माही के फैन्स इसलिए हैं दुखी, जानिए ये हैं 5 वजह
आईपीएल 2017 में पुणे की टीम ने इस बार एमएस धोनी को कप्तानी से हटाकर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया है. ऐसा सुनकर धोनी के सभी प्रशंसकों को जोर का झटका लगा.
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आईपीएल 2017 में पुणे की टीम ने इस बार एमएस धोनी को कप्तानी से हटाकर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया है. ऐसा सुनकर धोनी के सभी प्रशंसकों को जोर का झटका लगा और उसके बाद पुणे के मालिक गोयनका का ये बयान, कि हमें एक युवा कप्तान चाहिए था. लेकिन टीम के मालिक गोयनका को क्या पता था कि स्टीवन स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया भारत से टेस्ट सीरीज हार जाएगा.
स्मिथ ने टेस्ट सीरीज में कई ऐसे विवादित बयान और तीखी बातें कहीं है जिसके बाद इंडियन फैन्स उनको वैसे ही पसंद नहीं करते हैं. आइए जानते हैं इस बार आईपीएल में किन 5 तरह से हो सकती है धोनी की 'बेइज्जती'...
1. पहली बार बिना कप्तान आईपीएल खेले
आईपीएल में पहली बार हुआ कि एमएस धोनी किसी भी टीम के कप्तान नहीं है. धोनी पहली बार राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के कप्तान स्टीव स्मिथ की कप्तानी में खेलते हुए दिखाई दिए. आईपीएल के दर्शकों ने अब तक कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी को कप्तान के रूप में ही देखा है लेकिन इस बार धोनी सिर्फ एक विकेटकीपर और बल्लेबाज की हैसियत से खेलते हुए नजर आए. आकड़े देखें तो आईपीएल में धोनी सबसे कामयाब कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में चैन्नई की टीम 2010-2011 में दो बार चैंपियन बनी. हर बार चैन्नई की टीम को धोनी ने टॉप चार टीमों में पहुंचाया.
2. धोनी की कप्तानी का लोहा नजरअंदाज किया गया
आईपीएल-10 में पुणे की टीम ने सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार एमएस धोनी की जगह ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया है. वो भी उसे हटाकर जिसने टीम इंडिया को हर फॉर्मेट में विजयी बनाया. एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में विश्वकप और 2013 में चैपिंयस ट्रॉफी जीती. भारत धोनी की कप्तानी में ही पहली बार 2010 में टेस्ट में नंबर 1 बना था. लेकिन, अब आईपीएल में पुणे टीम के मालिक संजीव गोयनका ने कप्तानी के मामले में धोनी से ज्यादा स्टीव स्मिथ पर विश्वास किया है.
दोनों खिलाड़ियों का टी-20 में कप्तानी रिकॉर्ड को देखा जाए तो अनुभव और जीत के मामले में धोनी स्टीव स्मिथ से बहुत ज्यादा आगे दिखाई देते हैं. स्टीव स्मिथ की कप्तानी की बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने 8 टी-20 मैचों में 4 जीत और 4 हार उनके नाम दर्ज हैं जबकि वहीं एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 72 टी-20 मैचों में 42 जीत और 28 हार और 2 मैच ड्रॉ खेले हैं.
3. धोनी हमेशा चमत्कारी फैसलों के लिए जाने गए
कप्तान के रुप में एमएस धोनी अपनी मर्जी से फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाजी में तब्दीली करते थे. जिसमें उनको कामयाबी भी मिलती थी. हमेशा धोनी मैच में अचानक ऐसे निर्णय लेते थे जिससे सभी को हैरानी होती थी. जैसे कि हमने उनको 2016 में बांगलादेश के खिलाफ रोमांचक टी20 मैच में विकेट के पीछे एक दस्ताने वाला चौकस रुप देखा. उस मैच में धोनी ने एक दस्ताने से बांग्लादेशी खिलाड़ी को आउट कर टीम को जीत दिलाई. धोनी ने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भी सबको हैरान करने वाला निर्णय लिया था जब उन्होंने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया और टीम को जीत मिली थी. लेकिन इस बार आईपीएल में उनके चमतकारी फैसले फैन्स को काफी खल रहे हैं.
4. मैदान पर कैप्टन कूल वाला अंदाज
एमएस धोनी हमेशा एक बहतरीन लीडर रहे हैं. उन्होंने हमेशा टीम को लड़ना और जीतना सीखाया है. धोनी को मैदान पर हमेशा शांत स्वभाव और कभी किसी खिलाड़ी से स्लेजिंग करते हुए नहीं देखा गया है. एमएस धोनी जीत में भी और हार में भी टीम के साथ खड़े रहते हैं. धोनी कप्तानी में हमेशा अपने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने मे लगे रहते हैं. धोनी ने दबाव की स्थिति में आगे आकर टीम को संकट से निकाला हैं. ऐसे में आईपीएल में अब उनका ये अंदाज भी नहीं दिखेगा.
5. घरेलू खिलाड़ियों के लिए घोर निराशाजनक
आईपीएल में हमेशा ही देखा गया है कि फ्रेंचाइजी खरीदते समय देसी खिलाड़ियों के मुकाबले विदेशियों पर ज्यादा पैसा लगाते हैं. एक तरफ जहां इंग्लैंड के बेन स्टोक्स को 14.5 करोड़, टाइमल मिल्स को 12.5 करोड़ में खरीदा जाता है. वहीं टीम इंडिया के ईशांत शर्मा को खरीदने वाला कोई तैयार नहीं होता है. विदेशियों पर करोड़ों की बारिश होती है और भारतीय खिलाड़ियों को लाखों में भी नहीं खरीदा जाता है. टीम के मालिक घरेलू युवा खिलाड़ियों को खरीदने में कम दिलचस्पी दिखाते हैं. मतलब साफ है पैसा अपना, लीग अपनी और मौज विदेशी खिलाड़ियों की है.
कंटेंट : मोनू चहल, जो ichowk.in के साथ इंटर्नशिप कर रहे हैं
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