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Updated: 29 जुलाई, 2018 03:28 PM
बिजय कुमार
बिजय कुमार
  @bijaykumar80
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भारतीय टीम फ़िलहाल इंग्लैंड के दौरे पर है जहां दोनों टीमों के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज होनी है. इस टेस्ट सीरीज का आगाज एक अगस्त से होगा. भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गयी आखिरी 6 टेस्ट सीरीज के नतीजे देखें तो दोनों ही टीमें 3-3 की बराबरी पर हैं. जिसमें खास बात ये रही है कि दोनों ही टीमें अपनी-अपनी जमीं पर मजबूत दिखीं हैं लेकिन दोनों ने आखिरी छह सीरीज में से एक-एक बार एक दूसरे कि जमीं पर जीत दर्ज की है. भारत ने साल 2007 में इंग्लैंड की धरती पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में से एक मैच जीता था और दो मैच ड्रा हुए थे, जिससे भारत ये सीरीज 1-0 से जीतने में कामयाब हुआ था तो वहीं साल 2012 में भारत आयी इंग्लैंड की टीम ने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में से 2 मैच जीते थे और 1 मैच भारत जीता था जबकि एक मैच ड्रा हुआ था जिससे इंग्लैंड ये सीरीज 2-1 से जीत गया था.

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दोनों देशों के बीच आखिरी टेस्ट सीरीज 2016 में भारत में खेला गया था, जिसे भारत ने 4-0 से जीत लिया था. बता दें कि इस सीरीज में भारतीय स्पिनर्स आर. आश्विन और रविंद्र जडेजा ने कमाल की गेंदबाजी की थी. इन दोनों ने 5 मैचों में कुल 54 विकेट लिए थे, लेकिन जब भारतीय टीम इससे पहले 2014 में इंग्लैंड के दौरे पर गई थी तब उसे 3-1 से हार मिली थी. भारतीय टीम की हार का एक कारण स्पिनर्स का नहीं चलना भी था, उस दौरे पर आश्विन दो मैच खेल पाए थे, जिसमें उन्हें मात्र 3 विकेट मिले थे, जबकि जडेजा ने चार मैचों में 9 विकेट लिए थे.

एक बात तो साफ है कि अगर भारत को इंग्लैंड में अच्छा करना है तो उसके स्पिनर्स को वहां अच्छा प्रदर्शन करना होगा और टीम पहले टेस्ट में भी कुछ ऐसा करना चाहेगी, ताकि इस दौरे पर वो मानसिक रूप से इंग्लैंड पर हावी हो सके जैसा हमने इस दौरे के शुरू में देखा था कि कैसे इंग्लैंड के बल्लेबाज ट्वेंटी-ट्वेंटी मुकाबलों में कुलदीप यादव को नहीं समझ पाए थे, जिससे टीम ने ट्वेंटी-ट्वेंटी सीरीज जीत ली थी, लेकिन इंग्लैंड ने वनडे मुकाबलों में वापसी कर सीरीज जीत ली जिसमें एक बड़ी वजह थी जो रूट की बेहतरीन बल्लेबाजी जो कुलदीप को बहुत अच्छे से पढ़ पा रहे थे. बता दें कि कुलदीप यादव पहली बार इंग्लैंड दौरे पर गए हैं, जिन्हें ट्वेंटी-ट्वेंटी और वनडे सीरीज में बेहतरीन गेंदबाजी के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है. कप्तान विराट कोहली ने भी उनकी तारीफ की है और कहा है कि वो टेस्ट टीम के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे है. लेकिन अगर कुलदीप को खेलने का मौका मिलता है तो ये टेस्ट सीरीज उनके लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है. वैसे जिस तरह से आखिरी वनडे में जो रूट और मॉर्गन ने स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी कि थी उससे ऐसा लग रहा है कि कुलदीप से पहले दोनों सीनियर स्पिनर्स को टीम में शामिल किया जा सकता है.

अश्विन और जडेजा को इंग्लैंड के खिलाफ उनकी धरती पर खेलने का अनुभव है साल 2014 में आर अश्विन पहली बार इंग्लैंड दौरे पर महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में खेलने गए थे लेकिन इंग्लैंड जाकर उनकी गेंदबाजी में धार नहीं देखने को मिली थी यही वजह है कि उन्हें पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में से सिर्फ दो टेस्ट में खेलने का मौका मिला जिनमें वो केवल 3 विकेट ले पाए थे लेकिन एक अच्छी बात रही कि वो इस दौरे पर एक अच्छे निचले क्रम के बल्लेबाज के तौर पर उभर कर आये. उन्होंने 58 टेस्ट मैचों में कुल 316 विकेट चटकाए हैं. वहीं रविंद्र जडेजा ने तब खेली गयी सीरीज में गेंदबाजी में अश्विन से बेहतर प्रदर्शन किया था. पांच में से उन्हें चार मैचों में खेलने का मौका मिला जिनमें उन्होंने कुल 9 विकेट चटकाए. ये उनका बेहतर प्रदर्शन ही था जिससे कप्तान ने उन्हें ज्यादा मौके दिए थे. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 36 टेस्ट मैचों में कुल 171 विकेट अपने नाम किये हैं.

कह सकते हैं कि भारत को अगर इंग्लैंड में अच्छा करना है तो उन्हें इंग्लैंड के 20 विकेट आउट करने होंगे जिसमें स्पिनर्स अहम भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि इंग्लैंड के ज्यादातर बल्लेबाज स्पिन को खेलने में परेशान दिखते हैं जैसा कि हमने इसी दौरे पर ट्वेंटी-ट्वेंटी और वनडे फॉर्मेट में देखा था.

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लेखक

बिजय कुमार बिजय कुमार @bijaykumar80

लेखक आजतक में प्रोड्यूसर हैं.

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