड़ा फैक्टर है. एडिलेड टेस्ट में पिंक गेंद के लिए ज्यादा घास छोड़ी गई थी. मगर भारत में ज्यादा घास छोड़े तो फिरकी गेंदबाज बेअसर हो जाएंगे. सपने को जमीन पर उतारने की चुनौती आसान तो नहीं है लेकिन पिंक गेद से डे-नाइट टेस्ट देखना भारतीय दर्शकों के लिए किसी सपने के पूरा होने से कम भी नहीं है.
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